बॉलीवुड के तमाम स्टार्स अक्सर अपनी फिट रहने और एनर्जेटिक बने रहने के सीक्रेट रिवील करते रहते हैं. वहीं ये सितारे एक रूल के बारे में हमेशा बात करते नजर आते हैं वो है सूरज ढलने के बाद कुछ ना खाना.जहा अक्षय कुमार और करीना कपूर लंबे समय से अपनी जल्दी सोने और जल्दी उठने की आदतों के लिए जाने जाते हैं, वहीं मलाइका अरोड़ा भी इस बढ़ते ट्रेंड में शामिल हो गई हैं. इसी के साथ एक्ट्रेस ने 49 की उम्र में अपनी फिटनेस का राज भी बताया है.
सूरज ढलने क बाद कुछ नहीं खाती हैं मलाइका अरोड़ा
दरअसल 32ND – लाइफस्टाइल, इन्वेस्टमेंट्स एंड रेसिडेंस के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में, मलाइका ने खुलासा किया कि उन्होंने शाम 7 बजे के बाद कुछ भी नहीं खाने की आदत अपना ली है और हर दूसरे दिन रुक-रुक कर फास्टिंग करती हैं.
मलाइका ने बताया, “एक और बात जो मैं मानती हूं, वह है सनसेट के बाद खाना न खाना. मेरा लास्ट मील शाम 7 बजे होता है. मैं उसके बाद अगले दिन तक कुछ भी नहीं खाने की कोशिश करता हूं. मैं जल्दी उठती हूं लेकिन कुछ नहीं खाती. मैं शायद इसे घी से ही तोड़ती हूं. दोपहर 12 बजे मैं अपना पहला मील लेती हूं. इसलिए मैं अपने प्रॉपर हैवी मील में वास्तव में खूब खाती हूं. और फिर मैं सब कुछ खाती हूं. चाहे वह चावल हो, रोटी हो, सब्जी हो, सब कुछ. मैं सब कुछ खाती हूं.”
चिट डे कॉन्सेप्ट फॉलो नहीं करती हैं मलाइका
फिटनेस क्वीन ने आगे कहा कि ये तरीका उनके लिए बहुत कारगर है, खासकर जब वह 50 की उम्र के करीब हैं. उन्होंने कहा, “एक निश्चित उम्र के बाद, आप बहुत सी चीजों से जूझ रहे होते हैं. मैं 49 साल की हूं. मैं 50 की हो जाऊंगीं.” मलाइका ने यह भी बताया कि वह अपने खाने के समय के दौरान खाने को कैसे लेती हैं, उन्होंने कहा कि वह कैलोरी नहीं गिनती हैं या चीट डे के कॉन्सेप्ट को फॉलो नहीं करती हैं. उन्होंने कहा, “यह सब पोर्शन कंट्रोल है. मैं चीट डे और इस तरह की चीजों में विश्वास नहीं करती हूं.”
मलाइका को इंटरमिटेंट फास्टिंग से मिला खूब फायदा
मलाइका आगे कहती हैं, “मुझे एक कटोरे से खाना पसंद है और यह एक निश्चित साइज का बाउल होता है और मैं उतना ही खाऊँगी.” इंटरमिटेंट फास्टिंग से उन्हें जो फायदे मिले हैं, उनके बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक गेम-चेंजर रहा है. उन्होंने कहा, “मैं बीच-बीच में उपवास करती हूं यह मेरे लिए जादू की तरह काम करता है.
मुझे लगता है कि यह मेरे पूरे सिस्टम को रीसेट कर देता है. मैं बेहतर नींद लेती हूं. बेहतर तरीके से उठती हूं, मुझे भारीपन महसूस नहीं होता. मैं इसे रोज़ाना करती था, फिर मैंने इसे हर दूसरे दिन करना शुरू कर दिया. और यह उपवास या डाइटिंग के बारे में नहीं है. डाइटिंग और उपवास के बीच एक बड़ा अंतर है, यह बहुत बड़ा अंतर है. मैं खाती हूं लेकिन मैं उस समय में खाती हूँ, दिन के उस लिमिटेड टाइम में और वही खाती हूं.”