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आईआईटी कानपुर में “भारत के विकास में नवाचार की भूमिका” पर आयोजित कार्यक्रम: उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने साझा किए विचार

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  • उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने आईआईटी कानपुर में “भारत के विकास में नवाचार की भूमिका” पर अपने विचार साझा किए।
  • उपराष्ट्रपति ने किसानों के लिए तकनीकी नवाचार और 400 से अधिक स्टार्टअप्स के समर्थन की प्रशंसा की।
  • राज्यपाल ने कहा कि नवाचार का उद्देश्य समाज की समस्याओं का समाधान होना चाहिए।
  • नवाचार और तकनीकी प्रगति के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर और मजबूत राष्ट्र बनाने पर जोर दिया गया।
  • संस्थान के तकनीकी और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

कानपुर, 01 दिसंबर 2024: आज आईआईटी कानपुर में “भारत के विकास में नवाचार की भूमिका” पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। यह कार्यक्रम भारत के तकनीकी नवाचारों, उनके सामाजिक प्रभाव और भविष्य में आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके योगदान पर केंद्रित था।

उपराष्ट्रपति का संबोधन: नवाचार से सशक्त भारत की दिशा में

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नवाचार को भारत के विकास और सशक्तिकरण के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि नवाचार का अर्थ केवल नई तकनीकों का विकास करना नहीं है, बल्कि यह समाज की आवश्यकताओं को समझते हुए स्मार्ट, टिकाऊ और स्केलेबल समाधानों पर काम करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान, जो तकनीकी उत्कृष्टता के प्रतीक हैं, नवाचार को बढ़ावा देकर देश के विकास में योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इनकी सफलता ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक प्रभाव डाला है। सिलिकॉन वैली जैसे स्थानों पर आईआईटी के छात्रों की उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में नवाचार की गहरी जड़ें हैं।

कृषि क्षेत्र में नवाचार पर चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी समाधानों की आवश्यकता है। उन्होंने आईआईटी कानपुर से मिशन-मोड परियोजनाओं में शामिल होकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार करने के लिए तकनीकी नवाचार विकसित करने का आह्वान किया।

उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर ने 400 से अधिक स्टार्टअप्स का समर्थन किया है, जिनमें कई महिलाओं द्वारा संचालित हैं। उन्होंने ऐसे प्रयासों को और बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

राज्यपाल का संबोधन: नवाचार से समाज की जरूरतों की पूर्ति

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नवाचार का उद्देश्य केवल नई तकनीक विकसित करना नहीं होना चाहिए, बल्कि यह समाज की जरूरतों को समझते हुए समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नवाचार से भारत के हर वर्ग को लाभ मिला है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे केवल तकनीकी विशेषज्ञ न बनें, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले विचारों और परियोजनाओं पर भी काम करें।

2047 तक आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सही दिशा में किए गए नवाचार भारत को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और प्रगतिशील राष्ट्र बनाएंगे। उन्होंने आईआईटी कानपुर को तकनीकी नवाचारों और सामाजिक परिवर्तन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए बधाई दी।

आईआईटी कानपुर: नवाचार और सामाजिक प्रभाव के प्रति प्रतिबद्ध

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कार्यक्रम में संस्थान की भूमिका और प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संस्थान समाज के लाभ के लिए तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने उपराष्ट्रपति द्वारा नवाचार के महत्व पर दिए गए विचारों की सराहना की और इसे संस्थान के मिशन के साथ मेल खाते हुए बताया।

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि आईआईटी कानपुर उन परियोजनाओं पर कार्य कर रहा है जो समाज के हर वर्ग तक लाभ पहुंचा सकें। यह संस्थान छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करता है कि वे अपनी प्रतिभा का उपयोग केवल व्यावसायिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें।

इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, उत्तर प्रदेश सरकार के खादी, ग्रामोद्योग, रेशम उत्पादन और कपड़ा मंत्री राकेश सचान, आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण, संस्थान के फैकल्टी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान चर्चा का मुख्य फोकस नवाचार के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक नेता बनाने पर रहा।

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