
- महाकुम्भ-2025 में नदी यातायात प्रबंधन योजना 50 स्नान घाटों और 12 किलोमीटर लंबे जल मार्ग पर लागू होगी।
- यमुना नदी में 4 किलोमीटर लंबी रिवर लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 500 मीटर पहले ही तैयार हो चुका है।
- 2000 से अधिक जल पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे, जिनमें भारतीय नौसेना के 25 प्रशिक्षित गोताखोर शामिल हैं।
- 12 जेटी का निर्माण और फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन की स्थापना की जाएगी।
- नाविकों के लिए गाइडलाइंस जारी और 6000 से अधिक चप्पू वाली नावों के संचालन की योजना बनाई गई है।

महाकुम्भ नगर/प्रयागराज, 20 दिसंबर 2024: प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुम्भ-2025 के भव्य आयोजन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाजनक स्नान व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने एक नई नदी यातायात प्रबंधन योजना तैयार की है। यह योजना विशेष रूप से 50 स्नान घाटों और 12 किलोमीटर लंबे जल यातायात मार्ग के सुचारू संचालन के लिए बनाई गई है। इस योजना में सड़क यातायात की तर्ज पर नदी यातायात के लिए सुरक्षा प्रबंधन उपाय किए जा रहे हैं।
50 स्नान घाटों पर जल यातायात की नई योजना
महाकुम्भ में 4000 से अधिक नावों का संचालन होगा। इन नावों के लिए यमुना नदी में 4 किलोमीटर लंबी रिवर लाइन का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 500 मीटर की रिवर लाइन का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। जल पुलिस द्वारा इस रिवर लाइन पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्लोटिंग रिवर लाइन और जल चौराहे बनाए जा रहे हैं। एसएसपी महाकुम्भ राजेश द्विवेदी के अनुसार, यह रिवर लाइन डीप वॉटर बैरिकेटिंग बॉक्स से तैयार की जा रही है और इसमें हर आठ से दस मीटर पर प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग जल पुलिस द्वारा यातायात प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
सुरक्षा प्रबंधन में जल पुलिस की भूमिका
जल यातायात के सुचारू संचालन और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए 2000 से अधिक जल पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, भारतीय नौसेना के 25 प्रशिक्षित समुद्री गोताखोर चौबीसों घंटे निगरानी में रहेंगे। पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी इस कार्य में सहयोग करेंगी। 12 किलोमीटर के सुरक्षित जल क्षेत्र में जल बैरिकेडिंग प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें जाल और फ्लोटिंग ब्लॉक शामिल हैं।
फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन और जेटी का निर्माण
महाकुम्भ-2025 में पहली बार फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन बनाया जाएगा, जो 12 किलोमीटर लंबे जल क्षेत्र के यातायात की निगरानी करेगा। इसके अलावा, सरस्वती घाट और किला घाट के बीच 12 जेटी का निर्माण किया जा रहा है। इन जेटी को मेला प्रशासन, सिंचाई विभाग और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा संचालित किया जाएगा।
नाविकों के साथ समन्वय
महाकुम्भ में 6000 से अधिक चप्पू वाली नावों के संचालन को लाइसेंस जारी किए जाएंगे, लेकिन वर्तमान में 4000 नावों को संचालन की अनुमति मिली है। नाविकों को जल पुलिस और मेला प्रशासन द्वारा दी जा रही गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद के अनुसार, नाविकों को नियमित रूप से प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
महाकुम्भ-2025 में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा तैयार की गई नदी यातायात प्रबंधन योजना जल यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाएगी। यह योजना न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि यातायात को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने में भी सहायक होगी।