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शिक्षक दिवस: सरोजनीनगर के बिजनौर स्थित गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज में भी मनाया गया शिक्षक दिवस समारोह

  • शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर सरोजनी नगर के सैकड़ो शिक्षक सम्मानित किए गए

लखनऊ: सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के तत्वाधान में शिक्षक समान समारोह का आयोजन गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज बिजनौर सरोजिनी नगर में किया गया है। मुख्य अतिथि के तौर पर इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह सदस्य विधान परिषद लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र से तथा शैलेंद्र दुबे अध्यक्ष सर्वजन हिताय संरक्षण समिति, रश्मि शर्मा प्राचार्य गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज तथा सेवक राम सर्वांगीण विकास कॉलेज के संस्थापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना, महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पुष्पांजलि अर्पित कर और अतिथि और शिक्षक स्वागत गीत के साथ हुई।

मुख्य अतिथि अवनीश सिंह ने सभी शिक्षकों को नमन करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक की मेहनती भूमिका होती है और डिजिटलाइजेशन के युग में आज महंगे महंगे कक्षा के शिक्षण कार्य यूट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से गांव और दूर दराज राज्य के बच्चों तक भी पहुंच सकते हैं। सर्वजन संरक्षण समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने सभी को बताया कि अन्याय के खिलाफ लड़ने की ताकत हमें शिक्षक द्वारा ही नैतिक शिक्षा और आत्म बल के माध्यम से ही प्राप्त हो सकती है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पूरे देश की नहीं दुनिया को शिक्षा के माध्यम से ज्ञान की ज्योति कैसे फैलाई जाती है यह बताया, उनके जीवन चरित्र के प्रत्येक पन्ने में बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाएं हैं जिन्हें हमें आज आदर्श के रूप में देखते हुए जीवन में पालन करना चाहिए।

महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षण कार्य बल किसी राष्ट्र के भविष्य को बनाने में एक शक्तिशाली कारक है एक शिक्षक ही वह प्राथमिक व्यक्ति होता है जो बच्चों को शिक्षा और ज्ञान प्रदान करता है माता-पिता के अलावा भी अपने पूरे परिवार को ज्ञान सिखा कर सबसे अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं वह नैतिक समर्थन प्रदान करते हैं और बच्चों को अंतिम रूप से सलाह देते हैं। आज के डिजिटलाइजेशन के युग में कोरोना महामारी के बाद अधिकतर आंकड़े पेपरलेस वर्क की कार्यशैली को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ही किये जा रहे हैं ।प्रतिदिन शिक्षकों को अधिकतर आंकड़े ऑनलाइन देने पड़ते हैं उत्तर प्रदेश के अभिनव प्रयोग के तहत प्रत्येक स्कूल में टैबलेट के माध्यम से विभिन्न रजिस्टरों के रखरखाव की प्रक्रिया चल रही है जिसे शिक्षक करता है और इन सब से प्रक्रिया तो आसान हुई है पर नेटवर्किंग की समस्या के कारण बहुत से शिक्षक अनायास आंकड़े ना भेज पाने के कारण कार्रवाइयों की शिकार हो जाते हैं।

समय-समय पर सरकार द्वारा डिजिटल हाजिरी के आदेश जारी किए जाते हैं इस तरह की उपस्थिति और समय की पाबंदी का खामियाजा शिक्षकों को झेलना पड़ता है क्योंकि गांव और दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क नहीं होता।सभी शिक्षकों नेएक सुर में यह कहा कि यदि शिक्षकों को उनके मूल कार्य हेतु स्वतंत्र छोड़ दिया जाए और विद्यालय में शिक्षक शिक्षार्थी और पढ़ाई पर ही ध्यान केंद्रित किया जाए विभिन्न आंकड़ों की समय बर्बादी में शिक्षकों को ना लगाया जाए तो निश्चित रूप से देश में शिक्षा की स्थिति गुणवत्ता का स्तर और बच्चों की मानसिक स्तर में भी सुधार होगा।कार्यक्रम में रमा शर्मा, उषा त्रिपाठी, क्षमा सिंह, सुमन दुबे रेनू त्रिपाठी, खुरदई बाजार से राजू शुक्ला,सुरेश जयसवाल प्रकाश चंद तिवारी, अनिल सिंह भूपेश ओझा, ज्ञान प्रताप,संजय सिंह साथ ही सैकड़ो शिक्षक उपस्थित रहे।

प्रदेश के मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अगस्त माह में कुल 15969.65 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त

  • वित्तीय वर्ष 2024-25 के अगस्त माह में गत वर्ष के इसी अवधि की तुलना में 1725.83 करोड़ रूपये अधिक राजस्व प्राप्त
  • ⁠वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह अगस्त तक कुल 84266.15 करोड़ रूपये का कर राजस्व प्राप्त जो लक्ष्य का 76.7 प्रतिशत- सुरेश कुमार खन्ना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि प्रदेश के मुख्य कर करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के अगस्त माह में कुल 15969.65 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 के अगस्त माह में 14243.82 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के अगस्त माह में गत वर्ष के इसी अवधि की तुलना में 1725.83 करोड़ रूपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में माह अगस्त तक कर राजस्व प्राप्ति 109862.15 करोड़ रूपये लक्ष्य के सापेक्ष 84266.15 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो निर्धारित लक्ष्य का 76.7 प्रतिशत है।

श्री खन्ना ने बताया कि कर राजस्व की मद जीएसटी के अंतर्गत माह अगस्त 2024 में कुल 6228.82 करोड़ रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई है, जो माह अगस्त में राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य 8428.45 करोड़ रूपये के सापेक्ष 73.9 प्रतिशत है। जबकि गत वर्ष अगस्त माह में प्राप्ति 5425.21 करोड़ रूपये थी। इस मद के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष के माह अगस्त तक राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य 48154.25 करोड़ रूपये के सापेक्ष 34691.13 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 72 प्रतिशत है। इसी प्रकार वैट के अंतर्गत माह अगस्त, 2024 में 2659.47 करोड़ रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई है, जो अगस्त माह के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 77.6 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अगस्त माह तक वैट के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 16295.54 करोड़ रूपये के सापेक्ष 11977.21 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो लक्ष्य का 73.5 प्रतिशत है।

वित्त मंत्री ने बताया कि कर राजस्व के अंतर्गत आबकारी मद में माह अगस्त 2024 में 3580.51 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो निर्धारित लक्ष्य का 87.3 प्रतिशत है। आबकारी मद के अंतर्गत गत वर्ष अगस्त माह में प्राप्ति 2980.47 करोड़ रूपये थी। उन्होंने बताया कि आबकारी मद के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अगस्त माह तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य 22900 करोड़ रूपये के सापेक्ष 19317.62 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 84.4 प्रतिशत है। स्टाम्प तथा निबंधन के अंतर्गत माह अगस्त, 2024 में राजस्व प्राप्ति 2477.38 करोड़ रूपये थी, जो माह अगस्त में राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य का 88.5 प्रतिशत है। इस मद के अंतर्गत गत वर्ष अगस्त माह में राजस्व प्राप्ति 2427.52 करोड़ रूपये थी। उन्होंने बताया कि स्टांप तथा निबंधन मद के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अगस्त माह तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य 14852 करोड़ रूपये के सापेक्ष 12655.11 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 85.2 प्रतिशत है।
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार के राजस्व प्राप्ति की मद परिवहन के अंतर्गत माह अगस्त, 2024 में 775.11 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो अगस्त माह में निर्धारित लक्ष्य का 85 प्रतिशत है। इस मद के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अगस्त माह तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य 4908.11 करोड़ रूपये के सापेक्ष 4645.90 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो निर्धारित लक्ष्य का 94.7 प्रतिशत है। इसी प्रकार करेत्तर राजस्व की प्रमुख मद भूतत्व एवं खनिकर्म के अंतर्गत माह अगस्त, 2024 में प्राप्ति 248.36 करोड़ रूपये है, जो माह अगस्त में निर्धारित लक्ष्य का 82.1 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि इस मद के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में अगस्त माह तक राजस्व प्राप्ति के निर्धारित लक्ष्य 1842.50 करोड़ रूपये के सापेक्ष 1423.66 करोड़ रूपये की प्राप्ति हुई है, जो निर्धारित लक्ष्य का 77.3 प्रतिशत है।

“बुलडोजर जस्टिस”: प्रभावी कानून प्रवर्तन और सुधार का मार्ग: डॉ.राजेश्वर सिंह

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लखनऊ: बुलडोजर न्याय को लेकर देश भर में जारी बहस के बीच सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने बुधवार को एक अंग्रेजी पत्रिका में विधिसम्मत लेख लिखकर बुलडोजर जस्टिस की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और उसके समर्थन में उदाहरण सहित कानूनी प्रावधान भी उल्लेखित किए।

विधायक ने अपने लेख में लिखा, “बुलडोजर जस्टिस” शब्द हाल में बहुत प्रचलित हुआ है, जिसके सम्बन्ध में आलोचकों का तर्क है कि गंभीर अपराधों के आरोपियों की संपत्तियों को लक्षित करना पारंपरिक न्याय सिद्धांतों के विरुद्ध है और परेशान करने वाले बदलाव को दर्शाता है। हालाँकि, अक्षमता और देरी से जूझ रही न्याय प्रणाली में त्वरित कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को स्वीकार करने में विफलता के कारण यह आलोचना लक्ष्य से चूक जाती है, जहां पारंपरिक कानूनी प्रक्रियाओं में जनता का विश्वास कम हो रहा है।

अपराधियों पर अंकुश के लिए आवश्यक प्रक्रिया

विकास दुबे और मुख्तार अंसारी के कुख्यात मामले कुछ उदाहरण हैं जिनमें उनके द्वारा खुलेआम कानून का उल्लंघन किया गया और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाला गया। दुबे, जो पुलिस अधिकारियों की निर्मम हत्या का मास्टरमाइंड था, और अंसारी, जो एक कुख्यात अपराधी था, उसके विरुद्ध 18 हत्या और 10 हत्या के प्रयास सहित 65 से अधिक आपराधिक मामले थे। तथाकथित “बुलडोजर न्याय” का उद्देश्य ऐसे अपराधियों का ही उन्मूलन करना है। बुलडोजर कार्रवाई को महज बदला या राजनीतिक प्रतिशोध कहकर खारिज करना सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के आवश्यक लक्ष्य को नजरअंदाज करना है। दिल्ली उदाहरण है जहां उपद्रवियों ने निज़ामुद्दीन-की-बावली और बाराखंभा मकबरे जैसे केंद्रीय संरक्षित स्मारकों पर अवैध अतिक्रमण कर लिया और इन ऐतिहासिक स्थलों को सार्वजनिक उपद्रव का स्रोत बना दिया गया। इसके संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबी मुकदमेबाजी चली, अंततः राज्य के अधिकारियों को समयबद्ध कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दंडित किया। यदि अधिकारियों ने तुरंत और प्रभावी से प्रयास किया होता, तो अतिक्रमण को न्यायिक हस्तक्षेप के बिना रोका जा सकता था।

गंभीर अपराधों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई के लिए न्यायिक समर्थन

आमतौर पर आलोचकों द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि सज़ा केवल अदालत के फैसले के बाद ही दी जानी चाहिए, ऐसी स्थितियाँ भी हैं जहाँ अपराध की प्रवृति इतनी अधिक है कि व्यापक कानूनी निर्णय निरर्थक लगते हैं। आरजी कर मेडिकल अस्पताल में हाल में दुखद घटना घटी, जहां एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार हुआ, उसकी हत्या कर दी गई और उसके बाद राज्य सरकार द्वारा विलंबित और अपर्याप्त कार्रवाई के परिणामों से सार्वजनिक आक्रोश भड़क गया।

नरिंदर सिंह और अन्य स्टेट ऑफ़ पंजाब उदाहरण है

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी त्वरित और निर्णायक सरकारी कार्रवाई की आवश्यकता को स्वीकार किया है। “बुलडोजर जस्टिस” के आलोचक अक्सर व्यर्थ तर्क देते हैं कि राज्य अल्पसंख्यकों और हाशिए पर रहने वाले समूहों को निशाना बनाता है, लेकिन यह तर्क एक बुनियादी सच्चाई को नजरअंदाज कर देता है – अपराध धर्म और समूह से परे है। कानून का प्राथमिक उद्देश्य व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की रक्षा करना है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उदाहरण के लिए, _*शैलेश जसवंतभाई बनाम स्टेट ऑफ़ गुजरात में*_, सुप्रीम कोर्ट ने फ्रीडमैन की बात दोहराते हुए कहा कि आपराधिक कानून को समाज की सामूहिक चेतना को प्रतिबिंबित करना चाहिए। इसके अलावा, कानूनी रूप से आवश्यक होने पर अदालतें विध्वंस की कार्रवाई का समर्थन करने से नहीं कतराती। सुपरटेक लिमिटेड बनाम एमराल्ड कोर्ट ओनर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन मामला एक स्पष्ट उदाहरण है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक सीमाओं का सम्मान करते हुए कानून के शासन को मजबूत करने के लिए उच्च न्यायालय के विध्वंस आदेश को बरकरार रखा।

अपराध पर अंकुश और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए “बुलडोजर” कार्रवाइयों का समर्थन

उत्तर प्रदेश पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, बुलडोजर कार्रवाई की निर्णायक उपायों के बाद संगठित अपराध में 20% की कमी आई है। 2023 के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 65% उत्तर दाताओं का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों ने स्थानीय अपराध को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है।

बुलडोजर कार्रवाई के लिए जनता का समर्थन निर्विवाद

2024 CSDS सर्वेक्षण से पता चलता है कि यूपी के 70% निवासी इन उपायों का समर्थन करते हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में जनता के विश्वास में 15% की वृद्धि दर्शाता है। पुरानी अवधारणा होने से कहीं दूर, यह व्यवस्था जनता के गुस्से को शांत करने और भविष्य में कदाचार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में कार्य करती है।

आगे का रास्ता

मामलों के बढ़ते बैकलॉग को हल करने और विशेष रूप से जघन्य अपराधों के मामलों में न्याय में तेजी लाने के लिए विधायी सुधार की तत्काल आवश्यकता है। हाल ही में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी इस तथ्य को कवर किया है कि भारतीय न्यायालयों में चौंकाने वाला बैकलॉग मौजूद है जिसे निपटाने में 300 साल से अधिक का समय लग सकता है। इस संकट से निपटने के लिए त्वरित लेकिन निष्पक्ष न्याय दिलाने वाले परीक्षणों का कार्यान्वयन आवश्यक है।

योगी आदित्यनाथ जैसे सशक्त राजनेताओं के कार्यों की आलोचना के लिए उन्हें “बुलडोजर बाबा” जैसे लेबल के साथ उनकी नकारात्मक छवि बनाने का प्रयास अक्सर वास्तविक कानूनी चिंता के बजाय राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से उत्पन्न होती है। तथाकथित “बुलडोजर न्याय” का सार सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप है।

बड़ी खबर: 2027 में बुलडोज़र का रुख़ गोरखपुर की तरफ़ होगा, वाले सपा प्रमुख के बयान पर डॉ०राजेश्वर सिंह ने बताई नाराज़गी की असली वजह

  • डॉ०राजेश्वर सिंह ने कहा बुल्डोजर को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव जी की बौखलाहट, घबराहट स्वाभाविक
  • ⁠बुलडोजर का मुंह गोरखपुर की तरफ होगा, इस धमकी से कोई भी डरने वाला नहीं
  • ⁠पूरे उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों का सफाया सुनिश्चित है, काली कमाई करने वाले, काले धंधों में लिप्त अपराधियों, माफियाओं, समाजवादी पार्टी के पोषक तत्वों के विरुद्ध ‘बुलडोजर एक्शन’ पर ये नाराजगी प्राकृतिक

लखनऊ: सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा 2027 में बुलडोज़र का रुख़ गोरखपुर की तरफ़ होने के बयान पर लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा से लोकप्रिय भाजपा विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने कहा कि सपा प्रमुख की यह घबराहट और बौखलाहट इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि जब 108 मुकदमा धारी रुतबेदार समाजवादी ‘भूमाफिया’ आजम खान के अवैध रिजार्ट पर बुलडोजर गरजा तो 20 बीघा कीमती सरकारी जमीन मुक्त हुई तब तो उनकी नाराजगी स्वाभाविक है।

इसके अलावा कभी सत्ता की हनक से बनाई गयी सपा प्रमुख के करीबी 101 मुकदमा धारी अतीक और 65 मुकदमा धारी मुख्तार की 1050 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति ध्वस्त हुई है, तब भी ये नाराजगी स्वाभाविक है।

इसी तरह एक और सपा संरक्षित बाहुबली, 83 मुकदमा धारी पूर्व विधायक विजय मिश्रा की 113 करोड़ की संपत्ति कुर्क होने उसके अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर बुलडोजर चलने से भी सपा प्रमुख की नाराजगी स्वाभाविक है।

इसके साथ ही अगर बुलडोज़र की बात करें तो अपराधी माफिया ध्रुव सिंह कुंटू का मकान बुलडोजर ने ध्वस्त किया, अयोध्या गैंगरेप के मुख्य आरोपी सपा नेता मोईद खान की 40 दुकानों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर भी बुलडोजर चला, तो उनकी नाराजगी तो स्वाभाविक है।

और तो और अभी हाल ही में कन्नौज में मासूम बेटी से दरिंदगी करने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख, सपा नेता नवाब सिंह यादव के कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर गरजने से भी सपा प्रमुख की नाराजगी स्वाभाविक है।

इसके साथ ही डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने कहा कि अब माफिया राज का अंत हो रहा है और कानून का शासन स्थापित हो रहा है, बुलडोजर की गड़गड़ाहट से माफिया समर्थकों और अपराधियों के संरक्षकों की नींद उड़ रही है, आखिरकार, इनके संरक्षण में पनपा आपराधिक सम्राज्य मिट्टी में मिल रहा है। बुलडोजर कार्रवाई के लिए जनता का समर्थन निर्विवाद है, जनता के लिए बुलडोज़र ही आशा और विश्वास का प्रतीक है।

लखनऊ: जलशक्ति मंत्री ने नवचयनित अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र किया वितरित

  • नवचयनित अवर अभियंताओं से कहा कि अब वह सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग के अंग होंगे
  • अवर अभियंताओं से जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने जीवन में हर चुनौतियों का सामना करते हुए अपने ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आह्वान किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में आज तेलीबाग स्थित परिकल्प भवन में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से चयनित सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अवर अभियंताओं(सिविल) को नियुक्ति पत्र वितरण किया गया। उल्लेखनीय है कि उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के लिए 232 अवर अभियंताओं(सिविल) में से कुछ नवनियुक्त अवर अभियंताओं को मा0 मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा आज लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। जबकि शेष नवनियुक्त अभियंताओं को तेलीबाग स्थित परिकल्प भवन सभागर में आयोजित कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। उन्होंने सिंचाई एवं जलशक्ति विभाग में नियुक्ति प्राप्त करने के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि अवर अभियंता सिंचाई विभाग की रीढ़ होता है इन्हें विभिन्न परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निवर्हन करना होता है। उन्होंने नवचयनित अवर अभियंताओं से कहा कि अब वह सिंचाई एवं जल संसाधन जैसे महत्वपूर्ण विभाग के अंग होंगे। इन्हें विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि नवचयनित अवर अभियंता अपनी पूरी ऊर्जा और क्षमता से अपने दायित्वों का निवर्हन करेंगे।

श्री सिंह ने अभियंताओं से अपने जीवन में हर चुनौतियों का सामना करते हुए अपने ज्ञान का सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने अवर अभियंताओं को अवगत कराया कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है। इसको दृष्टिगत रखते हुए आप सभी लोग अपने जीवन में उच्च आदर्शों को अपनाते हुए सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग को प्रगति के पथ पर आगे ले जायें।इस अवसर पर राज्य मंत्री रामकेश निषाद, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।