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‘अमेरिका रूस से ही न्यूक्लियर फ्यूल लेता है, लेकिन उपदेश हमें देता है…’ पुतिन ने ट्रंप पर साधा निशाना।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया और फिर दोनों नेता एक की कार में 7 लोक कल्याण मार्ग के लिए रवाना हो गए. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति पुतिन का विमान लैंड हुआ. पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पर पुतिन को गले लगाया और उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. स्वागत समारोह के दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एयरपोर्ट पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा और उसकी सराहना की.

रूसी तेल पर अमेरिका के रवैये पर पुतिन का निशाना

भारत दौरे से पहले व्लादिमीर पुतिन ने रूसी कच्चे तेल और एनर्जी के मुद्दे पर अमेरिका और पश्चिम देशों के रवैये पर सवाल उठाया. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि अमेरिका अपने परमाणु प्लांट के लिए रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीदता है, लेकिन भारत पर कच्चा तेल आयात करने के लिए प्रतिबंध लगाता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका हमसे परमाणु ऊर्जा खरीदता है और फिर हमें ज्ञान देता है.

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ

पुतिन ने पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया ने भारत की मजबूत और स्पष्ट स्थिति देखी है. ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया है, जिसके बाद भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया. उस समय भी रूस ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की थी और कहा था कि कोई भी देश अपने हितों के लिए फैसले लेने के लिए आजाद है.

अमेरिका का टैरिफ नीति खतरनाक- पुतिन

पुतिन ने कहा, “अमेरिका और ट्रंप के आर्थिक सलाहकार मानते हैं कि इस तरह टैरिफ लगाने से उन्हें फायदा होगा, लेकिन हमारे जानकार मानते हैं इस तरह की नीतियां खतरनाक हैं. हमने कई ऐसा नहीं किया और न ही आगे करेगा. रूस खुली अर्थव्यवस्था पर विश्वास करता है. हम चाहते हैं कि वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन( WTO) के नियमों में संशोधन किया जाए.”

IND vs SA 3rd ODI:फाइनल से पहले भारतीय टीम की प्लेइंग 11 में बड़ा बदलाव! इस खिलाड़ी को बाहर बैठाया जा सकता है.

 भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. विशाखापत्तनम में होने वाला तीसरा और आखिरी वनडे दोनों टीमों के लिए ‘करो या मरो’ का मुकाबला होगा. पहले मैच में जीत हासिल करने के बाद भारत दूसरे वनडे में बुरी तरह लड़खड़ा गया था. साउथ अफ्रीका ने 359 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य आसानी से चेज कर लिया. ऐसे में अब केएल राहुल की कप्तानी वाली टीम पर दबाव दोगुना हो गया है.

गेंदबाजी बनी सबसे बड़ी चिंता

दूसरे वनडे में भारतीय गेंदबाज पूरी तरह बिखरे नजर आए. खासकर तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा. जिन्होंने 8.2 ओवर में 85 रन लुटा दिए और उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला. उनका प्रदर्शन पूरे सीरीज में साधारण रहा है. लगातार रन देने और कोई प्रभाव न बना पाने के बाद चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के पास अब बदलाव का विकल्प ही बचता है. माना जा रहा है कि निर्णायक मुकाबले में प्रसिद्ध कृष्णा की छुट्टी लगभग तय है.

टीम में ऑलराउंडर की एंट्री पक्की?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी जगह युवा ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी को प्लेइंग 11 में शामिल किया जा सकता है. नितीश रेड्डी घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में हैं और डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाने के साथ-साथ विकेट लेने की क्षमता भी रखते हैं. विशाखापत्तनम की पिच बल्लेबाजी को मदद देती है. इसलिए एक ऐसे ऑलराउंडर की जरूरत है जो टीम को बैटिंग में गहराई दे सके और गेंदबाजी में छठे विकल्प के रूप में मदद करे.

पिछले दोनों मैचों में टीम इंडिया को आखिरी ओवरों में रन जुटाने में मुश्किल हुई थी. ऐसे में नितीश रेड्डी का शामिल होना भारतीय बल्लेबाजी को मजबूती देगा और टीम संतुलन भी बेहतर होगा.

गेंदबाजी लाइन-अप में फेरबदल

यदि प्रसिद्ध कृष्णा बाहर होते हैं तो गेंदबाजी यूनिट इस तरह दिख सकती है,

अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, कुलदीप यादव, रविंद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और नितीश रेड्डी बतौर छठे गेंदबाज. यह संयोजन टीम को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में स्थिरता प्रदान करेगा.

भारत की संभावित प्लेइंग 11 (तीसरा वनडे 2025)

रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, रुतुराज गायकवाड़, वाशिंगटन सुंदर, केएल राहुल (कप्तान और विकेटकीपर), नितीश कुमार रेड्डी, रविंद्र जडेजा, हर्षित राणा, कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह.

‘इसमें कुछ भी ग्रेट नहीं, क्योंकि भारत…’ G-7 में रूस की एंट्री पर पुतिन का स्पष्ट जवाब.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया. दोनों नेताओं ने एयरपोर्ट पर एक-दूसरे को गले लगाया और गर्मजोशी से अभिवादन किया. पीएम मोदी ने अपने आवास पर पुतिन के लिए डिनर की मेजबानी की. पुतिन के इस दौरे के दौरान डिफेंस डील समेत कई मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है. ट्रंप के टैरिफ के बाद से वर्ल्ड ऑर्डर में बड़ा बदवाल देखने को मिल रहा है. इस बीच पुतिन ने जी-7 देशों पर तंज कसा और भारत की जमकर तारीफ की.

इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं: पुतिन

भारत दौरे से पहले इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में जी-8 में रूस के शामिल होने वाले सवाल पर पुतिन ने कहा कि वे इस बैठक में जाना पहले की छोड़ चुके थे. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं ये नहीं समझ पा रहा हूं कि जी-7 देश खुद को जी-7 क्यों कहते हैं. जी यानी ग्रेट, लेकिन जरा सोचिए आज भारत खरीद शक्ति के आधार पर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था है तो फिर क्षमता के लिहाज से यूके या कुछ और देशों की स्थिति क्या है? मुझे ये थोड़ा अजीब लगता है. हालांकि ठीक है उनका अधिकार है खुद को जो कहने चाहें कहें.

पश्चिम देशों की अर्थव्यवस्था पर पुतिन का बयान 

पुतिन ने कहा, “इन देशों (वेस्टर्स) की अर्थव्यवस्थाएं हाईटेक है. उनकी नींव मजबूत है, लेकिन इसके बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी हिस्सेदारी लगातार घट रही है और ये रुझान आगे भी जारी रहेगा क्योंकि ये उनकी सरकारों की गलत नीतियों के कारण हो रहा है. जर्मनी की बात करें तो वह तीन साल से मंदी का शिकार है. फ्रांस की हालत काफी खराब है और वह भी मंदी के बिल्कुल करीब है. यही स्थिति कई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की भी है.“

मोदी-पुतिन के बीच रक्षा सहयोग पर होगी चर्चा

पुतिन की भारत यात्रा के दौरान व्यापार और आर्थिक सहयोग के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की जाएगी और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. 2022 में यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध शुरू होने के बाद से यह पुतिन की पहली भारत यात्रा है. इस शिखर सम्मेलन में रक्षा सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ व्यापार और ऊर्जा साझेदारी पर भी चर्चा होगी. शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में होने वाली औपचारिक बैठक से पहले रूसी राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा.

Why IVF Is Expensive In India:IVF इलाज बन रहा है कर्ज का कारण! सरकारी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा- जानें, गरीब परिवार इससे दूर क्यों जा रहे हैं?

 भारत में IVF का खर्च इतना ज्यादा हो गया है कि ज्यादातर दंपति इलाज कराते-कराते कर्ज में डूब रहे हैं. एक नई सरकारी रिपोर्ट बताती है कि IVF कराने वाले हर 10 में से 9 भारतीय दंपति ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं जहां इलाज पर होने वाला खर्च उनकी सालाना आय के 10 प्रतिशत से भी ज्यादा हो जाता है. एक IVF साइकिल पर निजी अस्पतालों में करीब 2.3 लाख रुपये और सरकारी अस्पतालों में भी औसतन 1.1 लाख रुपये खर्च आ रहा है. यह बोझ किसी भी आम परिवार के लिए बेहद भारी है और यही इस रिपोर्ट की सबसे चौंकाने वाली बात है.

यह देश का पहला बड़ा स्टडी है जिसे ICMR–NIRRCH ने स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए तैयार किया है. इसमें साफ दिखा है कि IVF सिर्फ महंगा नहीं, बल्कि कई परिवारों के लिए आर्थिक झटका साबित हो रहा है क्योंकि एक साइकिल में सफलता की गारंटी नहीं होती और अक्सर लोगों को कम से कम तीन बार कोशिश करनी पड़ती है. रिपोर्ट में WHO के आंकड़ों का हवाला भी है, जिनके मुताबिक भारत में 4 से 17 प्रतिशत दंपति इनफर्टिलिटी से जूझते हैं और इनमें से करीब 8 प्रतिशत को IVF जैसे एडवांस्ड इलाज की जरूरत पड़ती है.

क्यों महंगा होता है इलाज?

आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया कई चरणों से गुजरती है, ओवेरियन स्टिम्युलेशन, एग रिट्रीवल, फर्टिलाइजेशन, एंब्रियो ट्रांसफर, और लगातार मॉनिटरिंग. यही कारण है कि ये इलाज तकनीकी रूप से मुश्किल भी है और आर्थिक रूप से भारी भी. आयुष्मान भारत योजना अभी कमजोर तबकों को 5 लाख रुपये तक की अस्पताल उपचार कवर देती है, लेकिन आईवीएफ इसमें शामिल नहीं है. रिपोर्ट साफ कहती है कि चूंकि आईवीएफ का ज्यादातर खर्च ओपीडी में होता है, इसलिए इसे पैकेज में जोड़ा जाना चाहिए. अगर योजना में शामिल किया जाता है तो एक आईवीएफ साइकिल की 81,332 हजार रुपये की लागत को सरकारी दर मानने की सिफारिश की गई है. देश में करीब 2.8 करोड़ दंपति इनफर्टिलिटी की समस्या झेल रहे हैं, जिनके लिए आईवीएफ ही आखिरी उम्मीद है, लेकिन इलाज की ऊंची लागत उनके लिए रास्ता रोक देती है.

स्टडी में ये भी सामने आया कि सभी सर्वे मरीजों में पीसीओएस बांझपन की सबसे आम वजह थी. निजी अस्पतालों में सीधे इलाज का खर्च ज्यादा होता है, जबकि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को गैर-चिकित्सकीय खर्च, जैसे यात्रा, ठहरने का खर्च और काम से छुट्टी का नुकसान ज्यादा झेलना पड़ता है. आईवीएफ शुरू होने से पहले ही चार में से एक मरीज पर इतना खर्च हो चुका था कि वो इसे “catastrophic expenditure” की कैटेगरी में पहुंच गया. रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत के हेल्थ सिस्टम में इनफर्टिलिटी की समस्या को अभी भी बहुत कम प्राथमिकता मिलती है, जबकि इसके इलाज पर लगभग कोई आर्थिक सुरक्षा नहीं मिलती.

IVF इतना महंगा क्यों पड़ रहा है?

आईवीएफ की एक साइकिल का खर्च 50,000 से लेकर 2.5 रुपये लाख तक जा सकता है. इसमें दवाएं, टेस्ट, मॉनिटरिंग, एंब्रियो लैब, और कई बार बार-बार ट्राई करने का खर्च शामिल है. ऊपर से महंगाई ने दवाओं और टेस्ट की कीमत और बढ़ा दी है. मिडिल-क्लास परिवारों के लिए ये खर्च असहनीय है. हाउसहोल्ड कंजप्शन सर्वे के हिसाब से ग्रामीण परिवार हर महीने करीब 17,000 रुपये खर्च करते हैं. ऐसे में आईवीएफ का खर्च कई लोगों की पूरी सालाना आय से भी ज्यादा बैठ जाता है.

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज़ के पहले सप्ताह ही बॉक्स ऑफिस पर कमाई का तूफ़ान ला दिया, 100 करोड़ क्लब में एंट्री बस थोड़ी दूर.

5 दिसंबर, शुक्रवार से बॉक्स ऑफिस पर रणवीर सिंह की ‘धुरंधर’ छाने को तैयार है. हालांकि एक हफ्ते पुरानी , धनुष और कृति सेनन स्टारर फिल्म ‘तेरे इश्क में’ भी बॉक्स ऑफिस पर जमी हुई है और कमाल का परफॉर्म कर रही है. हालांकि मिड वीक में इसके कलेक्शन में गिरावट भी आई  बावजूद इसके आनंद एल. राय निर्देशित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी  पकड़ बनाई हुई है. चलिए यहां जानते हैं ‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के 7वे दिन यानी गुरुवार को कितना कलेक्शन किया है?

‘तेरे इश्क में’ ने 7वें दिन कितनी की कमाई?
‘तेरे इश्क में’ 28 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी. इसे फैंस और क्रिटिक्स दोनों से पॉजिटिव रिव्यू मिला था. तब से ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दमदार परफॉर्म कर रही है और धुआंधार नोट भी छाप रही है. फिलहाल ये फिल्म टॉक ऑफ द टाउन बनी हुई है. बता दें कि ये फिल्म एक इंटेंस लव स्टोरी पर बेस्ड है जो आपको पहले ही सीन से बांध लेती है. इस रोमांटिक ड्रामा में धनुष और कृति सेनन ने एक्स लवर्स की भूमिका निभाई है जिन्हें किस्मत एक साथ लाती है, और फिर उनकी जिंदगी में उथल-पुथल मच जाती है. फिल्म का क्लाइमेक्स इतना जबरदस्त है कि ये दर्शकों की आंखों में आंसू ला देता है इसी वजह से ये फिल्म दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही है और इसी के साथ दबाकर नोट भी छाप रही है. अब इस फिल्म को रिलीज हुए एक हफ्ता पूरा हो चुका है.

इन सबके बीच फिल्म के कलेक्शन की बात करें तो ‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के पहले दिन 16 करोड़ कमाए. इसके बाद दूसरे दिन फिल्म ने 17 करोड़, तीसरे दिन 19 करोड़, चौथे दिन 8.75 करोड़, पांचवें दिन 10.25 करोड़ और छठे दिन 6.85 करोड़ का कारोबार किया है.

    • वहीं सैकनिल्क की अर्ली ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक ‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के 7वें दिन 5.75 करोड़ कमाए हैं.
    • इसी के साथ ‘तेरे इश्क में’ की 7 दिनों की कुल कमाई अब 83.60 करोड रुपये हो गई है.

तेरे इश्क में’ बनी साल की तीसरी सबसे बड़ी रोमांटिक फिल्म
‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के एक हफ्ते में 83 करोड़ से ज्यादा कमाई कर ली है. इसी के साथ ये फिल्म अब हर्षवर्धन राणे और सोनम बाजवा की सुपरहिट फिल्म एक दीवाने की दीवानियत के 85.80 करोड़ (कोईमोई के आंकड़ों के मुताबिक) के लाइफटाइम कलेक्शन को मात देने से इंचभर दूर है. शुक्रवार को फिल्म से आंकड़ा पार कर लेगी और इसी के साथ ये साल की तीसरी सबसे बड़ी रोमांटिक फिल्म बन जाएगी

ये हैं 2025 की टॉप 10 बॉलीवुड रोमांटिक फिल्में (कोईमोई के आंकड़े)

    • सैयारा- 337.69 करोड़
    • दे दे प्यार दे 2- 87.70 करोड़
    • एक दीवाने की दीवानियत- 85.80 करोड़
    • तेरे इश्क में- 83.60 करोड़ (7 दिन में)
    • भूल चुक माफ: 74.81 करोड़
    • सनी संस्कारी की तुलसी कुमारी: 57.48 करोड़
    • मेट्रो इन दिनों- 56.3 करोड़
    • परम सुंदरी- 54.85 करोड़
    • धड़क 2- 24.24 करोड़
    • मेरे हसबैंड की बीवी- 12.25 करोड़

100 करोड़ी बनने से इंचभर है दूर 
‘तेरे इश्क में’ को सिनेमाघरों में एक हफ्ता पूरा हो चुका है और इसकी कमाई भी 83 करोड़ के पार हो गई है. इसी के साथ ये फिल्म अब 100 करोड़ बनने से इंचभर दूर है. इस आंकड़े को छूने के लिए इस फिल्म को 17 करोड़ और कमाने की जरूरत है. अब देखने वाली बात होगी की ‘धुरंधर’ के आने के बाद ये फिल्म दूसरे वीकेंड पर कैसा परफॉर्म कर पाती है.