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लखनऊ: पूर्वी भाग में धूमधाम से आयोजित की गई मटकी फोड़ प्रतियोगिता

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के पूर्व भाग में श्री कृष्णा जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का कार्यक्रम संपन्न हुआ, प्रतियोगिता के पश्चात क्षेत्र प्रचार प्रमुख पूर्वी उत्तर प्रदेश सुभाष जी का पाथेय प्राप्त हुआ। जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण जन्मोत्सव के संपूर्ण जीवन काल को परिभाषित किया, जिससे समाज से आए हुए लोगों का उत्साहवर्धन हुआ।

इस अवसर पर सह-प्रांत संघचालक सुनीत खरे जी, भाग संघचालक प्रभात जी, सह भाग संघचालक अरूण जी, भाग कार्यवाह मनुदेव जी, भाग सायं प्रचारक कमलेश जी, भाग विद्यार्थी कार्य प्रमुख विश्व राज, भाग सह-विद्यार्थी कार्य प्रमुख भावेश जी, भाग महाविद्यालयीन विद्यार्थी कार्य प्रमुख योगेन्द्र जी सहित अन्य दायित्वधारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम में कुल संख्या 312 रही।

बड़ी खबर: रूस के सारातोव में बहुमंजिला इमारत में ड्रोन से अमेरिका के 9/11 जैसा बड़ा हमला

मास्को: रूस के सारातोव में एक बहुमंजिला बिल्डिंग में अमेरिका के 9/11 जैसा बड़ा हमला होने की खबर आ रही है। अमेरिका के बर्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों में हवाई जहाज घुस गए थे जबकि सारातोव की इस बहुमंजिला बिल्डिंग में ड्रोन घुस गया।

ड्रोन के इमारत से टकराते ही कई मंजिलों से आग की लपटे व धुंआ उठता देखा गया तथा भारी चीख पुकार मच गई। इस हमले में हताहतों के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन कहा जा रहा है कि इस हमले में बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हुए हैं। बचाव एवं राहत कार्य शुरू कर दिया गया है।

कहा जा रहा है कि इस हमले के पीछे यूक्रेन का हाथ है, उसी की सेना द्वारा ये ड्रोन भेजा गया। इस भीषण हमले से रूस यूक्रेन के बीच युद्ध रुकने के बजाय और तेज हो सकता है। रूस जैसी महाशक्ति के लिए ये हमला एक बड़ी चुनौती बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि ये हमला तो किसी बड़े हमले का प्रयोग है।

धार्मिक पर्व: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व

लखनऊ: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘गोकुलाष्टमी’ या ‘कृष्णाष्टमी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास (अगस्त-सितंबर) में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। श्रीकृष्ण को विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है, जिन्होंने धरती पर अवतार लेकर अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना की।

पौराणिक कथा: श्रीकृष्ण का जन्म लगभग 5,250 साल पहले मथुरा में हुआ था। उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे। देवकी के भाई, कंस, को यह भविष्यवाणी की गई थी कि देवकी का आठवाँ पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। इस भय से कंस ने देवकी और वासुदेव को कारागार में बंद कर दिया और उनके सभी नवजात बच्चों की हत्या कर दी।

जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तो वह आधी रात का समय था। उस समय अद्भुत घटनाएँ घटित हुईं। कारागार के द्वार अपने आप खुल गए, पहरेदार सो गए और वासुदेव ने नवजात कृष्ण को यमुना पार गोकुल में अपने मित्र नंद बाबा और यशोदा के पास पहुंचा दिया। इसके बाद, वासुदेव एक कन्या को साथ लाकर कंस को दे दिया। जब कंस ने उस कन्या को मारने का प्रयास किया, तो वह देवी दुर्गा के रूप में प्रकट हुईं और कंस को चेतावनी दी कि उसे मारने वाला बच्चा सुरक्षित है और उचित समय पर उसे नष्ट करेगा।

कृष्ण की बाललीला:
गोकुल में नंद और यशोदा के पुत्र के रूप में कृष्ण का पालन-पोषण हुआ। उन्होंने बचपन से ही अद्भुत लीलाएँ कीं, जिनमें पूतना राक्षसी का वध, कालिया नाग का दमन, और गोवर्धन पर्वत उठाना शामिल है। बाल कृष्ण की माखन चुराने वाली लीला भी बहुत प्रसिद्ध है, जिसे ‘माखनचोर’ के नाम से जाना जाता है। उनकी लीलाओं में गोपियों के साथ रासलीला और राधा-कृष्ण की प्रेमकथा भी विशेष स्थान रखती हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व:
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, और रात्रि के समय श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में उत्सव मनाया जाता है। मथुरा, वृंदावन, और द्वारका जैसे स्थानों पर यह त्योहार विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी का सांस्कृतिक महत्त्व भी कम नहीं है। इस दिन नाटक, संगीत, और नृत्य के माध्यम से श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन होता है, जिसे ‘रासलीला’ कहते हैं। विशेषकर महाराष्ट्र में दही-हांडी का आयोजन किया जाता है, जिसमें मटकी फोड़ने की प्रतियोगिता होती है। इसे कृष्ण की बाललीलाओं की याद में किया जाता है।

उपवास और पूजा की विधि:
जन्माष्टमी के दिन लोग व्रत रखते हैं, जो सुबह से शुरू होकर मध्यरात्रि तक चलता है, जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन लोग केवल फलाहार करते हैं और पानी का सेवन करते हैं। शाम को भगवान कृष्ण की मूर्ति को दूध, दही, शहद, और गंगाजल से स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। इसके बाद विशेष भोग चढ़ाया जाता है, जिसमें माखन-मिश्री प्रमुख होते हैं। मध्यरात्रि को कृष्ण जन्म के समय शंख और घंटियों की ध्वनि के साथ जन्मोत्सव मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी केवल भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक परंपराओं, और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। भगवान श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके द्वारा दिया गया ‘भगवद गीता’ का उपदेश, जो महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन को दिया गया था, जीवन की कठिनाइयों में मार्गदर्शन प्रदान करता है। जन्माष्टमी का पर्व हमें धर्म, प्रेम, और कर्तव्य की सीख देता है, और समाज में सद्भावना और एकता की भावना को मजबूत करता है।

लखनऊ: कई गंभीर बीमारियों में भी कारगर साबित हो रही एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति

एपेक्स एक्यूपंक्चर सेंटर एंड पैन क्लीनिक द्वारा आयोजित एक दिवसीय एक्यूपंक्चर जागरूकता प्रशिक्षण कार्यशाला आज विकास नगर में संपन्न हुआ। कार्यशाला में अलीगंज, कपूरथला, बालागंज तथा रहीम नगर में कार्यरत आशा बहनों ने प्रतिभाग किया। एपेक्स एक्यूपंक्चर सेंटर के निदेशक डॉ०जी.पार्थ प्रतिम ने बताया कि आशा बहने समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वस्थ जागरूकता पैदा करने हेतु अथक परिश्रम करते हैं इसलिए उन्हें एक्यूपंक्चर चिकित्सा विज्ञान जिसमे ना कोई दवा दी जाती है ना ही कोई दुष्प्रभाव की संभावना होती है, इसकी जानकारी होगी तो समाज में विभिन्न जटिल बीमारियों से पीड़ित रोगियों को मदद कर सकते हैं।

कार्यशाला का श्रृंखला एपेक्स एक्यूपंक्चर सेंटर पिछले कुछ समय से संचालित कर रही हैं। कार्यशाला में डॉ ०जी.पार्थ प्रतिम द्वारा आशा बहनों को एक्यूपंक्चर, इलेक्ट्रो एक्यूपंक्चर, मोक्षाबुस्न, कपिंग, बीसीएम एवं पीएनसीटी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्हें वार्ड में चिकिस्तारत कई मरीजों को भी दिखाया गया। कार्यशाला में १७ आशा बहनों ने भाग लिया। एपेक्स एक्यूपंक्चर सेंटर से नजमा, अब्दुल कादेर, पल्लवी, रेनू, सौरभ तथा सामाजिक कार्यकर्ता आफरीन सिद्दीकी एवं शहनाज उपस्थित रही।

क्या है एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति

एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति एक प्राचीन और जटिल प्रणाली है जो हजारों वर्षों से चीन में विकसित हुई है और अब दुनिया भर में उपयोग की जाती है। यह पद्धति पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और शरीर के भीतर ऊर्जा के प्रवाह (जिसे “ची” या “Qi” कहा जाता है) को संतुलित करने पर आधारित है।

एक्यूपंक्चर का सिद्धांत

एक्यूपंक्चर के सिद्धांत के अनुसार, शरीर में ऊर्जा की अदृश्य नदियाँ या मार्ग होते हैं जिन्हें “मेरिडियन” कहा जाता है। ये मेरिडियन शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों से जुड़े होते हैं। जब इन मेरिडियन में ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो जाता है, तो शरीर में अस्वस्थता, दर्द, या अन्य बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।उपचार का तरीका:एक्यूपंक्चर में, सूक्ष्म और पतली सुइयों को शरीर के विशिष्ट बिंदुओं (एक्यूपॉइंट्स) में चुभाया जाता है। यह माना जाता है कि ये सुइयाँ ऊर्जा प्रवाह को पुनर्संतुलित करने, अवरोधों को दूर करने, और शरीर के आत्म-चिकित्सा तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करती हैं।

सरोजनीनगर : रहीम नगर पड़ियाना में लगा 85वां “आपका विधायक, आपके द्वार”, सुनी गई जनसमस्याएं, मेधावियों को किया गया सम्मानित

  • सरोजनीनगर में ‘आपका विधायक – आपके द्वार’ बना महाभियान, केवल जनसुनवाई ही नहीं, संवाद, सम्मान और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन भी
  • रहीमनगर पड़ियाना मजरा पिपरही के 4 मेधावियों को डॉ. राजेश्वर सिंह ने प्रदान की साइकिल

लखनऊ: सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा जनता के लिए उपलब्धता, उनसे सीधे तौर पर संवाद तथा उनकी समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए साप्ताहिक तौर पर लगने वाले ‘आपका विधायक, आपके द्वार’ जनसुनवाई शिविर अब एक महाभियान का रूप ले रहा है। इस शिविर के आने वाली जनता की समस्याएं व सुझाव सीधे तौर पर डॉ. राजेश्वर सिंह के संज्ञान में आता है।

विधानसभा क्षेत्र के रहीम नगर पड़ियाना, मजरा पिपरही में 85वां ‘आपका विधायक, आपके द्वार’ जनसुनवाई शिविर का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचें। शिविर में जनता के बीच पहुंची विधायक की टीम उनकी समस्या के समाधान के लिए सक्रिय दिखी, टीम के सदस्यों ने जनता से सहजतापूर्वक संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। शिविर में प्राप्त सभी समस्याओं के त्वरित व यथोचित निस्तारण का आश्वासन दिया गया। साथ ही विधायक डॉ राजेश्वर सिंह द्वारा क्षेत्र में कराये जा रहे विकास कार्यों से भी ग्रामीणों को अवगत कराया गया।

शिविर के दौरान ‘गांव की शान’ पहल के अंतर्गत इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 2 मेधावियों ज्योति देवी (81.8%) एवं सोनाली यादव (76.66%) और हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 2 मेधावियों मनीष पाल (62.6%) एवं रंजीत कुमार (61.8%) को साइकिल, घड़ी और प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

साथ ही विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की ओर से भाजपा जिलामंत्री आशू शुक्ला, सुभाष पासी, बूथ अध्यक्ष सोनू तिवारी, गोविंद नारायण शुक्ला, ग्राम प्रधान पिपरही सूरज पाल, उमा शंकर मिश्रा, अमृत लाल रावत, चंदा, मोहम्मद जुबैर, रामदेई, मोहनलाल गौतम एवं मेवालाल यादव को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों से स्थापित ‘ताराशक्ति निःशुल्क रसोई’ के माध्यम से उपस्थित क्षेत्रवासियों को ताजा व पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया गया।