
- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से 59,29,805 मामलों का निस्तारण किया गया।
- कुल मामलों में 52,25,359 प्री-लिटिगेशन वाद और 7,04,446 लंबित वाद शामिल हैं।
- आयोजन की निगरानी माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति अरुण भंसाली के मार्गदर्शन में की गई।
- वर्चुअल बैठक में अधिकारियों को अधिकतम वाद निस्तारित करने के निर्देश दिए गए थे।
- लोक अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया को तेज और सुलभ बनाते हुए सामाजिक न्याय की भावना को मजबूत किया।
लखनऊ, 14 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन करते हुए 59,29,805 मामलों का निस्तारण किया गया। इस अद्वितीय उपलब्धि के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) ने व्यापक स्तर पर तैयारी की थी। इस लोक अदालत का आयोजन माननीय न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और माननीय न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में किया गया।
इस अवसर पर माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, UPSLSA, ने आयोजन की रूपरेखा तैयार की। आयोजन से पूर्व 10 दिसंबर 2024 को अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों को अधिकतम वादों के निस्तारण का निर्देश दिया था।
लोक अदालत की ऐतिहासिक उपलब्धि
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कुल 59,29,805 मामलों का निस्तारण हुआ, जिसमें 52,25,359 प्री-लिटिगेशन वाद और 7,04,446 लंबित वाद शामिल हैं। यह संख्या अभी अंतिम नहीं है, और वादों के निस्तारण का अंतिम आंकड़ा आने की प्रतीक्षा है।
लोक अदालत में विशेष रूप से लंबित और प्री-लिटिगेशन वादों को प्राथमिकता दी गई। यह आयोजन प्रदेशभर में सभी जिलों और तहसीलों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। वादों के निस्तारण में प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए पुलिस आयुक्तों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, और अभियोजन अधिकारियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई।
जनहित में लोक अदालत का महत्व
राष्ट्रीय लोक अदालत ने उत्तर प्रदेश में वादों के बोझ को कम करने के साथ-साथ न्यायिक प्रक्रिया को तीव्र और सुलभ बनाने में योगदान दिया। यह प्रक्रिया न केवल समय और धन की बचत करती है, बल्कि दोनों पक्षों को विवादों के त्वरित और पारस्परिक समाधान का अवसर भी प्रदान करती है।
कुशल प्रबंधन और समर्पण का उदाहरण
लोक अदालत का सफल आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) के कुशल प्रबंधन और समर्पण का परिणाम है। वर्चुअल बैठक और समयबद्ध निर्देशों के माध्यम से प्रशासनिक और न्यायिक सहयोग ने इसे सफल बनाया।
लोक अदालत के माध्यम से सामाजिक न्याय का संदेश
राष्ट्रीय लोक अदालत न केवल न्यायालयों में लंबित मामलों के बोझ को कम करती है, बल्कि यह सामाजिक न्याय की भावना को भी मजबूत करती है। यह पहल लोगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करने से बचाती है और उनके विश्वास को मजबूत करती है।