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पंचसूत्रीय कथा महोत्सव : लखनऊ में भारत विकास परिषद् पंच सूत्रीय कथा महोत्सव की शुरुआत, सामाजिक परिवर्तन के पाँच सूत्रों पर केंद्रित विमर्श, डॉ. राजेश्वर सिंह ने पर्यावरण संकट पर रखा वैज्ञानिक और तथ्य-आधारित दृष्टिकोण

  • प्रकृति पूजन भारतीय संस्कृति का मूल, पर्यावरण संरक्षण हमारी समष्टिगत जिम्मेदारी – डॉ. राजेश्वर सिंह
  • भारत विकास परिषद् द्वारा पंचसूत्रीय कथा महोत्सव का शुभारम्भ, पर्यावरण और राष्ट्रकर्तव्यों पर शुरू हुआ मंथन
  • सरोजनीनगर को पर्यावरण-सशक्त मॉडल बनाने की दिशा में डॉ. सिंह ने गिनाईं ठोस उपलब्धियाँ और आगे की दिशा
  • जल का संयम और वृक्षारोपण भविष्य की पीढ़ियों के लिए अनिवार्य – आरएसएस प्रचार प्रमुख सुभाष

लखनऊ भारत विकास परिषद्, अवध प्रान्त द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की प्रेरणा से आयोजित 5 दिवसीय पंच सूत्रीय कथा महोत्सव का शुभारम्भ शुक्रवार को कृष्णा नगर स्थित सुमितनाथ सेवा भवन में धार्मिक एवं सांस्कृतिक उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने परिषद् की पंचसूत्रीय अवधारणा – संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण को समाज-निर्माण के पाँच आधारस्तंभ बताते हुए इसे राष्ट्रीय चेतना को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण आयोजन बताया।

पर्यावरण संरक्षण पर डॉ. सिंह का गहन विश्लेषण

अपने संबोधन में डॉ. सिंह ने भारतीय संस्कृति के प्रकृति–समन्वित दर्शन को रेखांकित करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ता संसाधन-दोहन आज गंभीर पर्यावरण संकट का रूप ले चुका है। उन्होंने बताया कि – 2013–2023 के बीच लखनऊ के कई इलाकों में भूजल स्तर 20 मीटर तक गिरा है। विश्वभर में Air Pollution के कारण 67 लाख लोगों की समयपूर्व मृत्यु हो रही है। भारत में ही यह संख्या 17–20 लाख के बीच है, जो अत्यंत चिंताजनक है।

डॉ. सिंह ने वैश्विक पर्यावरण स्थिति को समझाते हुए World Overshoot Day का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा,“1970 में World Overshoot Day 25 दिसम्बर को आता था, यानी मानवता लगभग पूरे वर्ष पृथ्वी की वहन क्षमता के भीतर रहती थी। पर आज यह तिथि घटते-घटते 24 जुलाई तक पहुँच गई है, जो बताती है कि हम केवल आधे वर्ष में ही पृथ्वी के पूरे वर्ष के संसाधन समाप्त कर देते हैं।”

सरोजनीनगर : पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी
डॉ. सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर क्षेत्र पर्यावरणीय पहल के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, लखनऊ में स्थापित कुल Solar Capacity का 50% से अधिक सरोजनीनगर में स्थापित है। ताराशक्ति केंद्रों द्वारा तैयार किए गए 30,000 से अधिक Eco-Friendly Bags बच्चों में वितरित कर पर्यावरण जागरूकता बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर ऐसे प्रयास ही पृथ्वी के संसाधनों को बचाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

पर्यावरण रक्षकों का सम्मान
कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए चंद्र भूषण तिवारी (पेड़ वाले बाबा), राजेंद्र प्रताप सिंह और विजय सक्सेना को डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। साथ ही पर्यावरणविद गरिमा मिश्रा द्वारा लिखित विशेष पत्रक का भी विमोचन किया गया।

आरएसएस के प्रचार प्रमुख का संबोधन
मुख्य वक्ता के रूप में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सुभाष जी ने जल संरक्षण, वृक्षारोपण और पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा कि, “वृक्षारोपण को आन्दोलन के रूप में बदलना और दैनिक उपयोग में जल का संयमित दोहन आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।”

आयोजकों एवं अतिथियों के प्रति आभार
डॉ. सिंह ने कार्यक्रम के सुचारु आयोजन के लिए संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल एवं महासचिव एस.के. सक्सेना का विशेष धन्यवाद किया। उन्होंने कथावाचक अशोक जी महाराज, सुभाष जी, यशोदानंदन जी, बीरेन्द्र सिंह चौधरी, आर.के. भदौरिया, राम औतार, शंकरी सिंह, पार्षद गीता देवी, संजीव अवस्थी, के.एन. सिंह, रंजना मिश्रा तथा अन्य सभी गणमान्यों की सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी के साथ पुतिन जिस सफेद फ़ॉर्च्यूनर में बैठे दिखे—जानें कौन सा वेरिएंट था और इसकी कीमत क्या है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा इस बार कई मायनों में अलग दिखाई दिया. गुरुवार  की रात जब उनका विमान दिल्ली पहुंचा तो तय प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पालम एयरपोर्ट पर पहुंच गए और गर्मजोशी से स्वागत किया. यह पल भारत-रूस रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बन गया.

एयरपोर्ट से निकलने के बाद दोनों नेता जिस कार में बैठे, उसने दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा. आमतौर पर विदेशी मेहमानों के लिए बख्तरबंद काफिले का उपयोग होता है, लेकिन इस बार दोनों नेता साधारण दिखने वाली सफेद टोयोटा फॉर्च्यूनर में साथ बैठे हुए दिखाई दिए. यह नजारा न सिर्फ अनोखा था बल्कि उनके व्यक्तिगत विश्वास की झलक भी इसमें दिखाई दी.

कौन-सी थी वह फॉर्च्यूनर और क्यों हुई वायरल

सोशल मीडिया पर जिस गाड़ी की चर्चा हो रही है, उसका नंबर MH01 EN 5795 है. यह मॉडल टोयोटा फॉर्च्यूनर सिग्मा 4 एमटी था, जिसे अप्रैल 2024 में पंजीकृत किया गया था. कार देखो वेबसाइट के मुताबिक इस गाड़ी की कीमत 45 लाख है. ये नई सुरक्षा गाड़ियों के बेड़े में शामिल इस कार की फिटनेस अप्रैल 2039 तक वैध है, जिस तरह यह कार अचानक VVIP मूवमेंट का हिस्सा बनी, वह आमतौर पर देखने को नहीं मिलती, क्योंकि फॉर्च्यूनर सामान्यतः उच्च स्तरीय राजनयिक काफिलों में शामिल नहीं की जाती.

पुतिन की खास बख्तरबंद कार इस बार क्यों नहीं आई

रूस के राष्ट्रपति ज्यादातर विदेशी दौरों पर अपनी सुपर-सिक्योर Aurus Senat कार साथ लेकर चलते हैं. यह कार चलती-फिरती सुरक्षा दीवार की तरह मानी जाती है. इसके बावजूद पुतिन ने भारत में इसका इस्तेमाल नहीं किया. विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच आपसी भरोसे को दर्शाता है. कई विश्लेषकों ने इसे दोनों नेताओं के निजी संबंधों की गहराई और उनकी सहजता का उदाहरण बताया.

दोनों नेताओं का एक साथ एक ही कार में सफर करना

विश्वस्तर पर कूटनीतिक प्रोटोकॉल बेहद कड़े होते हैं. राष्ट्राध्यक्ष अलग-अलग गाड़ियों और भारी सुरक्षा घेरे में चलते हैं, लेकिन मोदी और पुतिन का एक साथ एक ही कार में सफर करना पारंपरिक सुरक्षा व्यवस्था से हटकर एक संदेश देता है कि दोनों नेता सिर्फ साझेदार ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी गहरी समझ बनाए हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे इस यात्रा का सबसे प्रतीकात्मक क्षण बताया.

पीएम आवास पर विशेष तैयारियां

लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास तक पहुंचने पर पूरे परिसर में भारत और रूस के झंडों की सजावट की गई थी. सड़कों पर सुरक्षा को कई गुना बढ़ा दिया गया था और कई क्षेत्रों में यातायात रूट बदले गए थे. पुतिन के स्वागत में की गई यह तैयारी बताती हैं कि भारत इस यात्रा को कितना महत्व देता है.

रक्षा और व्यापार पर गहरी बातचीत

पुतिन के इस दौरे का केंद्रबिंदु रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना है. दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकों के साथ रक्षा सहयोग, ऊर्जा समझौते और व्यापार विस्तार पर विस्तृत चर्चा प्रस्तावित है. वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में यह यात्रा भारत के संतुलित कूटनीतिक रुख को और स्पष्ट करती है, जहां वह अमेरिका और रूस दोनों के साथ संबंधों में संतुलन कायम रख रहा है.

शरीफ ने जरदारी को पत्र लिखकर मुनीर को देश का पहला CDF बनाने का आधिकारिक अनुरोध किया।

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को पाकिस्तान का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) अपॉइंट करने की मंजूरी दे दी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से देश के सेनाध्यक्ष (COAS) फील्ड मार्शल असीम मुनीर को पाकिस्तान के रक्षा बलों का कमांडर (CDF) नियुक्त करने का गुरुवार  को औपचारिक रूप से अनुरोध किया था.

राष्ट्रपति जरदारी ने CDF अपॉइंट करने की मंजूरी दी

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पीएम शहबाज शरीफ की भेजी समरी के बाद मुनीर को सीडीएफ के तौर पर अपॉइंट करने की मंजूरी दे दी. पिछले महीने, संसद ने 27वें संविधान संशोधन को पारित किया, जिसमें सीडीएफ के पद को सृजित करने का प्रावधान किया गया.

चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) का पद समाप्त कर यहां सीडीएफ का पद शुरू किया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने फील्ड मार्शल मुनीर को सेना प्रमुख और सीडीएफ के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी और फिर इसे राष्ट्रपति भवन को भेज दिया.

तानाशाह बना आसिम मुनीर

पाकिस्तान राष्ट्रपति ऑफिस से जारी एक नोटिफिकेशन के मुताबिक, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अब चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का ऑफिस भी संभालेंगे. राष्ट्रपति जरदारी ने पीएम शहबाज शरीफ की भेजी समरी के बाद मुनीर को CDF के तौर पर अपॉइंट करने की मंजूरी दे दी. नए रोल में मुनीर का कार्यकाल पांच साल का होगा. इससे मुनीर पहले मिलिट्री ऑफिसर बन गए हैं जो एक ही समय में COAS और CDF दोनों पद संभालेंगे.

पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन के तहत मुनीर को पावरफुल बनाने पर पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई थी. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रमुख वोल्कर टर्क पाकिस्तान में जल्दबाजी में किए गए ये संशोधन न्यायपालिका की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं. उनके अनुसार, इस कदम से सेना का दखल बढ़ने और नागरिक सरकार की भूमिका कमजोर होने की आशंका मजबूत होती है, जो कानून के शासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

पाकिस्तान की जनता पर सेना का जुल्म

पाकिस्तान के हुक्मरान सेना को तो ताकतवर बनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन स्थानीय बलों या अर्धसैनिक बलों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आर्मी चीफ असीम मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा बेहद खराब है. पाकिस्तान के रसूखदार पदों, खासकर सेना पर पंजाब प्रांत का दबदबा है, जबकि छोटे प्रांतों को हाशिए पर धकेल दिया गया है.

Sports News:केएम आसिफ की तूफ़ानी गेंदबाज़ी—5 विकेट झटके, केरल ने मुंबई को मात देकर बड़ा उलटफेर कर दिखाया.

तेज गेंदबाज केएम आसिफ के पांच विकेट की बदौलत केरल ने बृहस्पतिवार को यहां सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी ग्रुप ए मुकाबले में गत चैंपयन मुंबई को 15 रन से हराकर उलटफेर किया.

मुंबई को इस टी20 टूर्नामेंट में अपने पांच मैचों में पहली हार मिली लेकिन फिर भी टीम 16 अंक के साथ ग्रुप में शीर्ष पर है. वहीं केरल अपनी तीसरी जीत के साथ 12 अंक से पांच टीमों के इस पूल में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जबकि आंध्र भी 12 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है. केरल नेट रन रेट में आंध्र से थोड़ा पीछे है.

स्टार खिलाड़ियों से सजी मुंबई टीम 179 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 19.4 ओवर में 163 रन पर ऑल आउट हो गई. भारतीय तेज गेंदबाज शारदुल ठाकुर की अगुआई वाली मुंबई की टीम में भारतीय टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे जैसे खिलाड़ी शामिल थे.

केरल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 178 रन बनाए. केरल को संजू सैमसन ने शानदार शुरूआत कराई. उन्होंने 28 गेंद में 46 रन बनाए जिसमें आठ चौके और एक छक्का शामिल था.

हालांकि रोहन कुनुम्मल (02) और सैमसन के आउट होने से केरल का सातवें ओवर में स्कोर दो विकेट पर 58 रन हो गया. सैमसन ने ज्यादातर स्ट्राइक अपने पास रखी और मुंबई के स्टार गेंदबाजों का जिम्मेदारी से सामना किया. उनके आउट होने के बाद स्कोरिंग गति धीमी पड़ गई. विष्णु विनोद ने 40 गेंद में 43 रन बनाए.

विनोद ने मोहम्मद अजहरुद्दीन (32) के साथ 63 रन की साझेदारी. तेज गेंदबाज़ शराफुद्दीन की 15 गेंद में 35 रन की पारी ने केरल को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया.

मुंबई ने आयुष म्हात्रे (03) के जल्दी आउट होने के बाद अजिंक्य रहाणे (32) और सरफराज खान (52) के बीच दूसरे विकेट के लिए 80 रन की साझेदारी से टीम को मजबूत स्थिति में ला दिया.

12वें ओवर में मुंबई का स्कोर तीन विकेट पर 99 रन था और वे आराम से लक्ष्य की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन 18वें ओवर में आसिफ (25 रन देकर पांच विकेट) ने मैच का रुख बदल दिया. उन्होंने एक ही ओवर में सैराज पाटिल (13), सूर्यकुमार (32) और शारदुल (शून्य) के विकेट झटके जिससे स्कोर सात विकेट पर 149 रन हो गया.

आसिफ ने आखिरी ओवर में शम्स मुलानी और हार्दिक तामोरे को आउट कर मुंबई की पारी समाप्त कर दी. बत्तीस वर्षीय आसिफ को इस सत्र में लखनऊ की इस पिच से काफी सफलता मिली है, उन्होंने अभी तक मुश्ताक ट्रॉफी के चार मैच में 13 विकेट लिए हैं.

ग्रुप के अन्य मैच में असम ने विदर्भ को 58 रन से जबकि आंध्र ने छत्तीसगढ़ को आठ विकेट से पराजित किया. वहीं ओडिशा ने रेलवे को रोमांचक मैच में एक रन से हरा दिया.

3 हजार सैनिक, 3 वॉरशिप और 10 एयरक्राफ्ट… जानें क्या है RELOS डील, जिस पर भारत और रूस ने मुहर लगाई।

भारत और रुस के बीच हुए सैन्य समझौते के तहत दोनों देश एक दूसरे के सैन्य ठिकानों पर तीन हजार सैनिक, पांच जंगी जहाज (युद्धपोत) और 10 मिलिट्री एयरक्राफ्ट तैनात कर सकते हैं. इस तरह, हिंद महासागर में रूस अपनी मौजूदगी रख सकता है तो भारत सूदुर आर्टिक क्षेत्र में कदम रख सकता है.

पुतिन के भारत दौरे के दौरान, रूस की संसद (डूमा) ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते को मंजूरी दी है, जिससे दोनों देशों को संयुक्त सैन्य अभ्यास, मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए एक-दूसरे के क्षेत्र में सैनिकों और उपकरणों को तैनात करने की अनुमति मिलेगी.

यह समझौता, जिसे रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) कहा जाता है, दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित किया गया था और अब इसे रूस की संसद के निचले सदन, डूमा द्वारा अनुमोदित किया गया है.

दरअसल, आर्टिक क्षेत्र में तेल और खनिज की खोज के लिए भारत, इस सुदूर इलाके में अपनी मौजूदगी चाहता है क्योंकि आर्टिक क्षेत्र से रूस का एक लंबा बॉर्डर है, ऐसे में रूस के साथ ये लॉजिस्टिक करार किया गया है. इस क्षेत्र में जबरदस्त बर्फ पड़ती है और समुद्री-जहाज तक को बर्फ काटकर नौवहन करना पड़ता है. ऐसे में रूस ने भारत को इस तरह के क्षेत्र के लिए खास आइस-कटर जहाज बनाने के निर्माण तक में मदद करने का प्रस्ताव दिया है.

दूसरी तरफ रुस अकेला ऐसा पी-5 (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) देश है, जिसकी हिंद महासागर में कोई मौजूदगी नहीं है. ऐसे में भारत के साथ आरईएलएस करार कर रुस ने इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी पक्की कर ली है.

भारत और रूस की सेनाएं, साझा युद्धाभ्यास इंद्रा (इंडिया-रशिया) करती हैं. खास बात है कि रूस पहला ऐसा देश है जिसके साथ भारत की सेना के तीनों अंग, रूस की तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के साथ साझा मिलिट्री एक्सरसाइज करती हैं. इसका नाम भी इंद्रा है.

यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से दोनों देशों के बीच इंद्रा एक्सरसाइज रुक गई थी. लेकिन इस वर्ष एक बार फिर भारतीय सेना (थलसेना) और रूसी सेना के बीच ये युद्धाभ्यास, बीकानेर के करीब महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित की गई.