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लोकसभा-2024: राजनैतिक दल और अभ्यर्थी आदर्श आचार संहिता का अनुपालन सुनिश्चित करें

लखनऊ: मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 16 मार्च 2024 से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 हेतु आदर्श आचार संहिता लागू की गयी है। जिसके अन्तर्गत राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को लागू हुयी आचार संहिता का पालन करने की अपेक्षा की गयी है। आदर्श आचार संहिता के अनुपालन में कोई दल या अभ्यर्थी ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो भिन्न-भिन्न जातियों और समुदायों, चाहे वे धार्मिक या भाषायी हों, के बीच विद्यमान मतभेद को और अधिक बिगाड़े या परस्पर घृणा उत्पन्न करे या उनके बीच तनाव उत्पन्न करे। कोई भी प्रत्याशी दूसरे दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की निजी जिंदगी संबंधी आलोचना करने से बचेंगे।

निर्वाचन के दौरान वोट हासिल करने के लिए किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं के आधार पर कोई अपील नहीं की जाएगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों और पूजा के अन्य स्थानों का चुनाव प्रचार के मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सभी राजनैतिक दल और अभ्यर्थी ऐसी किसी भी गतिविधि जो भ्रष्ट आचरण एवं अपराध की श्रेणी में आते हैं, जैसे कि मतदाताओं को घूस देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण करना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार करना, मतदान समाप्ति के पहले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना, और मतदाताओं को मतदान केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए परिवहन आदि की व्यवस्था करना, जैसे कार्य नहीं करेंगे।

आदर्श आचार संहिता के दौरान शांतिपूर्ण स्थित बनाये रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, फिर चाहे राजनीतिक दल और अभ्यर्थी उसके विचारों या गतिविधियों से सहमत हों या न हों। कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी अपने अनुयायियों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी निजी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने, नारा लिखने की अनुमति नहीं होगी।

इस दौरान राजनैतिक दल और अभ्यर्थी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके समर्थक दूसरे दलों द्वारा आयोजित बैठकों और जुलूसों में न तो बाधा खड़ी करें और न ही उन्हें भंग करेंगे। किसी भी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता द्वारा अन्य दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक बैठकों में मौखिक या लिखित रूप में प्रश्न पूछकर या अपनी स्वयं की पार्टी के पर्चे बांटकर अव्यवस्था उत्पन्न नहीं करेंगे। किसी भी दल द्वारा उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाएगा, जहां दूसरे दल द्वारा बैठकें आयोजित की जा रही हो। किसी भी दल के द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाए जाएंगे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट: धनंजय सिंह की अर्जी में बुधवार को नहीं हो सकी सुनवाई

  • धनंजय सिंह की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज नहीं हो सकी सुनवाई
  • ⁠ज्यादा केस होने की वजह से टेकअप नहीं हो सकी धनंजय सिंह की अर्जी
  • ⁠धनंजय की अर्जी पर अब होली की छुट्टियों के बाद ही होगी सुनवाई
  • ⁠जौनपुर की स्पेशल कोर्ट से मिली 7 साल की सजा पर अगर रोक नहीं लगी तो धनंजय सिंह नहीं लड़ सकेंगे लोकसभा का चुनाव
  • ⁠जौनपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट से मिली 7 साल की सजा के खिलाफ धनंजय ने दाखिल की है क्रिमिनल अपील
  • ⁠अपील में सजा को रद्द किए जाने और फैसला आने तक जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई गई है
  • ⁠अदालत का अंतिम फैसला आने तक सजा पर रोक लगाए जाने की भी गुहार लगाई गई है
  • ⁠जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में आज होनी थी मामले की सुनवाई
  • ⁠अदालत ने अगर फैसला आने तक सजा पर रोक लगा दी तो धनंजय सिंह लड़ सकेंगे लोकसभा का चुनाव
  • ⁠7 साल की सजा होने की वजह से धनंजय सिंह अभी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं
  • ⁠पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से ज्यादा की सजा पाने वाला व्यक्ति नहीं लड़ सकता है चुनाव
  • ⁠जौनपुर की अदालत में 6 मार्च को धनंजय सिंह को सुनाई थी 7 साल की सजा
  • ⁠अपहरण के मामले में धनंजय को दोषी दरार देकर सजा का ऐलान किया गया था

कचनार के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे रामलला

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रेरणा लेकर सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों ने तैयार किए दो खास हर्बल गुलाल
  • गुरु गोरखनाथ को अर्पित फूलों से भी बनाया हर्बल गुलाल, औषधीय गुणों से है परिपूर्ण
  • संस्थान के निदेशक ने मुख्यमंत्री योगी को भेंट किए दोनों हर्बल गुलाल, मिली सराहना
  • त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष था कचनार, विरासत को मिल रहा सम्मान
  • कचनार फूलों का गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में, जबकि चंदन फ्लेवर में हैं गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए फूलों से बने गुलाल

लखनऊ: अवधपुरी के भव्य-दिव्य-नव्य मंदिर में विराज रहे श्रीरामलला इस बार कचनार के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे। विरासत को सम्मान देने के भाव के साथ सीएसआईआर-एनबीआरआई के वैज्ञानिकों ने कचनार के फूलों से बने गुलाल को खास तौर पर तैयार किया है। यही नहीं, वैज्ञानिकों ने गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर के चढ़ाए हुए फूलों से भी एक हर्बल गुलाल तैयार किया है। बुधवार को संस्थान के निदेशक ने दोनों खास गुलाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किए। मुख्यमंत्री ने इस विशेष पहल के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश के कई स्टार्ट-अप और उद्यमियों के लिए अधिक अवसर एवं रोजगार प्रदान करेगा। निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में रामायणकालीन वृक्षों का संरक्षण किया जा रहा है। विरासत को सम्मान और परंपरा के संरक्षण देने के यह प्रयास हमारे वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणास्पद है। इसी के तहत, संस्थान द्वारा श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या के लिए बौहिनिया प्रजाति जिसे आमतौर पर कचनार के नाम से जाना जाता है, के फूलों से हर्बल गुलाल बनाया गया है। कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था और यह हमारे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की सुस्थापित औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल आदि गुण भी होते हैं। इसी तरह, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर में चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल को तैयार किया गया है। इन हर्बल गुलाल का परीक्षण किया जा चुका है और यह मानव त्वचा के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है।

निदेशक ने बताया कि कचनार के फूलों से हर्बल गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में बनाया गया है, जबकि गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए हुए फूलों से हर्बल गुलाल चंदन फ्लेवर में विकसित किया गया है। इन हर्बल गुलाल में रंग चमकीले नहीं होते क्योंकि इनमें लेड, क्रोमियम और निकल जैसे केमिकल नहीं होते हैं। फूलों से निकाले गए रंगों को प्राकृतिक घटकों के साथ मिला कर पाउडर बनाया जाता है इसे त्वचा से आसानी से पोंछ कर हटाया जा सकता है। गुलाल की बाजार में बेहतर उपलब्धता के लिए हर्बल गुलाल तकनीक को कई कंपनियों और स्टार्ट-अप्स को हस्तांतरित किया गया हैं। वर्तमान में बाजार में उपलब्ध रासायनिक गुलाल के बारे में बात करते हुए, डॉ. शासनी ने कहा कि ये वास्तव में जहरीले होते हैं, इनमें खतरनाक रसायन होते हैं जो त्वचा और आंखों में एलर्जी, जलन और गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि हर्बल गुलाल की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यह अन्य गुलाल की तरह हाथों में जल्दी रंग नहीं छोड़ेगा। संस्थान द्वारा विकसित हर्बल गुलाल होली के अवसर पर बाजार में बिक रहे हानिकारक रासायनिक रंगों का एक सुरक्षित विकल्प है।

लखनऊ: उत्तरी ज़ोन के मड़ियांव थाने की पुलिस ने पकड़े शातिर वाहनचोर

  • पुलिस उपायुक्त उत्तरी अभिजीत आर शंकर की पुलिस टीम को मिली बड़ी सफलता
  • ⁠एसीपी अलीगंज बृजनारायण सिंह और प्रभारी निरीक्षक मडियांव शिवानंद मिश्रा की टीम को मिली सफलता
  • ⁠मडियांव पुलिस ने तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार करते हुए, एक बालअपचारी को लिया गया पुलिस संरक्षण में
  • ⁠मडियांव पुलिस ने गिरफ्तार चोरों के पास से चार देसी असलहे, 4 जिंदा कारतूस समेत चोरी की तीन मोटरसाइकिलें की बरामद
  • ⁠गिरफ्तार आरोपियों के ऊपर लखनऊ के अलग-अलग थानों में दर्ज है करीब आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमें
  • ⁠रवि रावत, सर्वेश भारती और अनिल सिन्हा को गिरफ्तार करते हुए मडियांव पुलिस ने एक बालअपचारी को भी लिया संरक्षण में
  • ⁠तीनों शातिर चोरों को चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर आईआईएम रोड के पास से पुलिस ने किया गिरफ्तार

बदायूं: दोहरे हत्याकांड पर पक्ष-विपक्ष वार

  • बदायूं की घटना पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान
  • ⁠बदायूं घटना पर बोले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
  • ⁠ये घटना प्रशासन, सरकार की नाकामी का नतीजा है- अखिलेश
  • ⁠जीरो टॉलरेंस वाली सरकार की नीति जीरो- अखिलेश
  • भाजपा हर घटना से राजनीतिक लाभ लेती है- अखिलेश

तो वहीं बदायूं मामले में Tweet कर सपा पर बरसे उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या

  • उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पोस्ट करके सपा पर निशाना साधा
  • ⁠कहा, सपा में नैतिकता बची हो तो बदायूं मामले राजनीति ना करे
  • ⁠बदायूं मामले को लेकर सपा मीडिया सेल ने बीजेपी पर लगाया था आरोप
  • ⁠सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की हो रही जमकर आलोचना
  • ⁠सोशल मीडिया यूजर बेतुकी पोस्ट पर भड़के
  • ⁠पोस्ट पर लोग जमकर निकाल रहे भड़ास