
- सरोजनीनगर के भटगांव स्थित उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर नोड में रविवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस की इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का शुभारंभ किया गया।
- डिफेंस कॉरिडोर में ₹300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट, CM योगी व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वर्चुअली मौजूदगी में उद्घाटन हुआ।
- विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा – “ब्रह्मोस सिर्फ मिसाइल नहीं, आत्मनिर्भर भारत का वज्र प्रहार है”, यह यूनिट सरोजनीनगर को वैश्विक रक्षा मानचित्र पर स्थापित करेगी।
- यूनिट की विशेषताएं – Mach 2.8 की गति, 500 किमी तक की मारक क्षमता, थल, जल और वायु से प्रक्षेपण योग्य ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण होगा।
- उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर में यह यूनिट मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को नई गति देगी, युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- कार्यक्रम में शामिल हुए कई प्रमुख नेता – डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, मंत्री नंद गोपाल नंदी, सांसद बृजलाल, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के CEO डॉ. जय तीर्थ जोशी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि।

लखनऊ, 5 मई 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भटगांव में स्थित उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट — ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का रविवार को भव्य उद्घाटन हुआ। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कार्यक्रम में उपस्थित रहे, जबकि भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्चुअली जुड़कर इस परियोजना का उद्घाटन किया।

इस अत्याधुनिक रक्षा इकाई के शुभारंभ ने न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश को सामरिक दृष्टि से और अधिक सशक्त किया है। यह इकाई ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को धरातल पर उतारने का जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है।
सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की भूमिका और भावनात्मक संबोधन

सरोजनीनगर विधानसभा के लोकप्रिय विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह, जो इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए आरंभ से ही सक्रिय रूप से समर्पित रहे हैं, ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा:
“ब्रह्मोस सिर्फ एक मिसाइल नहीं है, यह आत्मनिर्भर भारत का वज्र प्रहार है। यह भारत की रक्षा क्षमताओं, स्वदेशी तकनीक और रणनीतिक आत्मनिर्भरता का साक्षात प्रतीक है। आज सरोजनीनगर ने वैश्विक मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति आभार प्रकट करते हुए बताया कि यह यूनिट ₹300 करोड़ की लागत से बनी है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 80 हेक्टेयर भूमि निशुल्क दी और महज 42 महीने में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया। यह उत्तर प्रदेश में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस और मजबूत प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
ब्रह्मोस यूनिट की तकनीकी विशेषताएं और सामरिक क्षमता
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट की वैश्विक स्तर की क्षमताओं को विस्तार से समझाया:
- गति: Mach 2.8 (ध्वनि से लगभग तीन गुना तेज)
- मारक क्षमता: 290 से 500 किलोमीटर तक
- लॉन्च प्लेटफॉर्म: भूमि, वायु और जल — तीनों माध्यमों से प्रक्षेपण संभव
- तकनीक: Fire & Forget – एक बार लक्ष्य सेट होते ही मिसाइल स्वतः कार्य करती है
- भविष्य की संभावनाएं: हल्की ब्रह्मोस मिसाइलें जिनमें 5 मिसाइलें एक साथ Su-30 जैसे लड़ाकू विमान में तैनात की जा सकेंगी
यह यूनिट न केवल सैन्य दृष्टि से देश को मजबूती देगी, बल्कि उच्च तकनीक युक्त निर्माण, परीक्षण और विकास का प्रमुख केंद्र बनेगी।
रोजगार और औद्योगिक क्रांति की शुरुआत
इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस इकाई से संबंधित विभिन्न तकनीकी प्रशिक्षण, रक्षा निर्माण, सिस्टम इंटीग्रेशन और लॉजिस्टिक्स में युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही यह इकाई स्थानीय तकनीकी संस्थानों, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए इंडस्ट्री लिंक्ड शिक्षा और प्रशिक्षण का केंद्र भी बनेगी।
विधायक डॉ. सिंह ने कहा: “ब्रह्मोस यूनिट सरोजनीनगर की ही नहीं, बल्कि संपूर्ण उत्तर भारत की सबसे महत्वपूर्ण रक्षा परियोजना बन गई है। आने वाले समय में यहां से देश की सामरिक नीतियों को दिशा मिलेगी।”
राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की संयुक्त भागीदारी
इस समारोह में राज्य और केंद्र के कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी व उद्योगपति उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
- उपमुख्यमंत्री: केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक
- औद्योगिक विकास मंत्री: नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’
- राज्यसभा सांसद: बृजलाल
- विधायक: योगेश शुक्ला, डॉ. नीरज बोरा
- एमएलसी: डॉ. महेंद्र सिंह
- ब्रह्मोस एयरोस्पेस CEO: डॉ. जय तीर्थ जोशी
- PTC के CMD: सचिन अग्रवाल
- भाजपा महानगर अध्यक्ष: आनंद द्विवेदी
- प्रशासनिक अधिकारीगण, डिफेंस कॉरिडोर प्रतिनिधि, स्थानीय गणमान्य नागरिक
सभी ने एक स्वर में इस परियोजना को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक इतिहास में “गेम चेंजर” बताया।
सरोजनीनगर: अब सिर्फ विधानसभा नहीं, भारत की रक्षा नीति का धुरी
इस अवसर पर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा:
“आज से सरोजनीनगर सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि भारत की रक्षा नीति की धुरी बन गया है। यह इकाई इस क्षेत्र को ‘ब्रह्मोस की धरती’ के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करेगी। यहां से निकलने वाली हर मिसाइल भारत की संप्रभुता की रक्षा करेगी।”
समापन विचार: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम
यह उद्घाटन कार्यक्रम केवल एक फैक्ट्री की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत की सामरिक स्वतंत्रता, स्वदेशी तकनीक और वैश्विक रक्षा क्षमताओं की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है। सरोजनीनगर और लखनऊ अब न केवल नवाबी संस्कृति के लिए जाने जाएंगे, बल्कि ब्रह्मोस जैसी परियोजनाओं के माध्यम से भारत के रक्षा निर्माण और तकनीकी शक्ति का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेंगे।
रिपोर्ट: शिव सागर सिंह चौहान, True News Up
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