Home Blog Page 921

रुद्राक्ष, युक्ति एवं मुक्ति देने वाला चमत्कारिक वृक्ष- डॉ. राजेश्वर सिंह

  • सोमवार को सरोजनीनगर में रोपे जायेंगे रुद्राक्ष के 200 वृक्ष, विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह उपलब्ध कराएँगे पौधे
  • पूरी विधानसभा में 6 स्थानों पर 1-1 रुद्राक्ष का पौधा लगाकर सोमवार को डॉ. राजेश्वर सिंह करेंगे रुद्राक्ष वृक्षारोपण महा अभियान की शुरुआत
  • सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का वृक्षारोपण महाभियान, सावन के चौथे सोमवार पर रोपेंगे रुद्राक्ष के पौधे

लखनऊ: सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सोमवार को रुद्राक्ष के 200 पौधे रोपे जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत रुद्राक्ष के इन पौधों को विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा शुरू की गयी सावन माह के सोमवार के अवसर पर रुद्राक्ष पौधरोपण महा अभियान के अंतर्गत लगाया जायेगा।

विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह स्वयं दोपहर 12 बजे श्री जग्दम्बेश्वर महादेव मंदिर सेक्टर – के आशियाना, दोपहर 12:40 बजे श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर, वृन्दावन योजना सेक्टर -11, दोपहर 01:20 बजे बिजनौर स्थित शीतला माता मंदिर के सामने श्री शिव मंदिर, ग्राम कुरौनी स्थित राजकीय हाई स्कूल में दोपहर 02:00 बजे, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सरोजनी नगर में दोपहर 02:40 बजे और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बेहटा में दोपहर 03:00 बजे रुद्राक्ष के पौधे रोपित कर इस महा अभियान की शुरुआत करेंगे। पौधों की सुरक्षा के लिए उन्हें ट्री गार्ड से घेरा भी जाएगा। इस दौरान विधायक द्वारा सभी 6 स्थानों पर स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों को ताराशक्ति केंद्रों पर निर्मित इको फ्रेंडली बैग्स में रखकर 20 -20 आम के पौधे भी प्रदान किये जाएंगे।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स(ट्विटर) पर लिखा रुद्राक्ष = रूद्र (शिव) + अक्ष (आँख) रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रु से हुई मानी जाती है! शिव पुराण के अनुसार मानव कल्याण के निमित्त चिर ध्यान योग मुद्रा के उपरान्त जब भगवान शिव ने आंखें खोलीं तो आंसुओं की बूंदे गिरीं जिससे धरती पर रुद्राक्ष के वृक्ष अस्तित्व में आए।रुद्राक्ष के दर्शन, स्पर्श, रुद्राक्ष पर जप करने मात्र से प्राणियों को धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष चारों पुरुषार्थों का लाभ प्राप्त होता है।

डॉ. सिंह ने क्षेत्रवासियों का आह्वान करते हुए आगे लिखा कि सरोजनीनगर के 60 प्राचीन मंदिरों, पार्कों व अन्य महत्वपूर्ण सार्वजिक स्थलों पर अबतक 200 हैण्डपंप लगवाए गये हैं, दिनांक 12 अगस्त को पवित्र श्रावण माह के सोमवार के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से इस सभी 200 जल संतृप्त स्थलों पर 200 रुद्राक्ष के पौधे रोपे जायेंगे। रुद्राक्ष युक्ति एवं मुक्ति देने वाला चमत्कारिक वृक्ष है, रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं, भागवत पुराण के अनुसार जिस घर में एकमुखी रुद्राक्ष रहता है, उस घर से लक्ष्मी जी कभी दूर नहीं जाती। रुद्राक्ष धारण करने से हाई और लो बीपी और ह्रदय रोगों के नियंत्रण में लाभ मिलता है। रुद्राक्ष दिव्यशक्ति वाला एक सदाबहार, घना छायादार वृक्ष है, इसकी ऊँचाई 50 से 200 फीट तक होती है, 3 से 4 वर्ष में रुद्राक्ष के वृक्ष पर फल आने लगते हैं। रुद्राक्ष के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जिनसे सिरदर्द, माइग्रेन और मानसिक रोगों का उपचार किया जाता है। रुद्राक्ष के फल और छिलकों का उपयोग सर्दी, फ़्लू और बुखार के उपचार में किया जाता है। प्रकृति के संरक्षण के लक्ष्य के साथ धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व की इस अनोखी पहल – ‘रुद्राक्ष’ में सहभागिता के लिए सरोजिनीनगर परिवार के सभी सदस्यों का आह्वान है।

स्वतंत्रता हमें मुफ़्त नहीं मिली; देश की अनगिनत बहादुर आत्माओं के बलिदान से अर्जित की गई – डॉ. राजेश्वर सिंह

  • काकोरी काण्ड और अगस्त क्रान्ति दिवस पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने अमर शहीदों को किया नमन, ट्वीट कर शहीदों के प्रति व्यक्त की कृतज्ञता
  • क्रांतिवीरों का अमर बलिदान, हमारी स्वतंत्रता की नींव है – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • जिस राष्ट्र निर्माण के लिए क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व अर्पित किया, उसका सम्मान और संरक्षण हमारा प्रमुख कर्तव्य – डॉ. राजेश्वर सिंह

लखनऊ: शुक्रवार को देश भर में काकोरी एक्शन कांड की 100वीं वर्षगांठ और भारत छोड़ो अगस्त क्रांति दिवस पर अमर शहीदों को याद किया गया। इस अवसर पर सरोजनीनगर भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भी स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के साहस, समर्पण और बदिलान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

विधायक सरोजनीनगर ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर लिखा, स्वतंत्रता वास्तव में कभी मुफ़्त नहीं होती; यह बहादुरों के बलिदान से खरीदी जाती है। हमारी स्वतंत्रता अनगिनत बहादुर आत्माओं के अंतिम बलिदानों के माध्यम से अर्जित की गई थी, जिनमें से कई युवा नायक थे जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अपना भविष्य त्याग दिया। मात्र 23 वर्ष की उम्र में भगत सिंह ने अदम्य साहस के साथ “इंकलाब जिंदाबाद” का उद्घोष करते हुए फांसी के फंदे को गले लगा लिया। केवल 18 वर्ष के खुदीराम बोस सबसे कम उम्र के शहीदों में से एक थे, जिन्होंने क्रांति के बीज बोते हुए, मुस्कुराते हुए फाँसी का सामना किया। कभी भी जिंदा न पकड़े जाने की कसम खाने वाले चन्द्रशेखर आजाद ने महज 24 साल की उम्र में अंग्रेजों से घिर जाने के बाद खुद को गोली मार कर मातृभूमि से किया अपना वादा पूरा किया।अशफाक उल्ला खान की बहादुरी, जिन्हें 27 साल की उम्र में फाँसी दे दी गई, और सुखदेव थापर, जिन्होंने भगत सिंह के साथ समर्पण के बजाय मौत को चुना, हमें आज़ादी की कीमत की याद दिलाते हैं।

डॉ. सिंह ने आगे लिखा अकेले 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 10,000 से अधिक शहीद हुए और 60,000 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में डाल दिया गया था। जलियांवाला बाग नरसंहार, जहां 1,000 से अधिक निर्दोष लोग मारे गए थे और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन, जहां 100,000 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए थे, स्वतंत्रता की कीमत की याद दिलाते हैं। ये केवल संख्याएँ नहीं हैं – ये युवाओं की, बलिदान किए गए सपनों की, देश के लिए स्वेच्छा से निर्धारित किए गए भविष्य की कहानियाँ हैं।

अंत में सरोजनीनगर विधायक ने लिखा कि आज, चूँकि हम स्वतंत्रता के विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं, आइए हम गहरी कृतज्ञता और गर्व से अपना सिर झुकाएँ। उनका बलिदान हमारी स्वतंत्रता की नींव है, और जिस राष्ट्र के लिए उन्होंने अपना जीवन दिया, उसका सम्मान और संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। जय हिंद!

पंचायती राज: सूबे की पंचायतों में बुनियादी सुविधायें मुहैया कराने के लिए 1598.80 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त

  • प्रदेश की समस्त जिला पंचायतों, ग्राम पंचायतों व क्षेत्र पंचायतों में भेजी जाएगी धनराशि
  • अवमुक्त धनराशि से पंचायतों में विकास संबंधी कार्य कराये जायेंगे
  • इस पैसे से नाली, खडंजा, लाइटिंग, सौंदर्यीकरण आदि विकास के कार्य किए जाएंगे
  • प्रदेश की 75 जिला पंचायतों को 239.82 करोड़ रूपये, 826 क्षेत्र पंचायतों को 239.82 करोड़ रूपये व 57691 ग्राम पंचायतो को 1119.16 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य स्तर से ई-कुबेर तथा कोषागार के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी

लखनऊ: प्रदेश की पंचायती राज्य संस्थाओं में आधारभूत ढांचागत विकास और बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बुनियादी अनुदान (अन्टाइड ग्रान्ट) की प्रथम किश्त के रूप में 1598.80 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।

यह जानकारी देते हुए पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि अवमुक्त धनराशि से पंचायतों में विकास संबंधी कार्य कराये जायेंगे। इसमें नाली, खड़जा, लाइटिंग सौंदर्यीकरण आदि के कार्य होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी भी पंचायते बेहतर हो, लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिलें इसके लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है।

पंचायतीराज मंत्री ने बताया कि कुल 75 जिला पंचायतों को 239.82 करोड़ रूपये, 826 क्षेत्र पंचायतों को 239.82 करोड़ रूपये, 57691 ग्राम पंचायतो को 1119.16 करोड़ रूपये की धनराशि राज्य स्तर से ई-कुबेर तथा कोषागार के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देश पर प्रदेश की समस्त त्रि-स्तरीय ग्रामीण निकायों का पंजीकरण ई-कुबेर के डीडीओ लॉगिन पर कराने तथा धनराशि हंस्तातरण के लिए प्रावधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के निर्देश दिए गये थे। ऑटोमैटिक रिसीट लेने हेतु ट्रेजरी पोर्टल (ई-कुबेर) पर त्रि-स्तरीय ग्रामीण निकायों के पंजीकरण की कार्यवाही पूर्ण करा ली गई है।

लखनऊ: डीसीपी नॉर्थ अभिजित आर.शंकर की टीम को मिली बड़ी कामयाबी, दबोचे गए शातिर स्नैचर

  • गुडंबा पुलिस व डीसीपी उत्तरी की क्राइम टीम ने दो शातिर स्नैचरों को दबोचा
  • डीसीपी उत्तरी अभिजित आर शंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया मामले का खुलासा
  • ⁠शातिर स्नैचर अभिषेक पाण्डेय पर दर्ज हैं 15 आपराधिक मुक़दमे, वहीं स्नैचर चंद्र प्रकाश राय पर दर्ज हैं 12 मुक़दमे
  • ⁠इंस्पेक्टर गुडंबा नितीश कुमार श्रीवास्तव व डीसीपी उत्तरी क्राइम टीम प्रभारी विश्वनाथ प्रताप सिंह व टीम ने की अहम गिरफ्तारी
  • स्नैचरों के कब्जे से लूट की चेन, अवैध तमंचा, कारतूस व घटना में प्रयुक्त चोरी की मोटरसाइकिल बरामद

फतेहपुर: जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण भ्रष्ट विभागों के लिए बना मुसीबत

फतेहपुर: जनपद में कुछ विभाग ऐसे हैं जो इन दिनों काफी भयभीत हैं। इन विभागों में हर समय जिला अधिकारी सी.इंदुमति के औचक निरीक्षण का भय सताता रहता है। आधा दर्जन से अधिक विभाग जिला अधिकारी के औचक निरीक्षण के दायरे में आ चुके हैं। निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को लेकर न केवल उन्हें जिला अधिकारी के गुस्से का शिकार होना पड़ा बल्कि विभागीय कार्रवाई का भी सामना करना पडा है। अभी भी कई ऐसे विभाग हैं जहां औचक निरीक्षण किया जा सकता है। जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई विभागों की लिस्ट में कभी भी औचक निरीक्षण किया जा सकता है।

रोंका गया कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों का वेतन

जनपद मुख्यालय में स्थित कुछ विभागों से लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें जिलाधिकारी को प्राप्त हो रही थी। मिलने वाली शिकायतो को आधार मान कर जिलाधिकारी ने विभागों को चिन्हित किया। औचक निरीक्षण के जरिए भ्रष्टाचार को दूर करने का संकल्प लेते हुए जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई विभागों में खलबली मच गई। एक के बाद एक कार्यालय औचक निरीक्षण के दायरे में आने शुरू हो गए। कुछ पर कार्रवाई हुई तो कुछ को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया कुछ कर्मचारियों का वेतन भी रोका गया।

औचक निरीक्षण के अभियान से दूर-दूर तक नहीं नजर आ रहे दलाल

जिलाधिकारी का औचक निरीक्षण इन दिनों काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता के बीच चर्चा तो हो ही रही है लेकिन भ्रष्टाचार में डूबे विभागों में भी औचक निरीक्षण की चर्चा अधिक है और भयभीत है। दलाल से लेकर बाहरी व्यक्ति दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे, यूं कहें की सब कुछ ठीक-ठाक है। भ्रष्टाचार को लेकर सवाल हमेशा पूछा गया है और भविष्य में पूछा जाएगा। अभी भी खंड विकास कार्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों में संचालित होने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार में गोते लगा रही है। विद्युत विभाग से लेकर तहसील मुख्यालय में भी औचक निरीक्षण की जरूरत है।