
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में दिव्यांगजनों और उनके उत्थान के लिए कार्य करने वालों को सम्मानित किया।
- 324 दिव्यांग विद्यार्थियों को टैबलेट और 2.53 लाख छात्रों को 54.38 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति डीबीटी के माध्यम से प्रदान की गई।
- वाराणसी और मुरादाबाद के सीडीओ को पुनर्वास सेवाओं और बाधामुक्त वातावरण के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- प्रगति केसरवानी और दीपेन्द्र सिंह को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी, जबकि दिव्यांशी कसौधन को सृजनशील बालिका के रूप में सम्मानित किया गया।
- नई सुबह संस्था और जन विकास समिति सहित दिव्यांगजनों के हित में कार्य करने वाले संगठनों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए गए।

लखनऊ, 3 दिसंबर 2024: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में दिव्यांगजनों और उनके उत्थान के लिए कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट दिव्यांग व्यक्तियों, दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों और दिव्यांग खिलाड़ियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान 40 दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण, 324 दिव्यांग विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए और पिछड़ा वर्ग के 2,53,211 छात्रों को 54.38 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति सीधे उनके बैंक खातों में भेजी।
दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में 28 युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र भी दिया गया। सीएम ने खुद मंच से प्रशस्ति पत्र, पुरस्कार राशि, टैबलेट, अंगवस्त्र और प्रमाणपत्र वितरित किए, जिससे उपस्थित प्रतिभाएं अभिभूत हो गईं।
वाराणसी और मुरादाबाद के सीडीओ को विशेष सम्मान
इस मौके पर वाराणसी जिले को पुनर्वास सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ जिला चुना गया, जिसके लिए मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल को सम्मानित किया गया। मुरादाबाद के सीडीओ सुमित यादव को बाधामुक्त वातावरण के सृजन के लिए विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। दोनों अधिकारियों के योगदान को मुख्यमंत्री ने सराहा।
गैर-व्यावसायिक और व्यावसायिक श्रेणी में उत्कृष्ट कार्यों का सम्मान
डॉ. कौशिकी सिंह (लखनऊ) और राम किशन गुप्ता (कानपुर नगर) को दिव्यांगजनों के हित में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया। वहीं, सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी के रूप में संतबली चौधरी (गोरखपुर), अरुण कुमार अग्रवाल (लखनऊ) और गोपाल कृष्ण त्रिपाठी (कानपुर नगर) को सम्मानित किया गया।
सामाजिक संगठनों की सराहना
कार्यक्रम में पुनर्वास सेवाओं में योगदान के लिए नई सुबह संस्था (वाराणसी) और नवीन अनुसंधान के लिए जन विकास समिति (वाराणसी) को पुरस्कृत किया गया। इन संगठनों ने दिव्यांगजनों के जीवन को सरल और सशक्त बनाने के लिए अतुलनीय योगदान दिया है।
सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी और सृजनशील व्यक्तियों का सम्मान
महिला वर्ग में प्रगति केसरवानी (लखनऊ) और पुरुष वर्ग में दीपेन्द्र सिंह (संभल) को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया। सृजनशील दिव्यांग बालिका के रूप में कु. दिव्यांशी कसौधन (गोरखपुर) को और प्रेरणास्रोत श्रेणी में मानवेन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ), मुकेश मिश्रा (लखनऊ) व स्वामी प्रताप सिंह (आगरा) को पुरस्कृत किया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का सम्मान
शैक्षणिक सत्र 2023-24 में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया। अर्पित सिंह (90.16 प्रतिशत), नेहा मौर्या (89.83 प्रतिशत), बृजेश (86.80 प्रतिशत) और तनु तिवारी (85.08 प्रतिशत) को मुख्यमंत्री के हाथों प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार प्रदान किया गया।
दिव्यांगजनों के लिए प्रेरणा बने ये नाम
कार्यक्रम में डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों संजीता विश्वकर्मा, विजय कुमार, रामअनुज, आफरीन खातून, प्रीति कुमारी और नवीन जायसवाल को टैबलेट प्रदान किए गए। वहीं, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के विद्यार्थी प्रिंस कुमार पाल और प्रीति यादव को भी सम्मानित किया गया।
समर्पण और प्रेरणा का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिव्यांगजनों और उनके उत्थान के लिए काम करने वाले संगठनों का यह सम्मान उनकी मेहनत और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह कार्यक्रम प्रेरणा और समर्पण का प्रतीक बना।