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2019 के पहले खुलेआम और अब प्रयागराज की नैनी जेल से चलता है माफिया करवरिया बन्धुओं का साम्राज्य, जेल ट्रांसफर न हुआ तो हो सकती है बड़ी घटना

  • शराब, यूपी के कई जनपदों में चल रहे बालू/मोरंग के घाटों पर अवैध खनन, कई सरकारी ज़मीनों पर अवैध कब्जे समेत अघोषित आय के तमाम अवैध कारोबार में लिप्त हैं करवरिया बन्धु
  • प्रयागराज लोकसभा सीट से टिकट न मिलने पर भाज़पा से बगावत
  • ⁠जवाहर पंडित उर्फ जवाहर यादव हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में इलाज के बहाने पेरोल में लगातार जेल से बाहर रहने करवरिया बन्धुओं को पेरोल न मिलने पर बेटों ने संभाली कमान, जेल से मिले कमांड पर करते हैं काम
  • ⁠कौशाम्बी के महेवाघाट थानाक्षेत्र के जमुनापुर बालू घाट में भी मानक को ताक में रखकर अवैध खनन करने के मामले में दी गई धमकी मामले में राजधानी लखनऊ में कार्यरत पत्रकार शिवसागर सिंह ने बीती 25 मई को महेवाघाट थाने में दर्ज करवाई एफआईआर, अपने व परिवार को इन लोगों से बताया खतरा

लखनऊ: तत्कालीन विधायक जवाहर पण्डित उर्फ जवाहर यादव हत्याकांड में प्रयोग हुई AK-47 से दहशत फैलाने में कामयाब हुए करवरिया बन्धुओं ने लगभग 3-4 दशक से आतंक फैला रखा है। गौरतलब है कि सपा विधायक विजमा यादव के पति जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की अगस्त 1996 में सिविल लाइंस में काफी हाउस के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। किसी भी कत्ल में पहली बार एके-47 इस्तेमाल हुई थी। जिस पर प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा लिखा गया था, जिसकी जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई थी। इस हत्याकांड में इन माफिया भाइयों के प्रभाव के चलते कोर्ट में ट्रायल ही लंबे समय तक रुका रहा। अंततः कार्यवाही शुरू होने पर तीनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पिछले कई वर्षों से तीनों करवरिया बंधु जेल में हैं। इस बीच पैरोल पर वे दो या तीन बार रिहा भी हुए थे।

2019 में करवरिया बन्धुओं को जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित हत्याकांड में हुई उम्रकैद की सजा के बावजूद इलाज के लिए एक महीने की ली गई पेरोल पर एक लंबे समय तक जेल से बाहर ही रहे। लेकिन मृत जवाहर पंडित की पत्नी और हत्याकांड की मुख्य पैरोकार सपा विधायक विजमा यादव ने बीते साल 2023 में हुए नगर निगम/नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत चुनाव में पेरोल में रहते हुए प्रयागराज शहर समेत शंकरगढ़, कौशाम्बी के मंझनपुर, चित्रकूट के राजापुर समेत तमाम चर्चित जगहों में चुनाव प्रचार की शिकायत करते हुए साक्ष्य के तौर पर फोटो व वीडियो कोर्ट में पेश किए और इन लोगों से खतरा बताया, जिसके बाद चुनाव के ही दौरान आनन-फानन में कोर्ट ने मामले की संवेदशीलता को समझते हुए इनकी पेरोल निरस्त की और इनके इलाज की सारी व्यवस्था जेल के अंदर ही करवाने को कहा और किसी भी स्थिति में इन्हें पेरोल देने से मना किया।

लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर भाजपा का किया आंतरिक विरोध

इन लोगों ने हाल ही में हो रहे लोकसभा चुनाव में प्रयागराज से टिकट न मिलने पर पार्टी से भी बगावत किया।करवरिया बन्धुओं के सगे रिश्तेदार कुख्यात माफिया विजय मिश्रा ने भी बगावती तेवर दिखाए थे। भाजपा सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उम्रकैद की सजा होने के कारण लगातार जमानत व पेरोल के लिए बेताब करवरिया बन्धुओं ने चुनाव में जमानत व पेरोल न मिलने पर भाजपा के प्रयागराज, फूलपुर, कौशाम्बी और बांदा-चित्रकूट के प्रत्याशियों का विरोध भी किया। राजनीतिक फायदे के लिए ये तीनों भाई अलग अलग राजनीतिक दलों को साधते चले आ रहे हैं और कभी भी किसी भी राजनैतिक दल में स्थिर नहीं रहे हैं, इस बार का लोकसभा चुनाव इसका जीता जागता प्रमाण है।

गौरतलब है कि पेशेवर माफिया और प्रयागराज की जघन्य हत्याकांड के आरोपी कपिलमुनि करवरिया, उदयभान करवरिया, सूरजभान करवरिया के अलावा उनके रिश्तेदार रामचंद्र तिवारी उर्फ कल्लू को जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में एक माह की पेरोल मंजूर हुई थी लेकिन जवाहर यादव की पत्नी और विधायक विजमा यादव की अर्जी पर कोर्ट ने इनके मंसूबों में पानी फेर दिया और तब से लेकर आज तक लगातार ये अपने बच्चों को उसी जरायम की दुनिया में भेजकर जेल से ही उनकी मॉनिटरिंग करते हैं और अवैध खनन जैसे सारे काले कारोबार ये जेल से ही चलाते हैं। इनसे जेल में मिलने वालों की संख्या, उनकी प्रवृत्ति और बिजनेस मॉडल पर अगर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो ये शहर में रहते किसी भी बड़ी घटना को जेल से ही अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। पांच साल से लगातार एक ही जेल में रहने से कहीं न कहीं जेल में भी इन्होंने गहरी पैठ बना ली है क्योंकि अगर जेल के अंदर मुलाकात करने पहुंचे लोगों को VIP ट्रीटमेंट मिलता है तो सोचने वाली बात है कि इनको जेल के अंदर कितना VVIP ट्रीटमेंट न मिलता होगा।

कौशाम्बी: अवैध खनन की खबर से बौखलाए खनन माफिया की नई चाल, पत्रकार पर लगा रहा निराधार आरोप

  • खनन माफिया के ही कौशाम्बी के समदा स्थित वशिष्ठ इंपीरियल होटल में माफिया के गुर्गे अरुण त्रिपाठी आदि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी
  • ⁠पत्रकार ने बताया कि मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने और प्रयागराज के जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में जमानत पाने के लिए बालू घाट से खुद का नाम अलग करने के लिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • ⁠इतना सब कुछ लिखने-दिखाने के बावजूद घाट में रातों दिन चल रहा अवैध खनन बन्द होने का नाम नहीं ले रहा
मानक को ताक में रखकर रात के अंधेरे में हो रहा अवैध खनन

कौशाम्बी: जिले के महेवाघाट थानांतर्गत जमुनापुर बालू घाट में प्रयागराज के तिलकनगर, अल्लापुर निवासी पट्टेधारक अरुण कुमार त्रिपाठी पुत्र भोलनाथ त्रिपाठी जो कि जवाहर पंडित हत्याकांड में उम्रकैद की सजा में जेल में बंद पेशेवर माफिया कपिल मुनि करवरिया का गुर्गा है। कौशाम्बी के समदा स्थित खनन माफिया के ही होटल में माफिया के ही गुर्गे पट्टेधारक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निराधार आरोप लगाए हैं।

इस मामले में पत्रकार शिवसागर सिंह ने बताया कि बीती 15 मई 2024 को मेरे द्वारा दैनिक स्वदेश में खबर लिखने के बाद पेशेवर माफिया कपिल मुनि करवरिया के बेटे वैभव करवरिया व उसके गुर्गों ने हमारे पिता जी के माध्यम से हमें देख लेने की धमकी दी थी। जिसके बाद हमने तहरीर दिया था लेकिन उस मामले में इन लोगों के द्वारा गलती मानने पर हमने अपने हस्तलिखित पत्र में किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने के लिए सम्बन्धित जिम्मेदारों को लिख कर दिया था। लेकिन उस पक्ष के लोग सुलह के लिए जो पत्र टाइप करवाकर भेजे थे उसमें हमसे कह रहे थे कि आप यह कह दो कि धमकी ही नहीं दी गई है, इसलिए वो बात मैंने लिखा नहीं और उसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लिया और महेवाघाट थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई। जिसकी विवेचना लंबित है, इसी मामले में सुलह के लिए माफिया तरह तरह के प्रयोग कर रहा है। वरना सभी जानते हैं कि प्रयागराज में जवाहर हत्याकांड जैसी जघन्य वारदात में जेल में बन्द माफिया ब्रदर्स से हम जैसा व्यक्ति रंगदारी वसूलने की कितनी क्षमता रखता है।

“स्वदेश” में लिखी इस खबर से बौखलाए खनन माफिया

अब उस खबर के मामले में बिना किसी तथ्य के हमारे खिलाफ इन लोगों ने जनपद के डीएम व एसपी के यहां शिकायती पत्र दिया है। जिसकी जानकारी हमें पिताजी ने दिया तो हमने उन्हें बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों से कहिए कि अपने स्तर से इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवा लें और अगर मैं कहीं भी गलत पाया जाता हूं तो मेरे खिलाफ कोई भी कार्रवाई मैं सहर्ष स्वीकार करूंगा लेकिन सिर्फ अवैध खनन करने व कार्रवाई से बचने के लिए इस प्रकार के निराधार आरोप लगाने वालों के खिलाफ पुनः एप्लीकेशन दूंगा और जनपद से लेकर शासन स्तर तक उचित कार्रवाई की मांग करूंगा।

मैं अपने सभी पत्रकार साथियों को यह भी अवगत करवाना चाह रहा हूं कि मेरी खबर को ये लोग मेरे भाई से भी जोड़ रहे हैं जबकि हमारे निजी मामलों के कारण बीते 6-7 महीने से भाई से मैं बात भी नहीं करता हूं।इस बात को मेरे गांव से लेकर पूरा क्षेत्र भी जानता है।मेरा भाई से बात न होने का प्रमाण जिम्मेदारों को मेरे नंबर की सीडीआर रिपोर्ट निकलवाकर भी मिल जाएगा। आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में बताना चाहता हूं कि मेरे भाई के ऊपर छुटपुट मामले जरूर दर्ज हैं लेकिन वर्तमान में उनकी पत्नी ग्राम पंचायत जमुनापुर से ग्राम प्रधान हैं और विकास खंड सरसवा के प्रधान संघ की अध्यक्ष भी हैं, जिनके प्रतिनिधि हमारे भाई ही हैं और एक जनप्रतिनिधि की भूमिका में लोगों के बीच मौजूद रहते हैं। खनन माफिया के लोग अवैध खनन लगातार जारी रखने के लिए ये नए-नए सगूफा छोड़ रहे हैं। ग्राम पंचायत जमुनापुर के स्थानीय लोग भी घाट में पार्टनर हैं जोकि राजनीतिक लाभ के लिए भी तमाम आरोप लगवा रहे हैं। जमुनापुर बालू घाट मामले में पट्टाधारक द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में कहना चाहता हूं कि खनन माफिया और विधायक जवाहर पंडित के हत्यारे करवरिया बन्धुओं ने अपने गुर्गे पट्टेधारक से मेरे खिलाफ जहर भले ही उगलवाया हो लेकिन इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को ध्यान से सुनिए और इनके मंसूबों को समझिए, प्रेस कॉन्फ्रेंस का मतलब सिर्फ इतना है कि मेरे और परिवार के ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएं और करवरिया बन्धुओं का नाम घाट से अलग किया जाए, जिससे जवाहर पंडित हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा में प्रयागराज की नैनी जेल में बंद तीनों भाइयों सूरजभान करवरिया, उदयभान करवरिया और कपिल मुनि करवरिया समेत साथ में बन्द लोगों को जमानत मिल जाए, जिससे ये लोग पुनः जरायम की दुनिया में आकर अपना साम्राज्य स्थापित कर सकें।

जमुनापुर घाट में नहीं बन्द हो रहा रात्रि का अवैध खनन

15 दिन से भी ज्यादा का समय हो गया, कौशाम्बी के महेवाघाट थानाक्षेत्र के जमुनापुर बालू घाट में खुलेआम मानक के विपरीत हो रहे अवैध खनन की खबर स्वदेश में लिखने के बाद लगातार एनजीटी से लेकर जिले के जिम्मेदार घाट तक तो पहुंचे लेकिन कार्यवाही सिर्फ खानापूर्ति तक ही रह गई क्योंकि उल्टा पट्टेधारक खुद ही पत्रकार के ऊपर आरोप भी लगाने लगा लेकिन जिम्मेदारों द्वारा जमुनापुर बालू घाट में खुलेआम रात-दिन हो रहे अवैध खनन को बन्द कराकर घाट संचालक के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज करवा मामले की हाई लेवल जांच करवाकर कार्यवाही करने की कोशिश नहीं की गई।

अंग्रेजी की ओर बच्चों की दौड़ ने हिन्दी के सम्मुख खड़ाकिया बड़ा संकट

  • पाठकों के मन और रुचि को समझने वाले हिन्दीपत्रपत्रिकाओं का निरंतर बढ़ रहा प्रसार और लोकप्रियता
  • एनयूजे लखनऊ की ‘हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां एवंसंभावनाएं‘ विषयक संगोष्ठी में बोले संपादक सुधीर मिश्रा
  • एमएलसी पवन सिंह चौहान ने कहा- हिन्दी पत्रकार हीवास्तविक अर्थों में करते हैं देवर्षि नारद की भूमिका का निर्वहन
  • प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम और के रविंद्र नायक बोले- डिजिटल क्रांति के बाद भी हिन्दी पत्रकारिता का भविष्यउज्ज्वल

लखनऊ: अंग्रेजी की ओर बच्चों की दौड़ ने हिन्दी के सम्मुख बड़ासंकट खड़ा किया है। अंग्रेजीदां स्कूलों ने हिन्दी को दोयम दर्जे परधकेल दिया है। हिन्दी समाचार पत्रों के सम्मुख चुनौतियां थोड़ीकम इसलिए हैं कि वह समाचारों को समग्रता में प्रस्तुत करते हैं।इलेक्ट्रॉनिक चैनल, सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे अन्य माध्यमआज हिन्दी पत्रकारिता के लिए चुनौती जरूर हो सकते हैं। उक्तउद्गार नवभारत टाइम्स के संपादक सुधीर मिश्रा ने व्यक्त किए।वह ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ पर नेशनल यूनियन ऑफजर्नलिस्ट्स, लखनऊ की ओर से कैंट रोड स्थित होटल दीप पैलेसमें आयोजित ‘हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा कि पाठकों के मन के भाव और रुचि को समझनेवाले हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं का प्रसार और लोकप्रियता निरंतर बढ़रही है। पाठकों के स्तर पर भी बदलाव की आवश्यकता है।पाठक जब यह कहेगा कि मैं कीमत चुकाऊंगा मुझे सही चीजदिखाओ, वह दिन हिन्दी पत्रकारिता का स्वर्णकाल होगा। अतिविशिष्ट अतिथि एमएलसी एवं एसआर ग्रुप के चेयरमैन पवन सिंहचौहान ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल था, हैऔर रहेगा। देवर्षि नारद की भूमिका का निर्वहन वास्तविक अर्थों मेंहिन्दी पत्रकार ही करते हैं। हिन्दी पत्रकारों के लिए समाज को भीसहयोग का भाव रखना होगा। हिन्दी पत्रकारों को समय के साथस्मार्ट बनना होगा, समस्या स्वतः दूर होगी।

मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेशकुमार मेश्राम ने कहा कि चुनौतियों का अध्ययन करते समय हीसंभावनाएं निकलती हैं। हिन्दी भाषा, हिन्दी साहित्य, हिन्दीपत्रकार और हिन्दी पत्रकारिता पर बिलकुल भी संकट नहीं है।हिन्दी के प्रति प्रेम और समर्पण सदैव बना रहेगा। साधन औरसाध्य के मध्य अंतर को बनाए रखना होगा। तकनीक के साथस्वयं को अपडेट कर इस चुनौती से निपटा जा सकता है। मुख्यअतिथि द्वै प्रशासनिक सुधार एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग केप्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक औरसोशल मीडिया की क्रांति के बावजूद भी हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं केलिए अपार संभावनाएं हैं। अच्छे पत्रकारों के प्रति पाठक वर्ग मेंअभी भी बहुत आदर और सम्मान का भाव रहता है। अच्छे पत्र औरपत्रिकाएं अब भी पाठक खोजकर पढ़ते हैं। राज्य सूचना आयुक्तस्वतंत्र प्रसाद गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए।

अमृत विचार के स्थानीय संपादक अनिल त्रिगुणायत ने कहा किहिन्दी पत्रकारिता के लिए यह सुखद पहलू है कि हालिया रीडरसर्वे के अनुसार हिन्दी अख़बारों का प्रसार निरंतर बढ़ रहा है।पाठक आज भी पत्र-पत्रिकाओं को खोजकर पढ़ना चाहता है, शर्तयह है कि आपके कॉन्टेक्ट में वो बात होनी चाहिए। अख़बारों कीभूमिका अब सिर्फ़ सूचना देना भर नहीं है, उनकी भूमिका समाजऔर भावी पीढ़ी को सकारात्मकता की ओर बढ़ाना भी है। हिन्दीपत्र-पत्रिकाओं के सामने परंपराओं, मूल्यों, संस्कृतियों को सहेजनेऔर संवारने की भूमिका को भी अपने हाथ में लेना होगा। यूनाइटेड भारत के संपादक मनोज मिश्रा ने कहा कि समय केसाथ पत्रकारिता में सहजता आई है। क्षेत्रीय भाषा-भाषी क्षेत्रों मेंहिन्दी पत्र-पत्रिकाओं को स्थापित करना अब उतना मुश्किल नहींहै। सदियों के संघर्ष के बाद हिन्दी पत्रकारिता के लिए वर्तमान मेंइतनी सर्वाधिक सुगम स्थितियां हैं, इससे यह तय है कि हिन्दीपत्र-पत्रिकाओं का भविष्य सुखद है।

राष्ट्रीय सहारा के समाचार संपादक रामेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा किसबसे बड़ा संकट है सीखने-सिखाने की परंपरा का ख़त्म होना है।पत्रकारिता में अभ्यास से लेखनी में धार आती है। डिजिटलमीडिया क्रांति के बावजूद हिन्दी पत्र-पत्रिकाएँ और पत्रकारिताकभी खत्म नहीं होने वाली है। बदलती तकनीक के दौर में हमेंस्वयं को अपडेट करना होगा। नूतनता को अंगीकार हम मौजूदाचुनौतियों से पार पा सकते हैं। बाबा साहब भीमराव केंद्रीयविश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की एसोसिएटप्रो.रचना गंगवार ने कहा कि न्यू मीडिया, भाषा की समझ का कमहोना और सिटीजन जर्नलिस्ट की उपस्थिति हिन्दी पत्रकारिता केलिए बड़ी चुनौती है। जीने के लिए खाना और खाने के लिए कमानेकी चुनौती आज के हिन्दी पत्रकारों के सम्मुख सर्वाधिक है।

जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन केनिदेशक उपेंद्र पाड़ेय ने कहा कि हिन्दी पत्रकारों में भाषा, शिल्प, कथ्य और विषय की समझ कमजोर होना बड़ी समस्या है।पत्रकारिता में हिन्दी की लोकप्रियता सदैव बनी रहेगी। संभावनायह है कि हिंदुस्तान में हिन्दी रहेगी, हिन्दी पत्रकारिता रहेगी, हिन्दीको प्रेम-स्नेह करने वाले लोग रहेंगे, इसलिए अधिक निराश होनेकी आवश्यकता नहीं है। हिन्दी संस्कार की भाषा है और संस्कारकिसे प्रिय नहीं होगा

लखनऊ पब्लिक कॉलेजिएट में पत्रकारिता एवं जनसंचार केहेड डॉ.नीरज सिंह ने कहा कि पत्रकारिता की चुनौतियों को जबआप देखेंगे तो उसमें ही संभावनाएं निकलेंगी। आज की सबसेबड़ी चुनौती यह है कि हिन्दी की कमाने और खाने वाले लोग भीबच्चों को हिन्दी पढ़ने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहते हैं। मीडियासंस्थान आज के दौर में अपनी सैलरी रिवाइज नहीं कर पा रहा है।मैं शिक्षक के तौर पर स्वयं को लगातार असफल पाता हूं किहमारे मीडिया के छात्र मुख्यधारा के बजाय वैकल्पिक मीडिया मेंअपना भविष्य खोज रहे हैं।

अध्यक्षता कर रहे वीरेंद्र सक्सेना ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता परसामयिक संगोष्ठी में सहभागिता के लिए आभारी हूं। इस मौके परएनयूजे-आई के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी, एनयूजे, उत्तर प्रदेश के संरक्षक द्वै के. बक्श सिंह एवं सुरेंद्र कुमार दुबे, एनयूजे-आई स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन केउपाध्यक्ष अजय कुमार, वॉयस ऑफ लखनऊ के संपादक मनोजवाजपेयी, दैनिक भास्कर डिजिटल के समाचार संपादक/स्टेटहेड गौरव पांडेय एवं रेडक्रॉस सोसाइटी कीप्रदेश महासचिव डॉ.हेमा बिंदु नायक, वरिष्ठ पत्रकार श्रीधरअग्निहोत्री, उमेश सिंह, विवेक पाण्डेय ने भी  विचार व्यक्त किए।

इस दौरान प्रदेश महामंत्री संतोष भगवन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपमचौहान, प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.अतुल मोहन सिंह, प्रदेशउपाध्यक्ष हिमांशु सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अरुण शर्मा’टीटू’, जिलाध्यक्ष आशीष मौर्य, महामंत्री पद्माकरपांडेय, कोषाध्यक्ष अनुपम पांडेय, उपाध्यक्ष अभिनव श्रीवास्तव, मीनाक्षी वर्मा, मनीषा सिंह, मनीष श्रीवास्तव, अनिल सिंह, मीडियाप्रभारी शिव सागर सिंह चौहान, संगठन मंत्री अश्विनी जायसवाल, मंत्री पंकज सिंह चौहान, नागेंद्र सिंह, संगीता सिंह, गरिमा सिंह, कार्यकारिणी सदस्य श्यामल त्रिपाठी, धीरेंद्र मिश्रा, डॉ.संजीवपांडेय, मोहन वर्मा, अखिलेश मयंक समेत सैकड़ों पत्रकार मौजूद रहे।

गाजियाबाद: “संघ नींव में विसर्जित पुष्प” प्रदर्शनी में दिखी संघ की “अतीत से वर्तमान” तक की यात्रा

  • पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड का 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग—प्रथम शुरू
  • नेहरू नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में आयोजित वर्ग एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन
  • प्रदर्शनी में संघ कार्यक्षेत्र एवं सामाजिक कार्यो को देख अभिभूत हुए नागरिक

गाजियाबाद: देशभर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वैचारिक प्रभाव बढ़ने के साथ ही नागरिकों के बीच में संघ और उसके कार्यक्षेत्र के बारे में जानने समझने की ललक बढ़ती जा रही है। आज नागरिक विभिन्न विषयों पर संघ के विचार तथा इसकी कार्यप्रणाली से परिचित होना चाहते हैं। आम नागरिकों को संघ और इसके कार्यक्षेत्र के बारे में अनुकरणीय व महत्वपूर्ण जानकारी देती एक प्रदर्शनी का शनिवार को नेहरू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड क्षेत्र के विकास वर्ग-प्रथम में शुभारंभ किया गया। वर्ग एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचारक महेंद्र शर्मा ने किया। प्रदर्शनी का अवलोकन करने बड़ी संख्या में नगर के प्रबुद्ध नागरिक, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन व मातृशक्ति विद्या मंदिर पहुंचे। तेजोमय प्रतिबिम्ब तुम्हारे (संघ नींव में विसर्जित पुष्प) इस विषय पर लगी प्रदर्शनी में एक सामाजिक–सांस्कृतिक संगठन होते हुए भी संघ ने भारतीय समाज को राष्ट्रभाव की ओर कैसे परिवर्तित किया है और संघ स्थापना से लेकर वर्तमान तक की स्वयंसेवक पीढ़ी ने समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जो अनुकरणीय कार्य किए, यह सब चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया। प्रदर्शनी में वर्ष 1925 में पूजनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी द्वारा संघ स्थापना से लेकर वर्तमान तक के सरसंघचालकों के जीवनवृत्त को पूर्ण जानकारी के साथ चित्रों पर उकेरा गया है। साथ ही भारतवर्ष में प्रत्येक राज्य एवं प्रत्येक जिले में संघ अपनी 57,000 से अधिक शाखाओं के माध्यम से किस प्रकार सामाजिक कार्य कर रहा है, इसे भी दर्शाया गया है। संघ के स्वयंसेवक समाज में 1.50 लाख सेवा कार्य कर रहे हैं, इसकी भी प्रदर्शनी में जानकारी प्राप्त कर आगन्तुक अभिभूत दिखायी दिए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने देश को आजाद कराने में भी अपनी भूमिका निभाई है। स्वयंसेवकों द्वारा प्राकृतिक आपदाओं में की गयी सहायता, कश्मीर की समस्या या आतंकवाद हर समस्या में संघ राष्ट्र के साथ-साथ खड़ा है, इसकी झांकी प्रदर्शनी में देखने को मिली। साहित्य, संगीत, कला, विज्ञान, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, मातृशक्ति, स्वरोजगार आदि क्षेत्रों में स्वयंसेवकों द्वारा विविध संगठनों के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के बारे में वर्ग में लगी प्रदर्शन के माध्यम से जानकारी देने का प्रयास किया गया है।वर्ग के पालक एवं पश्चिमी उप्र एवं उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख पद्म सिंह ने बताया कि हर समाज में देशभक्त, अनुशासित, चरित्रवान और नि:स्वार्थ भाव से काम करने वाले लोगों की आवश्यकता रहती है। संघ ऐसे लोगों को तैयार कर उनको संगठित करने का कार्य करता है। ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में हमारा देश सर्वश्रेष्ठ हो, आथिक दृष्टि से वह स्वावलंबी और सम्पन्न हो, इसके लिए संघ संपूर्ण समाज को संगठित करने का प्रयास करता है और कार्यकर्ता विकास वर्ग इसका एक सोपान है। वर्ग में आयोजित प्रदर्शनी समाज को एक दृष्टि देती है कि भारत का जीवन एक प्राचीन विचार है, एक चिंतन है। यह जीवन दृष्टि एकात्म और सर्वांगीण है और यही जीवन दृष्टि भारत की पहचान है।

पद्म सिंह ने बताया कि 20 दिवसीय वर्ग 26 मई से 16 जून तक आयोजित होगा। संस्कार की इस पाठशाला में पश्चिम उप्र (ब्रज, मेरठ एवं उत्तराखण्ड) से लगभग 300 स्वयंसेवक राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ शारीरिक, बौद्धिक, अनुशासन, व्यवस्था और संस्कार का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। वर्ग में समय-समय पर अन्य विषयों पर प्रदर्शनी का आम नागरिक अवलोकन कर सकेंगे। प्रदर्शनी के उद्घाटन में प्रमुख क्षेत्राधिकारी आनंद (संपर्क प्रमुख), नरेश (शारीरिक प्रमुख), तपन (सह प्रचार प्रमुख), चंद्र शेखर (गौ सेवा प्रमुख), वर्ग के व्यवस्था प्रमुख योगेंद्र, सह व्यवस्था प्रमुख नवीन एवं मनमीत आदि बंधु उपस्थित रहे।

जौनपुर पत्रकार हत्याकांड: एनयूजे ने मुख्यमंत्री से की मांग, जौनपुर के पत्रकार के हत्यारों को जल्द मिले सख्त सजा

  • मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर आशुतोष श्रीवास्तव के परिजनों के लिए मांगी आर्थिक मदद
  • प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद से मिला एनयूजे का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल

लखनऊ: जौनपुर के दिवंगत पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव के हत्यारों को जल्द और सख्त सजा मिले, ऐसी मांग एनयूजे की उत्तर प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना, प्रदेश संरक्षक द्वे के बक्श सिंह एवं अजय कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान एवं लवकेश सिंह ने बुधवार को लोकभवन स्थित कार्यालय में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद से भेंट कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से हत्यारोपियों के लिए सख्त सजा और परिजनों के लिए आर्थिक सहायता की मांग उठाई गई है।

एनयूजे के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश भर में उनके बेहतर कानून-व्यवस्था के मॉडल को लेकर सराहा जा रहा है। इसी कड़ी में उनसे यह अपेक्षा भी बढ़ जाती है कि पत्रकारों की कलम रोकने की हिमाकत करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी ऐसी सख्त कार्रवाई कर नजीर स्थापित करें। आशा है मुख्यमंत्री ऐसी व्यवस्था करेंगे कि पत्रकारों की कलम रोकने की कोशिश करने से पहले माफिया सौ बार सोचेंगे।एनयूजे के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को जौनपुर के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की नृशंस हत्या के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की 13 मई, 2024 को जौनपुर में गोली मारकर गोतस्करों द्वारा हत्या कर दी गई थी। अभी तक इस घटना में नामजद आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाना तो दूर पकड़ा तक नहीं जा सका है। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती जा रही है। श्री श्रीवास्तव ने अपनी हत्या से पूर्व पुलिस से इस बात की शिकायत भी की थी कि कुछ अराजक तत्व उनकी जान के पीछे पड़े हैं। इसके बावजूद भी पुलिस ने उनकी शिकायत की कोई परवाह नहीं की, जिसका परिणाम यह हुआ की श्री श्रीवास्तव असमय ही काल के गाल में समा गए।

प्रदेश संरक्षक के बक्श सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्रकारों के लिए मजबूत सुरक्षा कानून बनाने की मांग लाजमी है। हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़ा कदम उठाएंगे। संरक्षक अजय कुमार ने कहा कि आशुतोष श्रीवास्तव के मामले में लापरवाह जौनपुर पुलिस और प्रशासन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपी का पुलिस हिरासत से भाग जाना घोर लापरवाही है। पुलिस एक सप्ताह से उसे खोजते फिर रही है, अभी तक वह पुलिस की पकड़ से बाहर ही है।

प्रदेश कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्रकारों को काफी अपेक्षाएं हैं। पत्रकारों के लिए मजबूत सुरक्षा कानून बनाया जाना अति आवश्यक हो गया है। जिससे पत्रकार भाई-बहन भी निर्भयतापूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें। उन्होंने कहा कि कई बार मौखिक और लिखित रूप में इस मांग को उठाने के बावजूद सरकार एवं शासन का ध्यान इस ओर नहीं गया है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि पत्रकारों को सच उजागर करने पर अपराधियों और माफियाओं की गोली का शिकार होना पड़ रहा है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी/प्रवक्ता डॉ.अतुल मोहन सिंह ने बताया कि एनयूजे प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर जौनपुर के दिवंगत पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव के परिवार के भरण-पोषण के पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग उठाई है। इसके साथ ही, भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए प्रदेश के सभी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके,ऐसी स्थायी व्यवस्था करने का आग्रह किया है।