
- हैदराबाद में पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान भीड़ प्रबंधन में भारी चूक से भगदड़ मची।
- सरोजनीनगर के विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने अभिनेता अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को “अनुचित” बताया।
- थिएटर में अतिरिक्त भीड़ को प्रवेश देने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
- तेलंगाना सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियां पूरी तरह असफल रहीं।
- हाईकोर्ट ने अल्लू अर्जुन को जमानत दी, प्रशासन पर सवालिया निशान बने।

हैदराबाद/लखनऊ, 13 दिसंबर 2024: तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की बहुप्रतीक्षित फिल्म पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ और अव्यवस्था का मामला सामने आया, जिसने न केवल तेलंगाना सरकार की लापरवाही को उजागर किया, बल्कि अभिनेता की गिरफ्तारी पर भी सवाल खड़े किए। सरोजनीनगर से भाजपा के लोकप्रिय विधायक डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने इस घटना को प्रशासनिक विफलता का नतीजा बताते हुए अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी को “अनुचित और अवैध” करार दिया।
डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय व्यक्त की और कहा कि अभिनेता को दोषी ठहराना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की होती है, न कि किसी कलाकार की। इस घटना ने स्पष्ट रूप से तेलंगाना सरकार की अक्षमता को उजागर किया है।
घटना के मुख्य कारण और प्रशासनिक विफलताएं:
घटना के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। हैदराबाद पुलिस को इस बड़े आयोजन की जानकारी होने के बावजूद, पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। थिएटर के अंदर भीड़ प्रबंधन असफल रहा, जिसके कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। अतिरिक्त लोगों को बिना उचित जांच के थिएटर में प्रवेश करने दिया गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती आवश्यक थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। प्रशासन ने अपनी विफलता छिपाने के लिए अभिनेता अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया, जो न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनी रूप से भी सवालों के घेरे में है। हाईकोर्ट ने अभिनेता को जमानत दे दी है, लेकिन यह मामला तेलंगाना सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
तेलंगाना सरकार पर आरोप:
डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना उनकी अनुभवहीनता और अक्षमता का परिणाम है। उन्होंने बताया कि सरकार ने बड़े आयोजनों के लिए उचित व्यवस्था नहीं की और अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए अभिनेता को बलि का बकरा बना दिया।
यह घटना न केवल एक फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान हुई अव्यवस्था तक सीमित है, बल्कि तेलंगाना सरकार और प्रशासन की विफलताओं का प्रतीक बन गई है। अभिनेता की गिरफ्तारी ने प्रशासन की कमजोरियों को और उजागर कर दिया है। न्यायालय ने अभिनेता को राहत दी है, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि तेलंगाना सरकार सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल रही है।