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ईको टूरिज्म में उत्तर प्रदेश के बढ़ते कदम से नेपाल के अफसर लेंगे प्रेरणा

उत्तर प्रदेश के ईको टूरिज्म मॉडल से प्रेरणा लेगा नेपाल, मानव-वन्यजीव संघर्ष के समाधान पर जोर।
चूका ईको टूरिज्म स्पॉट पर इंडो-नेपाल को-ऑर्डिनेशन इवेंट में दोनों देशों के अधिकारियों ने लिया हिस्सा।
बॉर्डर क्षेत्र में वन विभाग और एसएसबी चलाएंगे मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए जागरूकता अभियान।
लग्गाबग्गा कॉरिडोर पर टाइगर मूवमेंट और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर दोनों देशों में चर्चा।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत-नेपाल साझा गश्त और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर करेंगे काम।

लखनऊ, 27 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में पिछले साढ़े सात वर्षों में पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। स्थानीय समुदायों को ईको टूरिज्म से जोड़कर न केवल रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए गए हैं, बल्कि प्रदेश की जैव विविधता को भी संरक्षित करने के प्रयास किए गए हैं। इन प्रयासों से प्रेरणा लेने के लिए नेपाल के वन एवं पर्यावरण अधिकारी अब उत्तर प्रदेश की पहल को करीब से समझने का प्रयास कर रहे हैं।

इस क्रम में बुधवार को चूका ईको टूरिज्म स्पॉट पर “इंडो-नेपाल ट्रांस बॉर्डर को-ऑर्डिनेशन इवेंट फॉर बॉयोडायवर्सिटी कंजरवेशन” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल दोनों देशों के अधिकारियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बॉर्डर क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के साझा प्रयासों के लिए आयोजित किया गया था।

मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए जागरूकता अभियान

उत्तर प्रदेश वन विभाग, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ मिलकर बॉर्डर क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान चलाएगा। इसका उद्देश्य न केवल मानव-वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करना है, बल्कि वन्यजीवों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि दोनों देशों के बीच वन्यजीव मॉनीटरिंग के साथ-साथ जंगली जानवरों की मूवमेंट को ट्रैक करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। खासकर टाइगर, तेंदुआ, हाथी और गैंडे जैसे वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

लग्गाबग्गा कॉरिडोर पर चर्चा

कार्यक्रम में लग्गाबग्गा कॉरिडोर प्रबंधन पर भी विशेष चर्चा हुई, जो टाइगर मूवमेंट के लिए जाना जाता है। भारत और नेपाल के अधिकारियों ने कॉरिडोर में वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर जोर दिया। दोनों देशों के अधिकारियों ने सामुदायिक सहभागिता और संयुक्त गश्त के माध्यम से संरक्षण के उपायों पर चर्चा की।

टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहयोग

इवेंट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता करने पर सहमति जताई। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को करीब से देखने के बाद नेपाल के अधिकारी इस बात को समझने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार योगी सरकार स्थानीय समुदायों को पर्यटन के साथ जोड़कर रोजगार प्रदान कर रही है।

इवेंट में शामिल प्रमुख अधिकारी

कार्यक्रम में नेपाल की ओर से कंचनपुर के डीएफओ राम बिचारी ठाकुर, शुक्ला फाटा राष्ट्रीय निकुंज के चीफ वार्डन मनोज के शाह, बफर जोन मैनेजमेंट काउंसिल के अध्यक्ष लव विष्ट, एनटीएनसी के संरक्षण अधिकारी लक्ष्मी राज जोशी और भारत की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह, डिप्टी कमांडेंट एसएसबी अजय बहादुर सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर नरेश कुमार, प्रोजेक्ट ऑफिसर देवल कलम, और कृतिका भावे आदि उपस्थित रहे।

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