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महाकुंभ 2025 के निमंत्रण हेतु बेंगलुरु में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से की भेंट

महाकुंभ 2025 के निमंत्रण हेतु बेंगलुरु में वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से की भेंट
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 के निमंत्रण हेतु देशभर में विशेष अभियान शुरू किया।
  • बेंगलुरु में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को निमंत्रण पत्र, कुम्भ कलश और प्रतीक चिह्न भेंट किया गया।
  • महाकुंभ के आयोजन को ‘दिव्य, भव्य और डिजिटल’ बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए।
  • 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के आगमन की संभावना और 10 हजार से अधिक संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित।
  • यूनेस्को ने महाकुंभ को विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया।

महाकुम्भ नगर/प्रयागराज, 14 दिसम्बर 2024: प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित महाकुंभ के निमंत्रण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने देशभर में विशेष अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने बेंगलुरु में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ का निमंत्रण पत्र, कुम्भ कलश और प्रतीक चिह्न भेंट कर कर्नाटकवासियों को महाकुंभ में भाग लेने का न्योता दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया न्योता

भेंट के बाद दोनों मंत्रियों ने बेंगलुरु स्थित पेरिस परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इसमें कर्नाटक के निवासियों को महाकुंभ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। सुरेश कुमार खन्ना ने इसे एक ऐसा पर्व बताया जो सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।

नरेंद्र कश्यप ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महाकुंभ को नई ऊंचाई देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का त्रिवेणी संगम धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक है और यह आयोजन कर्नाटकवासियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा।

महाकुंभ 2025: संस्कृति, आस्था और राष्ट्रीय एकता का संगम

वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने डी.के. शिवकुमार से बातचीत के दौरान महाकुंभ की पौराणिक और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकुंभ केवल स्नान और पूजन तक सीमित नहीं है। यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का जीवंत उदाहरण है। इस बार का आयोजन स्वच्छता, सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ और भी भव्य और सुव्यवस्थित होगा।

राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि महाकुंभ केवल आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह आयोजन भारतीय सभ्यता की दिव्यता को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करता है।

भव्यता और सुविधाएं: महाकुंभ 2025 के विशेष प्रबंध

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को ‘दिव्य, भव्य और डिजिटल’ बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

  • डेढ़ लाख शौचालय, 5000 यूरिनल, और 350 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं।
  • 3 लाख पौधों का रोपण और सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है।
  • श्रद्धालुओं के लिए क्यूआर कोड आधारित पास, विशेष ऐप और बहुभाषी डिजिटल साइनेज जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
  • प्रयागराज को 2750 सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में सात स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा जाएगा।
  • आयोजन में 10 हजार से अधिक संस्थाएं भाग लेंगी और 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर

वित्त मंत्री खन्ना ने रामचरितमानस की चौपाई उद्धृत करते हुए कहा, “चार पदारथ भरा भंडारू, पुण्य प्रदेश देश अति चारू”, जो प्रयागराज की महिमा को दर्शाता है। उन्होंने कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति का वैश्विक संदेश है।

विश्व मंच पर महाकुंभ की मान्यता

मंत्रियों ने बताया कि यूनेस्को ने महाकुंभ को विश्व मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। इस आयोजन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं को सशक्त करना है।

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