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Sports News:जनवरी में श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच टी20 सीरीज खेले जाएगी, पूरा कार्यक्रम जानिए।

श्रीलंका क्रिकेट टीम अगले साल टी20 विश्व कप से पहले जनवरी में तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए पाकिस्तान की मेजबानी करेगी. भारत और श्रीलंका की मेजबानी में टी20 वर्ल्ड कप 7 फरवरी से 8 मार्च के बीच खेला जाना है. इससे पहले, 7-11 जनवरी के बीच दोनों देश टी20 सीरीज के 3 मुकाबले खेलेंगे.

श्रीलंका क्रिकेट ने अपने इंस्टाग्राम पर कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया, “पाकिस्तान की नेशनल टीम जनवरी 2026 में तीन मैचों की टी20 सीरीज खेलने के लिए श्रीलंका का दौरा करेगी. सभी मैच दांबुला के रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित होंगे.”

इस बीच, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यह दौरा टीम को अगले साल के ग्लोबल इवेंट से पहले कीमती मैच प्रैक्टिस का मौका देगा.”

श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच 7 जनवरी को दांबुला में टी20 सीरीज का पहला मैच खेला जाएगा, जिसके बाद 9 जनवरी को सीरीज का दूसरा मैच आयोजित होगा. तीसरा और अंतिम मुकाबला 11 जनवरी को खेला जाना है. सीरीज के तीनों मैच दाबुला के रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाएंगे.

पाकिस्तान की टीम टी20 विश्व कप 2026 के अपने सभी मुकाबले श्रीलंका में खेलेगी. ऐसे में यह द्विपक्षीय सीरीज पाकिस्तान को श्रीलंका के हालात से खुद को परिचित करने का मौका देगी. हाल ही में पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे और श्रीलंका के विरुद्ध त्रिकोणीय सीरीज अपने नाम की थी.

टी20 विश्व कप 2026 के लिए 20 टीमों को 5-5 टीमों के चार ग्रुप में बांटा गया है. भारत और पाकिस्तान ग्रुप-ए में हैं. इनके साथ नीदरलैंड, नामीबिया और अमेरिका की टीमें भी मौजूद हैं.

श्रीलंका-पाकिस्तान के बीच टी20 सीरीज का कार्यक्रम:

पहला टी20: 7 जनवरी 2026, (रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, दांबुला)

दूसरा टी20: 9 जनवरी 2026, (रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, दांबुला)

तीसरा टी20: 11 जनवरी 2026, (रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, दांबुला)

डॉ. राजेश्वर सिंह का डिजिटल मिशन : हर बच्चे तक आधुनिक शिक्षा पहुँचाने की दिशा में बड़ा कदम, पीलीभीत जनपद के प्राथमिक विद्यालय अमरिया में डॉ. राजेश्वर सिंह ने किया स्मार्ट क्लास का लोकार्पण

  • स्मार्ट क्लास हर स्कूल का अधिकार – डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर के विद्यालयों को दिया खुला आमंत्रण
  • डिजिटल समावेशन की दिशा में बढ़ते कदम : डॉ. राजेश्वर सिंह ने की 33वीं स्मार्ट क्लास की स्थापना
  • सरोजनीनगर के हर विद्यालय में स्थापित हो स्मार्ट क्लास” -डॉ. राजेश्वर सिंह की ऐतिहासिक पहल

पीलीभीत / लखनऊ। एनवायरमेंट वारियर्स संस्था के तत्वाधान में मंगलवार को पिलीभीत टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में स्थित प्राथमिक विद्यालय हुसैननगर, अमरिया में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनवायरमेंट वारियर्स अभियान के आठवें चरण के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह उपस्थित रहे। डॉ. सिंह ने विद्यालय में स्थापित स्मार्ट क्लास रूम का लोकार्पण किया। इस लोकार्पण के साथ ही, युवा पीढ़ी को डिजिटल संसाधनों से जोड़ने की दिशा में विधायक द्वारा अब तक विभिन्न विद्यालयों में कुल 33 स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जा चुके हैं।

एक Smart Class बदल सकती है पूरी पीढ़ी की दिशा :

प्राकृतिक परिवेश में आयोजित इस कार्यक्रम ने शिक्षा एवं तकनीक के संगम का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। ग्रामीण बच्चों, अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को उत्साहपूर्ण बना दिया। संबोधन के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि, कभी-कभी एक कक्षा, एक स्क्रीन और एक शिक्षक की दूरदर्शी सोच पूरी पीढ़ी की दिशा बदल देती है। स्मार्ट क्लास केवल एक प्रोजेक्टर या कंप्यूटर नहीं है, बल्कि बच्चों की कल्पनाशीलता, जिज्ञासा और क्षमता को खोलने वाला द्वार है, जहाँ पहले ज्ञान एक ब्लैकबोर्ड तक सीमित था, वहीं आज बच्चे NASA के प्रयोग देख सकते हैं, IIT–Oxford के प्रोफेसरों से सीख सकते हैं और गाँव की कक्षा में बैठकर वैश्विक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

डॉ. सिंह ने कहा कि स्मार्ट क्लास केवल पढ़ना नहीं सिखाती, यह बच्चों को सोचना, प्रश्न पूछना और स्वयं उत्तर खोजने का साहस देती है। यह कक्षा गरीब–अमीर और गाँव–शहर के बीच की दूरी को समाप्त करती है। “हर स्मार्ट क्लास में छुपा है एक भविष्य का वैज्ञानिक, डॉक्टर, इनोवेटर या नेता; बस ज़रूरत है उस स्क्रीन को जलाने की। जब ज्ञान की स्क्रीन जलती है, तो अंधकार अपने आप मिट जाता है।”

शिक्षा के महत्व पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के समय देश की साक्षरता दर लगभग 20% थी, जो आज बढ़कर 80% से अधिक हो चुकी है—यह माता-पिता, शिक्षकों और समाज के साझे प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजने तथा उनसे प्रतिदिन यह पूछने का आग्रह किया कि उन्होंने आज क्या नया सीखा।

पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को दिया बल :
टाइगर रिज़र्व के मध्य हुए इस कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने बढ़ते पर्यावरण असंतुलन पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वन्यजीव संरक्षण तथा वृक्षारोपण आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने ग्रामीणों से जैव-विविधता की रक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को कंबल वितरित किए गए तथा बच्चों को स्टेशनरी सामग्री प्रदान कर उन्हें विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया गया।

सरोजनीनगर के हर विद्यालय में स्मार्ट क्लास का लक्ष्य :
डॉ. सिंह ने कहा, मेरा सपना है कि हर विद्यालय डिजिटल संसाधनों से सम्पन्न हो, हर बच्चे को आधुनिक शिक्षा के अवसर मिलें। उन्होंने आगे जोड़ा सरोजनी नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जो भी विद्यालय स्मार्ट क्लास स्थापित कर बच्चों को आधुनिक शिक्षा देना चाहता है, उसके प्रबंधक/प्राचार्य मेरे कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। गौरतलब है कि 5 नवम्बर को चोखापुरी, पीलीभीत में आयोजित एनवायरमेंट वारियर्स अभियान के सातवें चरण में उपस्थित होकर डॉ. सिंह ने हुसैननगर अमरिया विद्यालय में स्मार्ट क्लास की स्थापना का संकल्प व्यक्त किया था, जो मंगलवार को साकार हुआ और बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा का नया द्वार खुल गया।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य श्री प्रबल प्रताप सिंह, प्राथमिक विद्यालय चोखापुरी के प्राचार्य श्री मुनीश पाठक, अध्यापिका हेमलता, ऋषिपाल सिंह, मो. अफसर, फराह जाफरी, चंद्रपाल एवं पूर्व ग्राम प्रधान खेमकरण लाल उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि स्मार्ट क्लास ग्रामीण शिक्षा में परिवर्तनकारी भूमिका निभाएगी।

“विश्व एड्स दिवस: बिहार में बढ़ती जागरूकता के बीच राज्य में 97 हज़ार HIV मरीज—जानें इसके कारण, लक्षण और बचाव कैसे करें.”

विश्व एड्स दिवस के मौके पर पूरे बिहार में जागरूकता अभियान ज़ोरों पर रहा। स्वास्थ्य विभाग और एड्स नियंत्रण समिति ने पटना से लेकर सभी जिलों में रैलियां, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर अभियान और सेमिनार आयोजित किए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लोगों को HIV/AIDS के बारे में सही जानकारी देना, डर कम करना और बचाव के तरीके बताना था।


🧪 बिहार में कितने लोग HIV संक्रमित?

एड्स नियंत्रण समिति के अधिकारियों के अनुसार, इस समय बिहार में लगभग 97 हज़ार लोग HIV पॉज़िटिव हैं। सभी मरीजों का इलाज और देखभाल विभाग द्वारा की जा रही है। बताया गया कि यदि दवा नियमित रूप से ली जाए तो बीमारी बढ़ती नहीं है और संक्रमित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।


🩸 HIV कैसे फैलता है?

विशेषज्ञों के अनुसार, HIV वायरस मुख्यतः चार कारणों से फैलता है:

  • असुरक्षित यौन संबंध — सबसे अधिक संक्रमण इसी कारण होता है।
  • इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग, खासकर नशा करने वालों में।
  • संक्रमित खून चढ़ाने से
  • गर्भवती मां से बच्चे में संक्रमण, हालांकि अब इसका प्रभावी उपचार मौजूद है।

❗ HIV को लेकर आम गलतफहमी

सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि यदि मां HIV पॉज़िटिव है, तो बच्चा भी संक्रमित होगा। यह सही नहीं है। गर्भावस्था के दौरान सही दवा लेने पर लगभग 99% बच्चों का जन्म पूरी तरह स्वस्थ होता है। बिहार में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है।


🩺 HIV के लक्षण कब दिखने लगते हैं?

शुरुआती कई वर्षों तक HIV के कोई खास लक्षण नहीं दिखते।
जब इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है, यानी बीमारी अंतिम स्टेज पर पहुँचती है, तब लक्षण नज़र आते हैं।

संभावित लक्षण:

  • बार-बार बुखार आना
  • लंबे समय तक दस्त रहना
  • अचानक वजन कम होना
  • मुंह में छाले या गले में बार-बार संक्रमण
  • त्वचा पर रैशेज़
  • बार-बार टीबी या निमोनिया होना

ऐसी स्थिति में HIV टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है।


🛡️ HIV से बचाव कैसे करें?

  • हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
  • नशे के लिए कभी सुई साझा न करें
  • सैलून में नया ब्लेड इस्तेमाल कराएं, टैटू बनवाते समय नई सुई का इस्तेमाल सुनिश्चित करें।
  • खून चढ़वाने या ऑपरेशन से पहले ऐसे अस्पताल चुनें जो पूरी स्क्रीनिंग करते हों।
  • शक हो तो तुरंत HIV की फ्री टेस्टिंग कराएं।

⚕️ HIV के इलाज को लेकर बिहार की तैयारी

  • पूरे राज्य में 186 ART सेंटर सक्रिय हैं, जहाँ HIV की दवा मुफ्त उपलब्ध है।
  • दवाइयाँ आजीवन मुफ्त मिलती हैं।
  • हर जिला अस्पताल से लेकर PHC तक निःशुल्क टेस्टिंग की सुविधा मौजूद है।
  • किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन 1800-180-5544 उपलब्ध है।

🚨 किसे होती है सबसे अधिक दिक्कत?

जिन लोगों को बीमारी के अंतिम चरण में पता चलता है और जो समय पर इलाज शुरू नहीं करते, उनकी स्थिति गंभीर हो सकती है। जबकि समय रहते टेस्ट कराकर इलाज शुरू करने वाले लोग लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीते हैं।

“डेस्टिनेशन वेडिंग: शाही माहौल में शादी का शानदार विकल्प—जानें, जैसलमेर का ‘डेज़र्ट पैलेस’ आखिर क्यों है इतना खास?”

रेगिस्तान के बीचों-बीच बसा जैसलमेर डेजर्ट पैलेस रिसॉर्ट एंड कैंप सुंदरता, ऐशो-आराम और परंपरा का बेजोड़ नमूना है। राजस्थान की पुरानी विरासत को ध्यान में रखकर यहां पर यह शानदार रिसॉर्ट बनाया गया। जोकि उन कपल को काफी ज्यादा पसंद आता है, जो डेस्टिनेशन वेडिंग करना चाहते हैं। राजस्थानी बनावट आधुनिक सुविधाओं से लैस यह जगह एक यादगार एक्सपीरियंस देती है। अगर आप भी ड्रीम वेडिंग करना चाहते हैं, तो यह वेन्यू आपके बहुत काम आ सकता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको जैसलमेर डेजर्ट पैलेस रिसॉर्ट की बुकिंग, खर्च और बेस्ट वेन्यू आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।

मिलेगा ज्यादा स्पेस

बता दें कि इस रिसॉर्ट के बड़े आंगन, खूबसूरत बगीचे, शांत माहौल, सुनहरी रेत के टीले और तारों भरी रात इस जगह को एकदम परफेक्ट बनाते हैं। यह सिर्फ एक वेडिंग वेन्यू नहीं बल्कि एक ऐसा अनुभव है, जोकि राजस्थान की शान को भी दिखाने का काम करता है। यहां पर शादी करना मेहमानों को हमेशा याद रहने वाली यादें देता है।

सलमेर डेजर्ट पैलेस रिसॉर्ट में कई ऐसी जगहें हैं, जिनका इस्तेमाल शादी के अलग-अलग कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।

बैंक्वेट हॉल

सुंदर इनडोर बैंक्वेट हॉल रस्मों या छोटे रिसेप्शन के लिए बेहद शानदार साबित हो सकता है। इसमें 300 मेहमान आ सकते हैं।

लॉन और आंगन

हरे-भरे गार्डन कॉकटेल पार्टी या मेहंदी के लिए बेहतरीन है। इसमें करीब 500 मेहमान आ सकते हैं।

पूलसाइड एरिया

बता दें कि पूल के किनारे का एरिया संगीत या अन्य प्री वेडिंग इवेंट्स के लिए रोमांटिक माहौल देता है। इस एरिया में 200 मेहमान आराम से आ सकते हैं।

डेजर्ट कैंप

रेत के टीलों के बीच बना यह कैंप आपको पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति का अनुभव देता है। यहां पर करीब 150 मेहमान आ सकते हैं।

इस रिसॉर्ट में 102 शानदार कमरे और सुइट्स हैं। आपको हर कमरे में राजस्थानी संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं से लैस डिजाइन देखने को मिलेगा। जिससे कि मेहमानों को शाही महसूस हो सके।

आपको यहां पर 5,000 से 8,000 पर नाइट पे करना होता है। लेकिन वेडिंग सीजन के हिसाब से यह पैसे चेंज हो सकते हैं। 150 मेहमानों वाली दो दिन की शादी के लिए करीब 15 से 25 लाख तक खर्च हो सकता है।

वहीं रिसॉर्ट की अपनी कैटरिंग टीम है, जो हर तरह की लजीज और बेहतरीन खाना तैयार करती है। खाने के मेनू में भारतीय, राजस्थानी और अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन शामिल होते हैं।

शादी की योजना और सजावट के लिए यह रिसॉर्ट पूरी सुविधा देता है। जो कपल की पसंद से हो। फंक्शन के पैमाने के आधार पर 5 लाख से 15 लाख तक खर्च आ सकता है। इसमें राजस्थानी लोक प्रदर्शन, डीजे और लाइव म्यूजिक शामिल है। इसका खर्च 3 से 8 लाख के बीच हो सकता है।

“पिता इमरान की मृत्यु की चर्चाओं पर बेटे का बड़ा बयान—दावा किया कि सच छिपाया जा रहा है और शहबाज़-मुनीर को जिम्मेदार ठहराया.”

पाकिस्तान के  आदियाला जेल में बंद इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर उनके बेटे कासिम खान ने बड़ा दावा किया है. कासिम खान ने दावा किया कि पिछले तीन हफ्तों से उनके पिता के जीवित होने का कोई सबूत नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद उनके परिवार को इमरान खान ने मिलने की अनुमति नहीं दी गई है.

इमरान खान के बेटे ने शहबाज-मुनीर को किया टारगेट

कासिम खान ने आरोप लगाया कि कुछ ऐसा छिपाया जा रहा है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है. उनका कहना है कि इमरान खान के निजी डॉक्टर को भी एक साल से जांच की अनुमति नहीं मिली है. हालांकि एक जेल अधिकारी का दावा है कि इमरान खान पूरी तरह स्वस्थ हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कासिम ने कहा कि उनके परिवार का अभी तक इमरान खान के साथ कोई सीधी संपर्क नहीं हुआ है.

‘मेरे पिता को डेथ सेल में रखा गया’

उन्होंने कहा, “मेरे पिता सुरक्षित हैं, घायल हैं या जीवित हैं कि नहीं इस बारे में हमें कुछ भी नहीं पता है. ये हमारे लिए साइकोलॉजिकल टॉर्चर है.” कासिम के अनुसार उनके पिता को डेथ सेल में रखा गया है. इमरान खान के परिवार का कहना है कि संवाद की कमी से यह आशंका बढ़ गई है कि उन्हें (इमरान खान) जनता की नजरों से दूर करने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है.

‘पाकिस्तान में मानवाधिकार आपातकाल की स्थिति’

कासिम और उनके बड़े भाई सुलेमान ईसा खान अपनी मां जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ लंदन में रहते हैं. कासिम ने बताया कि उन्होंने अपने पिता को आखिरी बार नवंबर 2022 में देखा था. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक राजनीतिक विवाद नहीं है. यह एक मानवाधिकार आपातकाल है. दबाव हर तरफ से आना चाहिए. हमें उनसे ताकत मिलती है, लेकिन हमें यह भी जानना होगा कि वह सुरक्षित हैं.”

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, इमरान खान की मौत की अफवाहों के बीच शाहबाज सरकार खैबर पख्तूनख्वा (KPK) में गवर्नर रूल लगाने की तैयारी में है, जिससे PTI को बड़ा झटका लग सकता है. केपीके के सीएम सोहैल अफरीदी ने केंद्र को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो गवर्नर रूल लागू करके दिखाए. उन्होंने कहा कि यह कदम सरकार के पतन का कारण बन सकता है.