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डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को सौंपा नीति-पत्र : उत्तर प्रदेश में वधशालाओं के मानवीय नियमन हेतु AI-आधारित प्रणाली लागू करने का सुझाव

  • डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्लॉटर हाउसों के मानवीय नियमन हेतु AI-आधारित प्रणाली लागू करने का विस्तृत नीति-पत्र सौंपा।
  • नीति-पत्र में पशु-क्रूरता रोकने और वधशालाओं की निगरानी में पारदर्शिता लाने के लिए AI-सक्षम कैमरों की अनिवार्यता का सुझाव दिया गया।
  • प्रस्ताव के तहत सभी स्लॉटर हाउसों को राज्य कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़कर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी।
  • डॉ. सिंह ने कहा – “AI केवल तकनीक नहीं, करुणा का माध्यम है, जो शासन को संवेदनशील और प्रभावी बनाता है।”
  • यह पहल उत्तर प्रदेश को AI-आधारित Humane Governance Network लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना सकती है।

भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक विस्तृत नीति-पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने प्रदेशभर के स्लॉटर हाउसों के लिए AI-आधारित Humane Monitoring System लागू करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रणाली का उद्देश्य वधशालाओं में पारदर्शिता, मानवीय दृष्टिकोण और तकनीकी निगरानी के माध्यम से पशु-क्रूरता की रोकथाम सुनिश्चित करना है।

डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री के गौ-संरक्षण और करुणा-आधारित सुशासन की सराहना करते हुए कहा-
“योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने गौ-संरक्षण और पशु-कल्याण को राज्य नीति का मूल तत्व बना दिया है। अब आवश्यक है कि वधशालाओं में पारदर्शिता, तकनीक और संवेदनशीलता को जोड़ा जाए ताकि संविधान के अनुच्छेद 48 की भावना के अनुरूप वैज्ञानिक एवं मानवीय व्यवस्था स्थापित की जा सके।”

नीति-पत्र में उजागर हुईं गंभीर कमियाँ

डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा प्रस्तुत नीति-पत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पशु-क्रूरता से जुड़े तथ्यों का विश्लेषण किया गया है।
NCRB के आंकड़ों (2019–22) के अनुसार, देश में हर वर्ष 20,000 से अधिक पशु-क्रूरता के मामले दर्ज होते हैं।
UP पशुपालन विभाग (2023) की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश की लगभग 260 लाइसेंस प्राप्त वधशालाओं में से केवल आधी में CCTV कैमरे कार्यरत हैं।
AWBI (2020) की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ, मुरादाबाद और अलीगढ़ जिलों में गर्भवती भैंसों के वध की शिकायतें मिली हैं।
World Animal Protection Index (2020) में भारत को “कमजोर प्रवर्तन” श्रेणी में रखा गया है।
इन तथ्यों ने यह स्पष्ट किया कि एक कठोर, तकनीकी और मानवीय निगरानी प्रणाली की आवश्यकता अत्यावश्यक है।

AI से होगा पशु-कल्याण में ऐतिहासिक सुधार

डॉ. सिंह ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पशु-कल्याण और शासन व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है। AI-सक्षम कैमरे रीयल-टाइम वीडियो फीड का विश्लेषण कर गर्भवती या नवजात पशुओं की पहचान, stunning protocol का उल्लंघन, overcrowding या अन्य असंवैधानिक गतिविधियों का पता तुरंत लगा सकते हैं। यह प्रणाली स्वतः अलर्ट जनरेट कर जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग को सूचित करेगी, जिससे क्रूरता घटने से पहले ही कार्रवाई संभव हो सकेगी। डॉ. सिंह के शब्दों में – “AI केवल तकनीक नहीं, बल्कि करुणा का माध्यम है। यह शासन को संवेदनशील और प्रभावी – दोनों बना सकता है।”

राज्य कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से एकीकृत होगी निगरानी प्रणाली

नीति-पत्र में प्रस्तावित किया गया है कि उत्तर प्रदेश के सभी स्लॉटर हाउसों में AI-सक्षम कैमरे लगाए जाएँ और उन्हें राज्य कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाए। इससे रीयल-टाइम निगरानी, तत्काल अलर्ट और बहु-विभागीय समन्वय सुनिश्चित होगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बना सकती है जहाँ AI-आधारित Humane Governance Network कार्यरत होगा l जो करुणा, तकनीक और पारदर्शिता का समन्वित उदाहरण बनेगा।

मुख्य नीति-सुझाव

नीति-पत्र में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कई ठोस सुझाव दिए-

  1. सभी वधशालाओं में 24×7 CCTV व AI निगरानी प्रणाली अनिवार्य की जाए।
  2. गर्भवती और नवजात पशुओं के वध पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए।
  3. “UP Humane Slaughter Protocol 2025” लागू कर पशुओं की फिटनेस जांच, विश्राम व स्वच्छता को अनिवार्य बनाया जाए।
  4. Transparency Portal विकसित किया जाए ताकि निरीक्षण रिपोर्ट और शिकायत निवारण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हों।
  5. Humane Compliance Certificate के बिना किसी वधशाला को लाइसेंस नवीनीकरण की अनुमति न दी जाए।
  6. सभी कर्मियों के लिए “Humane Handling Certificate” को अनिवार्य किया जाए।

प्रशासनिक व वित्तीय कदमों की रूपरेखा

डॉ. सिंह ने 2025–27 तक अंतर-विभागीय टास्क फोर्स के गठन, 90 दिनों में शासनादेश जारी करने और AI+CCTV मॉनिटरिंग को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य बजट 2025–26 में AI प्रणाली और प्रशिक्षण के लिए विशेष अनुदान रखा जाए, ताकि इस नीति का पायलट प्रोजेक्ट शीर्ष 10 वधशालाओं में 6 माह के भीतर शुरू किया जा सके।

वैश्विक उदाहरण और नई दिशा

नीति-पत्र में ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के उदाहरण दिए गए हैं, जहाँ वधशालाओं में CCTV और Humane Officer System अनिवार्य हैं। डॉ. सिंह ने सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश में “Humane-Certified Meat – UP” लेबल लॉन्च किया जाए, जिससे राज्य की पहचान नैतिक शासन और वैश्विक मानकों के अनुरूप बने।

डॉ. राजेश्वर सिंह का वक्तव्य

“यह केवल आस्था या भोजन का विषय नहीं — यह करुणा और सभ्यता की परीक्षा है। यदि उत्तर प्रदेश AI-आधारित Humane Monitoring System को राज्य कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़े, तो यह विश्व स्तर पर ऐसा पहला मॉडल बनेगा जहाँ शासन, संवेदना और तकनीक एक साथ काम करते हैं।”- डॉ. राजेश्वर सिंह, विधायक (सरोजिनी नगर, लखनऊ)

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