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Health Tips: अगर चाहते हैं बीपी कंट्रोल में रहे तो अपनाएं ये स्मार्ट डाइट, सिर्फ नमक घटाना नहीं है काफी

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) की परेशानी अब आम हो गई है।
इस स्थिति में नसों में खून तेज दबाव के साथ बहता है, जिससे दिल पर ज़ोर पड़ता है। इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है, और इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

अक्सर लोग बीपी कंट्रोल करने के लिए सिर्फ नमक कम कर देते हैं, लेकिन यह काफी नहीं है। इसके लिए आपकी डाइट (खानपान) में भी बदलाव ज़रूरी है। आज हम आपको एक खास डाइट के बारे में बता रहे हैं, जो हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। इस डाइट को DASH डाइट कहा जाता है, जिसका पूरा नाम है Dietary Approaches to Stop Hypertension (हाइपरटेंशन को रोकने का खानपान तरीका)।

डैश डाइट क्या है?

यह डाइट खास तौर पर हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए बनाई गई है। हमारे खाने-पीने का सीधा असर शरीर पर पड़ता है, और इससे ब्लड प्रेशर भी प्रभावित होता है। इस डाइट में खास ध्यान दिया जाता है कि नमक (सोडियम) की मात्रा बहुत कम ली जाए और फैट वाला खाना भी कम खाया जाए।

इस डाइट का मकसद होता है कि रोज़ाना 1500 मिलीग्राम से कम सोडियम लिया जाए, जो लगभग तीन चम्मच नमक के बराबर होता है।

ये डाइट शरीर पर कैसे असर डालती है?

हाई बीपी के प्रमुख कारणों में एक है – ज्यादा सोडियम। जब शरीर में सोडियम बढ़ता है, तो ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। डैश डाइट में इसे बहुत कम कर दिया जाता है। साथ ही इसमें कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर शामिल होते हैं। यानी सोडियम और फैट दोनों को कंट्रोल करके हाइपरटेंशन पर काबू पाया जाता है।

डैश डाइट में क्या खाएं?

डैश डाइट में नमक और फैट बढ़ाने वाली चीजें नहीं खाई जातीं। इसकी जगह पर ये चीजें शामिल होती हैं:

  • फल और सब्जियां
  • साबुत अनाज (जैसे ओट्स, ब्राउन राइस)
  • सूखे मेवे
  • लो-फैट दही और पनीर
  • मछली और चिकन

डैश डाइट प्लान कैसे बनाएं?

इस डाइट को अपनाने से पहले आपकी उम्र, बीमारी की स्थिति, कद-काठी और वजन को ध्यान में रखकर डाइट बनाई जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप किसी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लें।


हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण क्या होते हैं?

  • सिरदर्द
  • सीने में दर्द
  • चक्कर आना
  • सांस लेने में दिक्कत
  • मिचलाना या उल्टी
  • धुंधला दिखना
  • घबराहट या उलझन
  • कान में आवाजें आना
  • नाक से खून आना
  • दिल की धड़कन का असामान्य होना

नोट: यहां दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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