
- आजमगढ़ पुलिस ने 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया।
- 11 अभियुक्त गिरफ्तार, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और विदेशी सदस्य शामिल।
- 169 बैंक खातों में 2 करोड़ रुपये फ्रीज, 35 लाख रुपये की संपत्ति बरामद।
- आरोपी अवैध ऑनलाइन बेटिंग एप्स के जरिए लोगों को धोखा देते थे।
- पुलिस ने फरार अभियुक्तों की तलाश शुरू की, साइबर अपराध पर कड़ी कार्रवाई जारी।

आजमगढ़/लखनऊ, 25 नवम्बर 2024: आजमगढ़ पुलिस ने पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा के निर्देशन में साइबर अपराध की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है, जिसमें 190 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में एक अंतरराष्ट्रीय संगठित गैंग का पर्दाफाश किया गया है। इस गैंग ने ऑनलाइन जुआ एप्स का इस्तेमाल करते हुए लाखों लोगों को धोखा दिया था।
25 नवंबर 2024 को आजमगढ़ पुलिस ने एक महत्वपूर्ण अभियान के तहत 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और अन्य देशों जैसे श्रीलंका और यूएई से जुड़े सदस्य शामिल थे। यह गिरोह अवैध रूप से सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए ऑनलाइन जुआ एप्स—REDDY ANNA, LOTUS, और MAHADEV—का संचालन कर रहा था। यह गैंग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, मेटा और टेलीग्राम के माध्यम से ऑनलाइन बेटिंग और जुआ खेलने के लिए लोगों को आकर्षित करता था।
साइबर ठगी का तरीका:
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को धोखा देना था। वे सोशल मीडिया के माध्यम से विज्ञापन चलाते थे, जिसमें लोगों को उनके पैसे दोगुना या तीन गुना करने का लालच दिया जाता था। जब लोग इनके झांसे में आते, तो अभियुक्त उन्हें जुआ एप्स के विभिन्न गेमों में लॉगिन आईडी बनाकर देते थे। इन एप्स के माध्यम से गेम्स में लोग पैसे लगाते थे, लेकिन जब लोग जीतने की उम्मीद करते थे, तो उनका पैसा फर्जी खातों और फर्जी मोबाइल नंबरों में ट्रांसफर कर लिया जाता था और उनकी आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी। इस तरह से यह गैंग अपनी धोखाधड़ी को अंजाम देता था।
अभियुक्तों ने यह भी बताया कि ये लोग व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ग्रुप्स में आपस में संपर्क करते थे और ठगी के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए विभिन्न अकाउंट्स की जानकारी साझा करते थे। यह गैंग भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा, श्रीलंका और यूएई जैसे देशों से जुड़े सदस्य भी रखते थे, जो ठगी के पैसे का आदान-प्रदान करते थे। इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के जरिए अपराध को और भी संगठित किया गया था।
गिरफ्तारी और बरामदगी का विवरण:
आजमगढ़ साइबर क्राइम थाना की टीम ने मुखबिर की सूचना पर और तकनीकी जानकारी का उपयोग करते हुए 25 नवंबर 2024 को यह अभियान चलाया। पुलिस ने रैदोपुर थाना कोतवाली स्थित स्मार्ट माल के पास राजेश के घर से 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश के 6, बिहार के 2, उड़ीसा के 2 और मध्य प्रदेश के 1 अभियुक्त शामिल हैं। इस कार्रवाई में पुलिस ने 169 बैंक खातों में करीब 2 करोड़ रुपये को फ्रीज कर दिया। इसके अलावा, पुलिस ने 35 लाख रुपये की संपत्ति बरामद की, जिसमें 3 लाख 40 हजार रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेकबुक, 3 आधार कार्ड, और 1 जीओ फाइबर राउटर शामिल है।
वांछित अभियुक्त:
इस गिरोह से जुड़े दो और आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश पुलिस द्वारा जारी है। उनके नाम हैं:
- विनय यादव (वाराणसी)
- सौरभ (अज्ञात स्थान)
गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम:
इस कार्रवाई को सफल बनाने के लिए आजमगढ़ पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभाई। इस टीम में अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल, सहायक पुलिस अधीक्षक अनन्त चन्द्रशेखर, क्षेत्राधिकारी नगर गौरव शर्मा, और साइबर थाना के प्रभारी निरीक्षक विमल प्रकाश राय समेत अन्य कई पुलिसकर्मी शामिल थे। इन पुलिसकर्मियों ने अपनी तत्परता और सहयोग से इस बड़ी साइबर ठगी के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और कई अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा।
साइबर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण:
आजमगढ़ पुलिस द्वारा यह सफलता इस बात को सिद्ध करती है कि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार काम कर रहा है। पुलिस का यह अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो साइबर अपराधियों को चेतावनी देता है कि वे अब सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस विभाग द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाईयों के जरिए लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और यह संदेश दिया जा रहा है कि साइबर अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
साइबर ठगी से बचने के उपाय:
इस मामले के बाद, पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि वे ऑनलाइन बेटिंग और जुआ खेलने से बचें। सोशल मीडिया पर मिलने वाले आकर्षक ऑफर्स या पैसों को दोगुना करने के लुभावने वादों से सावधान रहें। यदि आपको ऐसा कोई ऑफर मिलता है, तो उसे रिपोर्ट करें और किसी भी अनजान स्रोत से पैसे ट्रांसफर करने से बचें।