
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने बड़े भाई रामेश्वर सिंह के साथ रामकथा का श्रवण किया और अयोध्या से पधारे कथा व्यास श्री हरि ओम तिवारी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
- शनि देव मंदिर, हिंद नगर स्थित रामलीला मैदान में श्रीराम कथा का आयोजन वरिष्ठ समाजसेवी श्री संजय राठौर और श्री प्रदीप पांडेय द्वारा किया गया।
- डॉ. सिंह ने कहा कि रामकथा आत्मबल को मजबूत करती है और जीवन की सभी समस्याओं का समाधान प्रदान करती है।
- उन्होंने युवाओं को भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने और रामायण से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
- विधायक ने आयोजन के लिए आयोजकों को धन्यवाद देते हुए इसे समाज में आध्यात्मिक जागरूकता लाने का सराहनीय प्रयास बताया।

लखनऊ: रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का आधार है। इसमें निहित श्रीराम का आदर्श जीवन समाज के हर वर्ग और पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। इसी संदेश को लेकर सरोजनीनगर के शनि देव मंदिर, हिंद नगर स्थित रामलीला मैदान में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। यह आयोजन वरिष्ठ समाजसेवी संजय राठौर और प्रदीप पांडेय द्वारा किया गया, जिसमें सरोजनीनगर के भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने भी भाग लिया।
रामकथा का महत्व: विपदाओं को दूर करने का मार्ग

कार्यक्रम में उपस्थित विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने रामकथा की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन केवल एक कथा नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को अनुशासित, मर्यादित और उच्च आदर्शों की ओर प्रेरित करता है। रामकथा का श्रवण हमारे आत्मबल को मजबूत करता है और जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान प्रदान करता है।”
उन्होंने युवाओं को भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा दी और बताया कि रामकथा सुनने से जप, तप, व्रत और अन्य अनुष्ठानों के समान पुण्यफल प्राप्त होता है।
कथा व्यास का सानिध्य और आशीर्वाद

इस कार्यक्रम में अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास श्री हरि ओम तिवारी राघवचरणानुरागी जी ने भगवान श्रीराम के चरित्र और लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उनके मुखारविंद से श्रीराम कथा का श्रवण करना उपस्थित भक्तों के लिए आत्मिक और आध्यात्मिक आनंद का विषय बना।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने बड़े भाई श्री रामेश्वर सिंह के साथ श्री तिवारी जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और कहा कि,
“रामकथा का श्रवण मन को शांति, सुकून और ऊर्जा प्रदान करता है।”
आयोजन के प्रति आभार व्यक्त किया

डॉ. सिंह ने आयोजन के सफल संचालन के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा,
“समाज में आध्यात्मिक जागरूकता लाने और भगवान श्रीराम के आदर्शों को प्रचारित करने के लिए ऐसे आयोजनों का होना अत्यंत आवश्यक है। मैं आयोजक बंधुओं का हृदय से धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने यह पवित्र आयोजन कर समाज को रामकथा के दिव्य संदेश से जोड़ने का प्रयास किया।”
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत

रामकथा के महत्व पर बात करते हुए विधायक ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी को भगवान श्रीराम के आदर्शों से सीखने की आवश्यकता है। श्रीराम का जीवन अनुशासन, त्याग और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं को रामायण से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और इसे अपने जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया।
विधायक ने रामकथा की महिमा का वर्णन करते हुए कहा,
“निर्मल मन और श्रद्धा से रामकथा सुनने से भक्तों को जप, तप, व्रत, हवन और अन्य अनुष्ठानों के समान पुण्य प्राप्त होता है। यह कथा न केवल भक्तों के आत्मबल को बढ़ाती है, बल्कि उन्हें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति भी प्रदान करती है।”
डॉ. राजेश्वर सिंह की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। उनकी प्रेरणादायक बातें उपस्थित भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देने वाली रहीं। उन्होंने श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात कर समाज में शांति, सुकून और अनुशासन लाने की बात कही। रामकथा का यह आयोजन आध्यात्मिक संदेश और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला रहा। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने न केवल इस आयोजन में भाग लिया, बल्कि उन्होंने इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे आयोजन समाज को धर्म, संस्कृति और आदर्शों से जोड़ने का अद्भुत माध्यम हैं।