
- हाईटेक रिमोट लाइट बॉय: तत्काल बचाव में सक्षम।
- 700 झंडे लगी नावें: चौबीसों घंटे निगरानी।
- फ्लोटिंग जेटी और रेस्क्यू ट्यूब: आधुनिक बचाव उपकरण।
- वीआईपी सुरक्षा: किला घाट पर विशेष फोर्स तैनात।
- पूर्वाभ्यास: बाढ़ राहत टीमों की सक्रियता।
- 07 पीएसी कंपनियां: कुशल तैराकों की तैनाती।

प्रयागराज/लखनऊ, 03 दिसम्बर 2024: योगी सरकार महाकुंभ 2025 को सनातन धर्म का सबसे बड़ा और सुरक्षित आयोजन बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस भव्य आयोजन में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान को सुरक्षित बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और रणनीतियों का सहारा लिया जा रहा है। पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मिलकर सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध कर रही हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
कम्युनिकेशन में दक्षता और पेट्रोलिंग अभ्यास

महाकुंभ के दौरान तैनात जवानों को अत्याधुनिक संचार उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नावों पर तैनात जवान आपस में कैसे संवाद करेंगे और आपात स्थिति में कैसे तुरंत कार्रवाई करेंगे, इसके लिए नियमित अभ्यास किया जा रहा है। पेट्रोलिंग के दौरान जवानों ने अपनी कुशलता का प्रदर्शन प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक, पूर्वी जोन, प्रयागराज डॉ. राजीव नारायण मिश्र और कमांडेंट एसडीआरएफ सतीश कुमार के समक्ष किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक रिमोट लाइट बॉय

महाकुंभ में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हाईटेक रिमोट लाइट बॉय की व्यवस्था की गई है। ये उपकरण पानी में किसी भी स्थिति में तुरंत पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सक्षम हैं। संगम नोज से किलाघाट तक जर्जर नावों को हटाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है, जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर और सुरक्षित अनुभव मिल सके।
700 झंडों से सुसज्जित नावों पर 24×7 निगरानी
संगम में 700 झंडों से लैस नावों पर पीएसी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे। ये जवान चौबीसों घंटे सुरक्षा निगरानी करेंगे। प्रत्येक नाव पर आधुनिक उपकरणों के साथ लाइफ जैकेट और रेस्क्यू ट्यूब उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, स्नान घाटों पर फ्लोटिंग जेटी भी स्थापित की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकासी में मदद मिलेगी।
वीआईपी मूवमेंट पर विशेष फोकस
किला घाट, जहां वीआईपी मूवमेंट अधिक रहता है, वहां स्पेशल फोर्स की तैनाती की गई है। सरस्वती घाट से संगम घाट तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यहां डीप बैरिकेडिंग और जाल लगाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
पूर्वाभ्यास और बाढ़ राहत टीमों की सक्रियता
सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए पीएसी की 4वीं और 42वीं वाहिनी की बाढ़ राहत टीमें संगम घाट और अन्य स्नान घाटों की भौगोलिक स्थिति का निरीक्षण कर चुकी हैं। विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए इन टीमों ने पूर्वाभ्यास किया है। जवानों को सजगता और तत्परता से अपने कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
07 स्पेशल कंपनी पीएसी की तैनाती
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए 07 स्पेशल कंपनी पीएसी तैनात की गई हैं। इनमें से दो कंपनियां बाढ़ राहत दलों के लिए समर्पित हैं। इन टीमों में अनुभवी तैराक शामिल हैं, जो किसी भी विषम परिस्थिति में प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम हैं।
श्रद्धालुओं के लिए समर्पित सुरक्षा प्रबंधन
योगी सरकार महाकुंभ 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन बल्कि सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए हर छोटी-बड़ी व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है।