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स्वतंत्रता दिवस : 1.40 करोड़ परिषदीय बच्चों ने दी तिरंगे को सलामी

  • देशप्रेम और कर्तव्यनिष्ठ होने की प्रेरणा दे रहा स्वतंत्रता दिवस
  • पूरे प्रदेश में रही स्वतंत्रता दिवस की धूम
  • बेसिक शिक्षा विभाग में निदेशक ने किया झंडारोहण

लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व में गुरूवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया। लखनऊ स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय पर आयोजित कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के संदेश को पढ़कर सुनाया गया। इधर, प्रदेश के 1.40 करोड़ से अधिक परिषदीय शिक्षकों और बच्चों ने तिरंगे को सलामी दी। जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेलकूद प्रतियोगिताएं हुईं।

लखनऊ स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय परिसर में निदेशक द्वारा झंडारोहण करने के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का संदेश पढ़कर सुनाया गया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में शौर्य, पराक्रम, बलिदान, त्याग और राष्ट्रप्रेम के भाव उत्पन्न होने और उसके फलस्वरूप भारत माता को बांधनों से मुक्त कराने के लिए उनके द्वारा किये संघर्षों की बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत में निवास कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस का महापर्व हमें ‘देशप्रेम और कर्तव्यनिष्ठ होने की प्रेरणा दे रहा है।

देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर बेसिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में निदेशक, बेसिक शिक्षा ने ध्वजारोहण किया। ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ की अवधारणा पर ‘विकसित भारत’ के निर्माण का संकल्प लिया गया। इस दौरान बेसिक निदेशक ने कहा, ‘बेसिक शिक्षा विभाग, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सार्वभौमिकता को प्राप्त करेगा। वैश्विक मंच पर सामाजिक न्याय और समानता, वैज्ञानिक उन्नति, राष्ट्रीय एकीकरण और सांस्कृतिक संरक्षण द्वारा हम सब प्रदेश व देश की सतत प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे। राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ के परिसर में झंडारोहण के बाद पौधरोपण हुआ। इस पहल के माध्यम से सृष्टि को अक्षुण्ण रखने के संकल्प के साथ ‘विकसित उत्तर प्रदेश-विकसित भारत’ पर जोर दिया गया। यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला था। यहाँ हुए कार्यक्रमों में कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण पर बल दिया गया। सेनानियों के प्रति सहानुभूति को सच्ची श्रद्धांजलि बताया गया।

उधर, प्रदेश के सभी जिलों में भी स्वतंत्रता दिवस की धूम रही। योगी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के मार्गदर्शन और विभागीय अधिकारियों दिशा-निर्देशन में प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों के 1.40 करोड़ से अधिक बच्चों और शिक्षकों ने तिरंगे को सलामी दी।

इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग, बस्ती द्वारा छात्रों, शिक्षकों और स्काउट की टीम के सहयोग से 100 मीटर लंबे तिरंगे के साथ एक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। यह यात्रा स्वतंत्रता के प्रतीक तिरंगे के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना को प्रकट करने के लिए आयोजित की गई। बाराबंकी जनपद के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की गलियों में देशभक्ति के तराने गूंजते रहे। परिषदीय स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताओं का दौर चलता रहा। गाजीपुर में चारों ओर देशभक्ति की लहर दौड़ती रही। हर ओर सामाजिक एकता और गर्व की भावना गहराई से महसूस की गई, जिससे जनपद का हर कोना देशभक्ति के रंग में रंगा रहा। कुशीनगर में निपुण भारत मिशन को प्रदर्शित कर रही बेसिक शिक्षा विभाग की निकाली झांकी को खूब सराहना मिली। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति और निपुणता को बखूबी दर्शाया गया था।

लखनऊ: नीलकंठ स्वीट्स में मानक के विपरीत खाद्य पदार्थ की बिक्री

  • खराब बूंदी के लड्डू खाने से बीमार हुई एडीजे व उनकी बहन सहित नौकरानी
  • चार दिन में अस्पताल में 62 हजार खर्च, नीलकंठ स्वीट्स के खिलाफ दर्ज़ हुआ मुकदमा

लखनऊ: शहर की नामचीन मिठाई की दुकान से बूंदी के लड्डू खरीदना एक ग्राहक को ही भारी पड़ गया। खराब गुणवत्ता का बेचा गया बूंदी का लड्डू खाने से ग्राहक बीमार पड़ गए और ईलाज में उनका करीब 62 हजार रूपये खर्च हो गया। इस घटना के बाद आरोपी दुकानदार के खिलाफ केस दर्ज़ कराया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोमती नगर के विवेकखंड स्थित नीलकंठ मिठाई के मलिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता व उनके कर्मचारियों पर खराब गुणवत्ता की मिठाई बेचने का आरोप लगा है। लखनऊ जिला न्यायालय में तैनात एडिशनल जिला जज मंजुला सरकार की तहरीर पर नीलकंठ मिष्ठान के मालिक समेत कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजे मंजुला सरकार का आरोप है कि नीलकंठ के खराब बूँदी के लड्डू खाने से उन्हें व उनकी बहन सहित नौकरानी के पेट में इंफेक्शन हो गया। जिससे 7 दिनों तक जज व उनकी बहन सहित नौकरानी बीमार रही। सेहत सुधार के लिए किये गए उपचार में 62 हजार का खर्चा आया। पुलिस ने एडीजे की तहरीर पर आरोपी दुकान मालिक व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

लड्डू खाने के आधे घंटे के बाद शुरू हुआ पेट में दर्द

एडिशनल डिस्ट्रिक जज मंजुला सरकार ने गोमतीनगर पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि उन्होंने बीती 31 जुलाई को शाम साढ़े छह बजे गोमती नगर के विजय खंड स्थित नीलकंठ मिठाई की दुकान से ढाई सौ ग्राम बून्दी के लड्डू, दो छोटे घेवर, अंदरसा, समोसे और पानी के बताशे खरीदे थे। आरोप है कि घर पहुंचने पर उन्होंने व उनकी बहन और नौकरानी अनीता ने बूंदी के लड्डू खाए। जिसके आधे घंटे में बाद ही दोनों के पेट में दर्द शुरू हो गया। एडीजे दूसरे दिन जब जिला न्यायालय पहुंची। तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें नशा हो रहा है। जिसके बाद तीन अगस्त को एडीजे की तबियत और बिगड़ गई। जिससे न्यायालय में लंच के बाद वह अपने विश्राम कक्ष में अचानक से बेहोश हो गयी। आनन-फानन में न्यायालय के एडीजीसी कृष्ण कांत शुक्ला, पैरोकार गीता रानी व चालक अंकित शुक्ला उन्हें बेहोशी की हालत में गोमतीनगर विस्तार स्थित हेल्थ सिटी अस्पताल लेकर पहुंचे।

गैस्ट्रोएंट्रिक इन्फेक्शन होनें से खर्च हुए 62 हजार

यहां डक्टर राकेश श्रीवास्तव ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कर लिया। यहां डॉक्टर ने उन्हें बताया कि आपको पेट में गेस्ट्रोएंटेरिक इन्फेक्शन हो गया है। अस्पताल में चले तीन दिनों के उपचार के बाद घर आने पर भी उनका उपचार जारी है। जिसमे अबतक 62 हजार रुपये का खर्च आया है। वहीं लड्डू खाने से बीमार पड़ी घर की नौकरानी अनीता भी गैस्ट्रोएंट्रिक इन्फेक्शन का शिकार हुई जिसका उपचार कराया गया है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक गोमती नगर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एडीजे की तहरीर पर नीलकंठ स्वीट्स के मालिक व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच पड़ताल कर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी।

मानको का पालन तक नही

करीब चार वर्ष पहले एफएसएसएआई यानी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा मिठाई की दुकानों में परातों, डब्बों में बिक्री के लिए रखे गये मिठाई के लिए ‘निर्माण की तारीख’ और ‘उपयोग की उपयुक्त अवधि’ जैसी जानकारी प्रदर्शित करना अनिवार्य किया था। इसके बावजूद मानकों का कड़ाई से पालन करना तो दूर सही खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर भी मनमानी की जा रही है। मुनाफाखोरों के बढ़ते लालच में आम ग्राहक के जीवन को ख़तरा पहुँचाने के प्रयास के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से प्रभावी कार्रवाई की बजाय महज जुर्माना तक ही कार्रवाई सीमित कर दी जाती है। यही कारण है कि बिक्री के लिए रखी मिठाई के कंटेनर और ट्रे पर ‘निर्माण की तारीख’ और ‘उपयोग की अवधि’ जैसी जानकारियों के तय मानकों को प्रदर्शित करने की बजाय नजरअंदाज किया जा रहा है।

गुणवत्ता सही न पाये जाने पर पूर्व में लगा था जुर्माना

खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सही न पाये जाने पर वर्ष 2022 के अप्रैल माह में एडीएम पूर्वी की कोर्ट द्वारा 71 कारोबारियों पर करीब 15.02 लाख का जुर्माना लगाया गया था। हालांकि इस दौरान नीलकंठ स्वीट्स विभूतिखंड पर 80 हजार रूपये बतौर जुर्माना लगा था।

पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश की तरह अराजक राज्य न बनने दें – डॉ. राजेश्वर सिंह

  • कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप – मर्डर केस: डॉ. राजेश्वर सिंह ने ट्वीट कर बताया बांग्लादेश की प्रतिध्वनि, ममता सरकार पर खड़े किए सवाल
  • उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ समूहों के प्रति ममता बनर्जी की विशेष उदारता ने विफल की राज्य की कानून व्यवस्था
  • साथ ही डॉक्टर सिंह ने कहा कि कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ अमानवीयता बांग्लादेश में व्याप्त हिंसा की
  • ⁠उन्होंने हिन्दुओं की घटती आबादी पर चिंता जताते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में आजादी के बाद करीब 8% घंटे हिंदू, बढ़ा अवैध अप्रवास

लखनऊ: सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह ने पश्चिम की चर्चित महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना को बांग्लादेश में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार से जोड़ते हुए ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स(ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “बंगाल को बांग्लादेश की तरह अराजक राज्य न बनने दें!!” विधायक ने आगे जोड़ा हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या बांग्लादेश में व्याप्त हिंसा की भयावह प्रतिध्वनि है। दोनों क्षेत्र महिला सुरक्षा और सम्मान के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं।

डॉ. सिंह ने पश्चिम बंगाल में हो रहे जनसांख्यिकी बदलाव की ओर इंगित करते हुए आगे लिखा पश्चिम बंगाल अराजकता की ओर बढ़ रहा है, जो बांग्लादेश की उथल-पुथल को दर्शाता है। हम हिंसा में चिंताजनक वृद्धि और जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलाव देख रहे हैं; 1951 में पश्चिम बंगाल की 78.45% आबादी हिंदू थी। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की 70.54% आबादी हिंदू है। छह दशकों में हिंदू आबादी में 7.91% की भारी गिरावट आई है, साथ ही अवैध अप्रवासन में वृद्धि हुई है जो अपराध और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देता है। अपने नागरिकों की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में राज्य की अक्षमता बेहद चिंताजनक है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए सरोजनीनगर विधायक ने आगे जोड़ा ममता बनर्जी के प्रशासन ने अपनी नरम नीतियों और विशेष रूप से कुछ समूहों के प्रति उदारता से अपने लोगों को विफल कर दिया है। यह विफलता सड़कों और अस्पतालों में दिखाई देती है, जहां न्याय पहुंच से बाहर रहता है और अपराधी बेखौफ होकर काम करते हैं। अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मामले को हाल ही में जिस तरह से अपमानजनक ढंग से संभाला गया, वह प्रणालीगत प्रशासनिक विफलताओं को रेखांकित करता है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने आगे लिखा, इस कठिन समय में हम पीड़ित और उनके परिवार के साथ खड़े हैं। टीएमसी के शासन में बढ़ता अविश्वास डॉक्टरों की देशव्यापी रैलियों से स्पष्ट है। यह सुरक्षा बहाल करने, कानून और व्यवस्था बनाए रखने और प्रत्येक नागरिक, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत, निर्णायक कार्रवाई का समय है।

भगवान किसी की सेवा और सत्कर्म का फल उधार नहीं रखते-कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज

  • लखनऊ के दयालबाग में कथा सुनने उपस्थित हुए कई मंत्री और विशिष्ट अतिथि
  • सुशांत गोल्फ सिटी के दयालबाग में 10 अगस्त से शुरू है 9 दिवसीय श्री राम कथा

लखनऊ: भगवान में श्रद्धा और विश्वास रखते हुए हमें निरंतर भजन पूजन में लगे रहना चाहिए। हमारे सनातन सदग्रंथ बताते हैं कि फल की चिंता नहीं करते हुए जो निरंतर भजन पूजन और सत्कर्म में लगे रहते हैं, भगवान उन्हें उसका फल अवश्य प्रदान करते हैं। उक्त बातें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी , दयालबाग में 10 अगस्त से प्रारंभ हुई नौ दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज ने व्यासपीठ से कहीं।

सरस् श्रीराम कथा गायन के माध्यम से भारतीय और पूरी दुनिया के सनातन समाज में अलख जगाने के लिए जनप्रिय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने धनुष भंग और श्री सीताराम विवाह प्रसंगों का गायन करते हुए कहा कि मनुष्य को परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए उसे अपने कर्म को संभाल के रखने की आवश्यकता होती है। फल तो अवश्य मिलेगा, भले उसके परिणाम को मिलने में थोड़ा समय लगे। वृक्ष लगाते ही फल नहीं देने लगता है , समय आने पर फल निकलते हैं।

पूज्यश्री ने कहा कि मनुष्य को स्वयं तय करना होता है कि उसे क्या चाहिए और कितना चाहिए? भगत की बहुत अधिक कामना नहीं होती है। संतोष ग का कहना है कि भगवान से केवल एक ही कामना करनी चाहिए – हर परिस्थिति में हमारा चित्त आप में लगा रहे। एक और महत्वपूर्ण बात हमें याद रखनी चाहिए – माता सीता ने मां भगवती से अपने मन की कोई बात नहीं कही थी फिर भी उन्हें वह प्राप्त हो गया जो वह चाहती थी। हम भी भगवान से कुछ ना मांगने का स्वभाव बनाएं भगवान से हमारी निकटता है तो वह हमारे मन को जान कर हमारे लिए जो उचित है वह स्वयं पूरा कर देंगे।

महाराज जी ने कहा कि मनुष्य का जीवन तप करने के लिए मिला है तप के माध्यम से ही हम अपने धरती पर आने के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। गंगा जी को धरती पर लाने के लिए भगीरथ की चार पीढ़ियां ने तप किया था। जिस कुल में कोई भगत तपता है उसी कुल में नए भगत का आगमन भी होता है।
भगत की बुद्धि लेनदेन या बनिया की तरह नहीं होती है। क्या दिया तो क्या पाया यह भगत नहीं सोचता है। भगवान के चरणों में भगत की सहज ही गति होती है। यह पूरी सृष्टि भगवान के वश में है। मनुष्य के वश में कुछ भी नहीं है। जब भगवान से ही सब कुछ मिलना है तो भगवान में ही लगना चाहिए। घर में हम अगर अर्चा विग्रह की सेवा करते हैं, जीव भाव से करते हैं तो विग्रह भी बोलने लगते हैं। अगर हम घर में छोटे बच्चों से बात ना करें तो वह भी नहीं बोल पाते हैं इसलिए घर में अगर लाल को रखा है तो उनसे जीव भाव रखते हुए उनसे बात करें, उनकी सेवा करें।

सनातन धर्म, सत्य आचरण के समाज के निर्माण पर ही आधारित है। यह प्रमाणित सत्य है कि सतकर्म में रहने वाले व्यक्ति के लिए संसार की हर वस्तु सुलभ होती है । ठीक इसी प्रकार से अगर राजा धर्मशील हो तो प्रकृति भी उसके प्रजा पालन में उसका पूरा-पूरा साथ देती है। धरती एक मुट्ठी अन्न को सौगुना करके वापस करती है।

मिथिलेश की वाटिका में भगवान राम के स्वागत में पूरी प्रकृति उमड़ पड़ी थी। ठीक है इसी प्रकार से त्रेता में जहाँ भी राजा धर्मशील होते थे, समुद्र देव उनके स्वागत में अपने गर्भ से खजाने को लाकर तट पर बिखेर देते थे। पूज्य श्री ने कहा कि सनातन धर्म और संस्कृति में भगवान राम जी का चरित्र हमें बार-बार यह सिखाता है कि हमें जीवन में किस प्रकार रहना है। जब हम राजा जनक जी की वाटिका के प्रसंग का दर्शन करते हैं जहां भगवान श्री राम और माता सीता जी को एक दूसरे का पहली बार दर्शन हुआ था तो हमें यह पता चलता है कि शीलवान व्यक्ति कैसा होता है?

महाराज श्री ने कहा कि संसार में अच्छा बुरा दोनों ही उपस्थित है जो भगत लोग हैं उन्हें अच्छे को ग्रहण करते हुए अपने जीवन को धन्य बनाने की आवश्यकता होती है। अपनी दृष्टि पर संयम से यह संभव हो पाता है। जब हम अच्छा देखने का प्रयास करते हैं तो हमें सब कुछ अच्छा ही देखता है । क्योंकि हम जो देखते हैं वही सोचते हैं और धीरे-धीरे वैसा ही बन जाते हैं।
जीवन में हमें किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए कि वो आपसे परेशान हो जाए। जितना हो सके जीवन को सरल और सहज बनाना चाहिए। सहजता ही ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है।

समाज में आम लोग श्रेष्ठ के ही आचरण का अनुकरण और अनुसरण करते हैं ऐसे में सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने आचार, व्यवहार, आहार में श्रेष्ठता का प्रदर्शन करें, जिनका अनुकरण किया जा सके।
भारतीय सनातन संस्कृति में यह बार-बार प्रमाणित हुआ है कि जो भी व्यक्ति धर्म पथ पर चलते हुए संसार में विचरण करते हैं, उनके घर से दुख भी दूरी बना कर रहता है और ऐश्वर्य स्वयं चलकर उनके घर पहुंचते हैं। महाराज जी ने कहा कि मनुष्य को किसी के भी अपकर्मों की चर्चा करने से बचना चाहिए। जब हम किसी के किए गए गलत कार्यों की बार-बार चर्चा करते हैं तो उस तरह की स्थिति हमारे अपने जीवन में भी उपस्थित होने लगती है।

महाराज श्री ने बताया आम जन जीवन में कहां उठना बैठना है, कहां नहीं जाना है, क्या खाना है? क्या नहीं खाना है । किससे कुछ लेना है और किससे कुछ नहीं लेना है आदि-आदि यही तो धर्म है। जब कोई व्यक्ति धर्म को धारण कर धर्मशीलता के जीवन को जीने का प्रयास करता है तो भगवान भी उसकी मदद करते हैं। भगवान श्री राम की मिथिला यात्रा और धनुषभंग के प्रसंगों का गायन करते हुए पूज्य महाराज जी ने कहा कि हम जिस युग में जी रहे हैं उस काल में दान ही सर्वश्रेष्ठ धर्म कार्य है। भगवान ने हमें कुछ देने के लिए ही दिया है । हम जो देते हैं , हमें वही वापस और ज्यादा मिलता है जैसे अगर हम धरती में एक मुट्ठी अन्न डालते हैं तो धरती माता हमें उसे 100 गुना करके देती हैं। इस कथा के प्रधान संकल्पी उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह की पूजनीया माता जी ने और दयाल ग्रुप के चेयरमैन श्री राजेश सिंह दयाल ने सपरिवार व्यास पीठ पर उपस्थित भगवान का पूजन किया। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार ) दिनेश प्रताप सिंह , डॉक्टर श्रद्धा राजपूत, भारत दीक्षित , कौशल जी , प्रशांत भाटिया सहित विभिन्न विधायक और कई विशिष्ट अतिथि कथा में उपस्थित रहे। धनुष भंग प्रसंग का श्रवण करने के लिय बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोतागण को महाराज जी के द्वारा गाए गए दर्जनों भजनों पर झूमते हुए देखा गया।

लखनऊ: अल्पसंख्यक राज्यमंत्री के नेतृत्व में परिवर्तन चौक से हजरतगंज तक निकाली जायेगी तिरंगा यात्रा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, वक्फ एवं हज राज्यमंत्री श्री दानिश आजाद अंसारी के नेतृत्व में कल दिनांक 14 अगस्त, 2024 को प्रातः 07 बजे परिवर्तन चौक से हजरतगंज चौराहा (अटल चौक) तक तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस तिरंगा यात्रा/ प्रभात फेरी में जनपद लखनऊ में संचालित मदरसों के लगभग 10,000 छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी प्रतिभाग करेंगे।

अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने जिलाधिकारी लखनऊ को कल आयोजित होने वाले प्रभातफेरी/तिरंगा यात्रा के सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण आयोजन हेतु व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उक्त कार्यक्रम के दौरान निर्धारित मार्ग पर साफ-सफाई एवं पेयजल, एम्बुलेंस एवं अग्निशमन वाहन की व्यवस्था उपलब्ध हो।

अल्पसंख्यक राज्यमंत्री ने बताया कि सरकार हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम आयोजित कर रही है। कार्यक्रम का उद्देश्य देश के लोगों में देश प्रेम की भावना को बढ़ावा देना एवं अमर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना है। इससे लोगों में राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं सम्मान की भावना बनी रहेगी।