
- मूल डीड में देरी की शिकायत पर सख्त कदम: मथुरा सदर कार्यालय के सभी कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया।
- जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित: दो वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा गया।
- योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का उदाहरण।
- पक्षकार को समय पर डीड न लौटाने का मामला: मंत्री को मोबाइल पर शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई।
- महानिरीक्षक को निर्देश: कार्यालय संचालन में सुधार और जांच प्रगति की रिपोर्ट सुनिश्चित करने का आदेश।
मथुरा/लखनऊ, 04 दिसम्बर 2024: योगी आदित्यनाथ सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में प्रशासनिक सख्ती जारी है। इसी कड़ी में, स्टांप और पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने मथुरा सदर उप निबंधक कार्यालय में पक्षकारों को उनकी मूल डीड समय पर वापस न किए जाने की शिकायत पर कड़ा रुख अपनाया है। मंत्री ने तत्काल प्रभाव से कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का आदेश दिया और मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी गठित की।
शिकायत के बाद कार्रवाई
मथुरा सदर उप निबंधक कार्यालय में एक पक्षकार ने शिकायत की थी कि निबंधन प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी उन्हें उनकी मूल डीड समय पर वापस नहीं दी गई, जिससे उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। शिकायत सीधे मंत्री के मोबाइल पर पहुंचने के बाद इस मामले को गंभीरता से लिया गया। मंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए न केवल कार्यालय के सभी कर्मचारियों (उप निबंधक और निबंधन सहायक सहित) को अन्यत्र सम्बद्ध करने का आदेश दिया, बल्कि मामले की गहन जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन भी किया।
जांच कमेटी का गठन
मामले की जांच के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इनमें अयोध्या मंडल के उप महानिरीक्षक (निबंधन) निरंजन कुमार और नव प्रोन्नत उप महानिरीक्षक (निबंधन) अविनाश पाण्डेय शामिल हैं। इन्हें निर्देशित किया गया है कि वे प्रकरण की विस्तृत जांच करें और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता
स्टांप और पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने स्पष्ट किया कि विभाग योगी सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने महानिरीक्षक (निबंधन) को निर्देश दिया कि कार्यालय के सुचारु संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाएं और मामले की प्रगति से अवगत कराएं।
इस कार्रवाई से योगी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों को और अधिक बल मिला है। मथुरा सदर उप निबंधक कार्यालय में उठाए गए इन कदमों से न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि जनता का सरकार पर विश्वास भी मजबूत होगा।