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⁠नगर निगम के अधिकारियों, पार्षदों, प्रमुख व्यापारी नेताओं की कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही कार्यकारिणी बैठक में लाया जाएगा लाइसेंस शुल्क का प्रस्ताव: महापौर

  • नगर निगम द्वारा प्रस्तावित लाइसेंस शुल्क के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल का प्रतिनिधि मंडल व्यापारी नेता संजय गुप्ता के नेतृत्व में महापौर से मिला तथा राजधानी के व्यापारियों पर लाइसेंस शुल्क लागू किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की, व्यापारियों ने महापौर को ज्ञापन सौंपा
  • आदर्श व्यापार मंडल के प्रयास से राजधानी में नगर निगम द्वारा प्रस्तावित लाइसेंस शुल्क का विषय टला
  • ⁠आश्वासन के बाद राजधानी के व्यापारियों ने महापौर को धन्यवाद ज्ञापित किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम द्वारा ज्वेलरी, जूते ,रेडीमेड गारमेंट्स, जिम, ब्यूटी पार्लर सहित अनेक व्यापार पर लाइसेंस शुल्क प्रस्तावित किए जाने के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के तत्वाधान में प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता के नेतृत्व में प्रातः 9:00 बजे महापौर सुषमा खरकवाल से उनके आवास पर मिला। व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने महापौर श्रीमती खरकवाल से राजधानी के विभिन्न ट्रेड के व्यापारियों पर लाइसेंस शुल्क लागू किए जाने के निर्णय को वापस लेने की मांग की तथा ज्ञापन सौंपा इस अवसर पर नगर निगम के उपनेता सुशील तिवारी पम्मी भी विशेष रूप से मौजूद रहे।

प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने महापौर से कहा लाइसेंस शुल्क व्यवस्था लागू करने से व्यापारियों को उत्पीड़न होगा तथा इंस्पेक्टर राज एवं लाइसेंस प्रथा की वापसी होगी, संजय गुप्ता ने महापौर से कहा कि जीएसटी लागू करते समय सभी प्रकार के लाईसेंस एवं अन्य टैक्स को खत्म करने की बात कही गई थी ऐसे में यह व्यवस्था जीएसटी की मूल अवधारणा के विपरीत होगी। महापौर ने व्यापारियों की बात को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया की लाइसेंस शुल्क व्यवस्था तुरंत नहीं लागू की जाएगी। इसके पहले नगर निगम के अधिकारियों, लखनऊ के प्रमुख व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों एवं पार्षदों की एक कमेटी बनेगी, उस कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही यदि आवश्यक होगा तो कार्यकारिणी में प्रस्ताव लाया जाएगा अन्यथा कोई प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी सरकार एवं नगर निगम की प्राथमिकता है व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी दशा में नहीं होने दिया जाएगा व्यापारियों के हितों के विरुद्ध कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता के साथ नगर अध्यक्ष हरजिंदर सिंह, ट्रांस गोमती अध्यक्ष अनिरुद्ध निगम, लखनऊ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं भूतनाथ सराफा के प्रभारी अमिताभ श्रीवास्तव, मुंशी पुलिया के अध्यक्ष दीपक चौहान, भूतनाथ मार्केट के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, पैथोलॉजी एसोसिएशन उपाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, मानवेंद्र सिंह, राजन अवस्था, अजय वर्मा, ललतेश मिश्रा मौजूद थे।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति भारत के लिए चेतावनी, देश की अखंडता और सांप्रदायिक संतुलन के लिए उठाए जाएं निर्णायक कदम- डॉ.राजेश्वर सिंह

  • बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों, जबरन इस्तीफों पर मीडिया आउटलेट्स की खामोशी पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने उठाया सवाल, ट्वीट कर जताई स्थिति पर जताई चिंता, कहा- ‘वैश्विक मानवाधिकार चयनात्मक और राजनीति से प्रेरित’
  • डॉ०सिंह ने बांग्लादेश मामले पर चुप रहने और गाजा की घटनाओं की मुखर निंदा करने वाले, राष्ट्र की संप्रभुता के लिए संभावित खतरा बताया
  • उन्होंने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि हिंदू आबादी में गिरावट पर निरंतर सतर्कता की आवश्यकता
  • साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की ताजा स्थिति: CAA को मजबूत करने की तात्कालिक आवश्यकता

लखनऊ: बांग्लादेश की अशांति भारत के लिए एक चेतावनी है, सीमा सुरक्षा कड़ी होनी चाहिए, पक्षपातपूर्ण नैरेटिव की जांच होनी चाहिए, सीएए को सुदृढ़ बनाया जाना चाहिए और बहुत देर होने से पहले राष्ट्रीय अखंडता और सांप्रदायिक संतुलन की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए। ये मांग उठाई है सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को बांग्लादेश की ताजा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर 9 प्रमुख बिंदु रेखांकित किए।

विदेशी फंडेड पत्रकारों की जांच होनी चाहिए

विधायक ने लिखा विदेशी फंडिंग और विदेशी झुकाव वाले पत्रकार अक्सर ऐसी कहानियां गढ़ते हैं जो राष्ट्रीय हितों से मेल नहीं खातीं। उदाहरण के लिए, वर्तमान बांग्लादेश संकट में, जबकि प्रमुख मीडिया आउटलेट्स ने हिंदू विरोधी हिंसा का समर्थन करने वाले नैरेटिव को कवर किया, लेकिन वे जबरन इस्तीफे और हिंदुओं पर हमलों पर चुप रहे। ऐसे पक्षपाती आउटलेट्स पर निगरानी की जरूरत है

नरसंहार पर चयनात्मक आक्रोश खतरनाक

डॉ. राजेश्वर सिंह ने आगे लिखा बांग्लादेश में चल रहे हिंदू विरोधी नरसंहार के दौरान, प्रमुख भारतीय कथित ‘धर्मनिरपेक्ष’ आवाज़ें, एमनेस्टी इंटरनेशनल और यूएससीआईआरएफ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्पष्ट रूप से चुप थे। इसके विपरीत, इन संस्थाओं ने गाजा में घटनाओं की मुखर रूप से निंदा कर अपने चयनात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया। पक्षपाती और तथाकथित “भारत के स्वघोषित धर्मनिरपेक्ष लोगों” पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए संभावित खतरे हैं।

हिंदू जनसंख्या में गिरावट : निरंतर सतर्कता की आवश्यकता

डॉ. राजेश्वर सिंह ने आंकड़े प्रस्तुत कर बांग्लादेश में तेजी से घटती हिंदू आबादी को भारत के लिए खतरनाक बताते हुए लिखा, बांग्लादेश में हिंदू आबादी 1951 में 22.5% से घटकर आज लगभग 7.5% रह गई है। हिंसा, भेदभाव और जबरन प्रवासन से प्रेरित जनसंख्या में भारी गिरावट लक्षित जनसांख्यिकीय क्षरण की स्पष्ट कहानी कहती है। इसी तरह की प्रवृत्ति भारत में भी दिखाई दे रही है, जहां हिंदू आबादी 1951 में 84.1% से घटकर 2011 में 79.8% हो गई है। हिंदुओं की यह गिरावट कुछ राज्यों में तो खतरनाक रुझानों को इंगित करती है। डॉ. सिंह ने राज्यों का उल्लेख करते हुए आगे जोड़ा केरल- 1951 में हिंदू जनसंख्या 61.6% थी जो 2011 में 54.7% रह गई, इसी तरह पश्चिम बंगाल में हिंदू जनसंख्या 1951 में 78.45% से 2011 में 70.5% रह गई, उत्तर प्रदेश में 1951 में हिंदू आबादी 84.8% से घटकर 2011 में 79.7% हो गई, ये जनसांख्यिकीय परिवर्तन निरंतर सतर्कता की आवश्यकता का संकेत देते हैं।

जबरन इस्तीफों पर वैश्विक चुप्पी

डॉ. राजेश्वर सिंह ने लिखा कि बांग्लादेश की रिपोर्ट और वीडियो से पता चलता है कि हिंदू शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों और अधिकारियों को केवल उनके धर्म के आधार पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है, पीटा जा रहा है और अपमानित किया जा रहा है। इतने ज़बरदस्त उत्पीड़न के बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय संगठन काफी हद तक चुप रहे हैं। यह उदासीनता संकेत देती है कि वैश्विक मानवाधिकार वकालत अक्सर चयनात्मक और राजनीति से प्रेरित होती है, जो सभी भारतीयों से पक्षपातपूर्ण अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों से सावधान रहने का आग्रह करती है।

सीमा पर चरमपंथी खतरों में वृद्धि

सरोजनीनगर विधायक ने चिंता व्यक्त करते हुए आगे लिखा शेख हसीना के संभावित निष्कासन के साथ, पाकिस्तान से मजबूत संबंध वाले जमात-ए-इस्लामी जैसे चरमपंथी समूह बांग्लादेश में अपनी पकड़ बना रहे हैं। इससे बांग्लादेश के साथ भारत की 4,096 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर घुसपैठ और सुरक्षा खतरों का खतरा बढ़ गया है।

आर्थिक संबंधों पर प्रभाव

बांग्लादेश के साथ आर्थिक संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह ने आगे लिखा शेख हसीना के शासनकाल में, बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 13 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। सत्ता परिवर्तन और बढ़ती भारत विरोधी भावनाएँ इन आर्थिक संबंधों को खतरे में डाल सकती हैं।

जलवायु शरणार्थी संकट

डॉ. सिंह ने आगे लिखा जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक बांग्लादेश की 11% भूमि के जलमग्न होने का खतरा है, जिससे संभावित रूप से 1.8 करोड़ लोग विस्थापित होंगे। इससे भारत में जलवायु शरणार्थियों का बड़े पैमाने पर आगमन हो सकता है, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में संसाधनों पर दबाव पड़ सकता है। भारत को सीमा नियंत्रण को मजबूत करके और व्यापक शरणार्थी प्रबंधन नीतियों को विकसित करके इस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

बांग्लादेश के कोटा सुधार से सबक

छात्रों के विरोध के जवाब में शेख हसीना द्वारा सरकारी नौकरियों में 56% आरक्षण को समाप्त करना भारत के लिए एक सबक के रूप में कार्य करता है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को मजबूत करना

बांग्लादेश की हिंदू आबादी में तेज गिरावट और चल रहे उत्पीड़न भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को मजबूत करने की तात्कालिकता को उजागर करते हैं। पड़ोसी देशों से सताए गए हिंदुओं के लिए ‘वापसी का अधिकार’ प्रदान करने के लिए इस अधिनियम का विस्तार करना। विधायक ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला करते हुए आगे लिखा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी आदि द्वारा CAA का विरोध भारतीय राजनीतिक दलों के रवैये को दर्शाता है कि वे कितने हिंदू विरोधी हैं। और सत्ता हासिल करने के लिए वे देश की कीमत पर तुष्टिकरण की राजनीति के लिए किस हद तक जा सकते हैं।

बता दें कि सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हैं जो प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक रह चुके हैं, इसके अलावा वे सर्वोच्च न्यायालय के प्रैक्टिशनर लॉयर भी है। डॉ. सिंह देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता से संबंधित विषयों पर तथ्यों के साथ अपनी बात मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं।

भाजपा में सम्मान पाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं सोनू यादव

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी, लखनऊ महानगर के संघर्षशील कार्यकर्ता सोनू यादव विगत 20 वर्षों से पार्टी में अपना सक्रिय योगदान दे रहे है परन्तु, पार्टी ने अभी तक उन्हें वो सम्मान नहीं दिया जिसके वो वास्तविक हकदार हैं।

ग़ौरतलब है कि 30 जुलाई 2017 को अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, उनके दोनों डिप्टी सी.एम. केशव मौर्या, डा.दिनेश शर्मा सहित कैबिनेट के कई मंत्री व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी सोनू यादव के नेहरू इंक्लेव के पास जुगौली स्थित घर में भोजन करने पहुंचे थे उसके बाद संगठन व यादव समाज में यह चर्चा होने लगी थी कि सोनू यादव का जल्द ही कुछ अच्छा होने वाला है। परन्तु आज से सात वर्ष बीत जाने के बाद सोनू जहां थे आज भी वहीं हैं।

इस संबंध में जब सोनू यादव से पूछा गया तो बड़े सहज भाव से सोनू यादव ने जबाब देते हुऐ कहाकि मेरा पूरा परिवार भाजपा के लिए संमर्पित रहा है मैने सरकार या संगठन से पद को लेकर कभी भी नाराजगी व्यक्त नहीं की। मेरा मानना है कि जब भी सरकार या संगठन को मेरी कहीं उपयोगिता या आवश्यकता महसूस होगी वह मेरे वारे में विचार अवश्य करेगें। हाँ, यह अवश्य है कि हमारे यादव समाज में जरूर यह चर्चा होती है कि भाजपा में जीवन खपाने के बाद भी तुम्हें क्या मिला साथ ही कई अन्य राजनीतिक दलों ने इसे इश्यू बनाने के उद्देश्य से कई प्रलोभन देने का प्रयास भी किया परंतु उन सबको निराश होना पड़ा क्योंकि हमनें अपना पूरा जीवन भाजपा को समर्पित कर रखा है।

यूपी में पत्रकार हित: पत्रकारों के सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय से पुनः जारी हुआ पत्र

लखनऊ: उत्तरप्रदेश में पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण, उनकी सुरक्षा व्यवस्था, उनके साथ पुलिस द्वारा शिष्ट व्यवहार करने के साथ ही पत्रकारों व उनके परिजनों के ख़िलाफ़ दर्ज हो रहे मनगढ़ंत मामलों की जानकारी के संबंध में डीजीपी मुख्यालय ने पूरे प्रदेश के सभी जनपदों से जानकारी तलब की है।

उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 27 अगस्त को सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को एक विस्तृत पत्र जारी किया, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा, उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार, और उनके अधिकारों की सुरक्षा पर जोर दिया गया है। यह पत्र राज्य में पत्रकारों की बढ़ती चिंताओं और उनकी सुरक्षा को लेकर हो रही घटनाओं के मद्देनजर जारी किया गया है। पत्र में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को विशेष रूप से शामिल किया गया है।

पत्रकारों के साथ शिष्ट और सम्मानजनक व्यवहार

पत्र में सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पत्रकारों के साथ हमेशा शिष्ट, सम्मानजनक और सहयोगात्मक व्यवहार करें। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकारों को उनके कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की धमकी, अपमान या उत्पीड़न का सामना न करना पड़े। पत्रकारों की भूमिका को समझते हुए, उनके साथ पेशेवर और सम्मानजनक तरीके से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

फर्जी मामलों पर रोक

पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पत्रकारों और उनके परिजनों के खिलाफ किसी भी प्रकार का फर्जी मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। यह बिंदु इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार पत्रकारों की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के कारण उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से मामले दर्ज किए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी पत्रकार के खिलाफ दर्ज होने वाले मामलों की पहले सही ढंग से जांच की जाए और कोई भी अनुचित कार्रवाई न की जाए।

निष्पक्ष और पारदर्शी जांच

पत्रकारों के खिलाफ शिकायतें या दर्ज मामले की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया न अपनाएं और जांच प्रक्रिया में पत्रकारों के अधिकारों और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान करें। जांच के दौरान पत्रकारों के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाने और उनकी चिंता को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा की प्राथमिकता

पत्रकारों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। यदि किसी पत्रकार को जान से मारने की धमकी, उत्पीड़न, या अन्य प्रकार के हमले का सामना करना पड़ता है, तो पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करने चाहिए।

समय-समय पर संवाद और समन्वय

पत्र में यह भी कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों को पत्रकारों के साथ नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए। अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे पत्रकारों के साथ नियमित बैठकें करें, जिससे किसी भी प्रकार के मुद्दे, सुझाव, या शिकायत को सुना और समझा जा सके। संवाद के माध्यम से पुलिस और पत्रकारों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकता है, जिससे कार्य में पारदर्शिता और सुरक्षा की भावना विकसित हो सके।

जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता

पत्र में पुलिस अधिकारियों को पत्रकारिता की महत्ता और पत्रकारों की जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने के लिए भी कहा गया है। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होते हैं, और उनका कार्य समाज में जागरूकता फैलाना और सरकार व जनता के बीच सूचना के पुल का काम करना होता है। पुलिस अधिकारियों को पत्रकारों के इस कार्य की महत्ता को समझते हुए उनके प्रति सम्मानजनक रवैया अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।

कानूनी कार्रवाई की सतर्कता

पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यदि किसी भी पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना अपरिहार्य हो, तो पुलिस अधिकारियों को सतर्कता और निष्पक्षता के साथ यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस कार्रवाई का आधार तथ्यात्मक और वैध हो। किसी भी प्रकार के भेदभाव या पूर्वाग्रह से बचते हुए निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।

इस पत्र का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों के लिए एक सुरक्षित, स्वतंत्र और सहयोगात्मक कार्य वातावरण तैयार करना है। उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पत्रकारों के खिलाफ कोई भी अनुचित या अवैध कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह पहल न केवल पत्रकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है, बल्कि पुलिस और मीडिया के बीच एक सकारात्मक और सहयोगी संबंध स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। पत्र के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पत्रकारों के अधिकारों का सम्मान करें और उन्हें उनके कार्य को स्वतंत्र और निर्भीक रूप से करने का अवसर प्रदान करें।

सरोजनीनगर का सुपर सन्डे: विधायक ने आयोजित किया जन सुनवाई शिविर, फ्री बस सेवा से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु, मेधावियों को मिली साइकिल, स्थापित हुआ 37 वां गर्ल्स यूथ क्लब, लगवाए ई – गवर्नेंस कैम्प

  • फ्री बस सेवा से अयोध्या पहुंचे सरोजनीनगर के श्रद्धालु, जताया विधायक का आभार
  • गौरी विहार से संचालित हुई 28वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा, डॉ. राजेश्वर सिंह पूरी करवा रहे भक्तों की लालसा
  • भटगांव, मजरा रसूलपुर में लगा 86वां ‘आपका विधायक – आपके द्वार’ जन सुनवाई शिविर, सुनीं गयीं ग्रामीणों की समस्याएँ
  • गाँव की शान: रसूलपुर के 4 मेधावियों को डॉ. राजेश्वर सिंह ने साइकिल प्रदान कर किया सम्मानित
  • नयी पहल : डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा स्थापित डिजिटल केन्द्रों पर क्षेत्रवासियों को मिल रहा ई-गवर्नेंस लाभ

लखनऊ: जनसेवा को जीवन का ध्येय मान नित नयी जनकल्याणकारी योजनाओं से अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता को लाभ पहंचा रहे सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने रविवार को गौरी विहार से 28वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा संचालित की। इस फ्री बस सेवा के माध्यम से स्थानीय निवासियों को अयोध्या दर्शन कराया गया।

  • विधायक द्वारा नियमित संचालित बस सुबह गौरी विहार के जे. पी लॉन पहुँच गयी, जहाँ महिलाओं और बुजुर्गों को पटका पहनाकर बस में बिठाया गया, पूरे रास्ते के दौरान यात्रियों के लिए नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की गयी। सभी दर्शनार्थियों को राम मंदिर, हनुमान गढ़ी, कनक भवन, राम की पैडी आदि महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों का दर्शन कराते हुए देर शाम सकुशल उनके घर पहुंचाया गया। वापसी के दौरान सभी दर्शनार्थियों को डॉ. राजेश्वर सिंह की ओर से श्रीमद्भागवत गीता तथा प्रसाद भी प्रदान किया गया।

भटगांव, मजरा रसूलपुर में लगा 86वां ‘आपका विधायक – आपके द्वार’ जनसुनवाई शिविर

  • उपलब्धता और संवाद से जन समस्याओं का समाधान कर रहे सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा रविवार को ग्राम पंचायत भटगांव, मजरा रसूलपुर में 86वां ‘आपका विधायक – आपके द्वार’ जन सुनवाई शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रामीणों के बीच विधायक की टीम उनकी समस्याएँ सुननें, समस्याओं का समाधान दिलाने और गांव के विकास संबंधित सुझाव प्राप्त करने के लिए उपस्थित रही। शिविर के दौरान ‘गांव की शान’ पहल के अंतर्गत डॉ. राजेश्वर सिंह की ओर से इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 2 मेधावियों मो. उमर (80.8%) व सलोनी गौतम (76.0%) और हाईस्कूल परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 2 मेधावियों परिसीका पाल (77.83%) व हिमांशु (74.83%) को साइकिल, घड़ी और प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश सिंह, महिला मोर्चा मंडल मंत्री मधु चौरसिया, बीडीसी सुहागवती चौरसिया, दीपमाला, मोहिनी देवी, कमला चौरसिया, प्रिओम, शिवमंगल चौहान, अजीत चौहान, शत्रोहन एवं राजा राम चौरसिया को सम्मानित किया गया। साथ ही रसूलपुर में 37 वें गर्ल्स यूथ क्लब की स्थापना कर कैरम, फुटबॉल, वॉलीबॉल आदि खेलों की स्पोर्ट्स किट प्रदान की गयी। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा स्थापित ‘ताराशक्ति निःशुल्क रसोई’ के माध्यम से उपस्थित क्षेत्रवासियों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया। इस दौरान ग्राम प्रधान तारा देवी, सेक्टर संयोजक सूरज सिंह, बूथ अध्यक्ष सुन्दर लाल, अनिल कुमार पटेल, केदार नाथ मौर्या, क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंती, गिरीश चन्द्र, बच्चू लाल पासी, दीपक कुमार, धरम राय चौरसिया, पीनू रावत, महेश्वरी द्विवेदी एवं पार्षद प्रतिनिधि लवकुश रावत मौजूद रहे।

रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केन्द्रों पर लगा ई-गवर्नेंस कैंप

सरोजनीनगर विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह ने अपनी विधानसभा क्षेत्र के युवाओं को डिजिटल कोर्सों का निःशुल्क प्रशिक्षण दिलाने के लिए अपने पिता की स्मृति में डिजिटल सशक्तिकरण केन्दों की स्थापना की है, पहले चरण में विधायक द्वारा 6 केन्द्रों की स्थापना की गयी। इनमें से 4 केन्द्रों विधायक कार्यालय, आशियाना, कुम्हार मंडी, भटेआ लाइन तेलीबाग शाखा, कटियार मार्केट, लतीफनगर शाखा, कानपुर रोड, बंथरा सिकंदरपुर शाखा पर रविवार को ई – गवर्नेंस सुविधाओं पैन कार्ड आवेदन, किसान सम्मान निधि आवेदन, बीमा और बैंकिंग योजनाओं का लाभ, जन्म, मृत्यु, जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र, वृद्धावस्था, दिव्यांगजन पेंशन आदि के पंजीकरण सुविधाओं का निःशुल्क लाभ उपलब्ध कराया गया। इन केन्द्रों के बारे में विधायक का मानना है कि प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को इन केंद्रों पर सरोजनीनगर परिवार के सदस्यों को निःशुल्क जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।