
- डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा – पाकिस्तान का इतिहास हिंसा, मजहबी उन्माद और असफलताओं का दस्तावेज़।
- उन्होंने कहा : अब समय है पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बाँट देने का।
- उन्होंने यह भी कहा कि अब बलोचों को न्याय, सिंध को पहचान, पख्तूनों को शांति, और PoJK को भारत में एकीकरण चाहिए।
लखनऊ : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे निर्णायक ऑपरेशन ‘सिन्दूर’ और सीमाओं पर बढ़ते सामरिक तनाव के बीच, सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व पूर्व ED अधिकारी डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक राष्ट्रवादी व ऐतिहासिक सन्देश जारी किया है।
डॉ. सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा लिखा:
“अब वक्त है उस आतंकिस्तान को इतिहास बना देने का,
अब वक्त है पाकिस्तान को उसके अपराधों की सज़ा देने का,
एक नहीं, दो नहीं, अब चार टुकड़ों में बाँट देने का!”
डॉ. सिंह ने पाकिस्तान को धर्मांधता, मजहबी कट्टरता और हिंसा पर टिका एक असफल राष्ट्र बताते हुए उसके ऐतिहासिक अपराधों की फेहरिस्त साझा की, साथ ही यह भी कहा कि अब भारत के लिए बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख़्तूनख्वा और पकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर जैसे क्षेत्रों की मुक्ति की दिशा में ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।
इतिहास गवाह है: पाकिस्तान ने हमेशा भारत के खिलाफ साजिशें रचीं:
1947: कबीलाइयों को भेजकर कश्मीर में घुसपैठ, प्रथम भारत-पाक युद्ध की शुरुआत।
1965: ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत सेना भेजी, भारत ने लाहौर तक जवाबी कार्रवाई की।
1971: पूर्वी पाकिस्तान में 3 लाख से अधिक बंगालियों का नरसंहार, भारत की निर्णायक कार्रवाई से पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, बांग्लादेश बना।
1999: कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ, भारतीय सेना ने विजय प्राप्त कर सभी सामरिक चोटियाँ वापस लीं।
अब पाकिस्तान की चार दिशाओं से हो रही टूट:
सरोजनीनगर विधायक ने आगे जोड़ा, “बलूचिस्तान को न्याय, सिंध को पहचान, खैबर पख्तूनख्वा को शांति, और PoJK को भारत में एकीकरण चाहिए।”
बलूचिस्तान -1948 से जबरन कब्ज़ा, एमनेस्टी इन्टरनेशनल (2011–2024) 10,078 जबरन गायबियां, इनमें 2,752 बलोच। संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की आलोचना, BLA व BLF जैसे संगठनों का सशस्त्र आंदोलन जारी।
सिंध – 1970s से “सिंधुदेश” की मांग। 2025 में सिंधी कार्यकर्ताओं पर फायरिंग, जल संसाधनों पर संघीय कब्ज़े का विरोध। भाषा, संस्कृति और संसाधनों पर सुनियोजित हमला।
खैबर पख्तूनख्वा (KPK) – 2024-25: पाक सेना के हवाई हमलों में 46 नागरिक मारे गए, पाक तालिबान (TTP) के लगातार हमले। पख़्तून जनता लंबे समय से उपेक्षा और सैन्य दमन का शिकार।
पाक अधिकृत जम्मू एवं कश्मीर (PoJK) – भारत की संसद द्वारा स्पष्ट: “PoJK भारत का अभिन्न हिस्सा है।”वहाँ लोकतंत्र, विकास और मानवाधिकारों का अभाव।
पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था और खोखला ढांचा :
IMF Bailout 2024: $7 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता।
2023 महंगाई दर: ~40%, 2025 में बेरोज़गारी: ~8.5%,
विदेशी कर्ज़: $130 अरब डॉलर से अधिक, चीन के ऋण व CPEC के दबाव से संकट गहराया।
मोदी सरकार की निर्णायक कार्रवाइयाँ :
2016: सर्जिकल स्ट्राइक (उरी हमला)
2019: एयर स्ट्राइक (पुलवामा हमला)
2019: विंग कमांडर अभिनंदन की 60 घंटे में वापसी, पाकिस्तान की रणनीतिक विफलता उजागर।
FATF: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डलवाने में भारत की सक्रिय भूमिका।
पीएम मोदी की नीति और नीयत ‘पाक – साफ’है –
“पाकिस्तान अब सिर्फ नक्शे पर नहीं, नीति पर भी विभाजन के कगार पर है।
बलूच, सिंधी, पख़्तून और कश्मीरी जनता आज़ादी की माँग कर रही है।
मोदी सरकार की स्पष्ट नीति, कूटनीति और सख्त सैन्य रणनीति ही इस निर्णायक मोड़ को ऐतिहासिक बना सकती है।”
सरोजनीनगर विधायक ने अंत में लिखा –
पाकिस्तान अब एक कृत्रिम राष्ट्र है जो चार दिशाओं से बिखर रहा है:
यही समय है, सही समय है मोदी जी की नीति और नीयत ‘पाक – साफ’है!!