
- सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की पहल पर 40वीं ‘रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ का सफल आयोजन, ऐन गांव से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे प्रभु श्रीराम की नगरी।
- यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मुफ्त बस सेवा, नाश्ता, भोजन, प्रसाद, ठंडे पेय, और अयोध्या दर्शन के लिए बैटरी रिक्शा जैसी सुविधाएं विधायक की टीम द्वारा प्रदान की गईं।
- श्रद्धालुओं ने अयोध्या में हनुमानगढ़ी, भव्य राम मंदिर, कनक भवन, दशरथ महल और राम की पैड़ी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन कर आत्मिक शांति प्राप्त की।
- यह यात्रा सामाजिक सौहार्द और संस्कृति की प्रेरणा बनी, जिसमें गांव के लोग एकजुट होकर धार्मिक वातावरण में सहभागी बने और एक-दूसरे से आत्मीय संबंध मजबूत हुए।
- सितंबर 2022 से अब तक 5,000 से अधिक श्रद्धालु इस यात्रा के माध्यम से अयोध्या दर्शन कर चुके हैं, जिसे डॉ. सिंह ने सेवा, श्रद्धा और संस्कृति का संगम बताया है।

लखनऊ, 7 अप्रैल 2025: रामभक्तों की श्रद्धा, सेवा और संस्कृति को समर्पित सरोजनीनगर क्षेत्र की एक विशिष्ट पहल – ‘रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा’ अपने 40वें चरण में पहुंच चुकी है। सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित इस नि:शुल्क बस सेवा के माध्यम से अब तक हजारों श्रद्धालु प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के दर्शन कर चुके हैं। रविवार को ऐन गांव से रवाना हुई 40वीं रामरथ यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब सेवा का भाव और श्रद्धा का संगम होता है, तो उसका प्रभाव जनमानस पर गहरा होता है।
40वीं यात्रा का भव्य आयोजन

रविवार तड़के ऐन गांव में माहौल भक्तिमय था। महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे प्रभु श्रीराम के दर्शन हेतु यात्रा पर जाने को एकत्र हुए। विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने यात्रियों का स्वागत पारंपरिक ढंग से पटका पहनाकर किया और सभी को व्यवस्थित ढंग से बस में बैठाया गया। जय श्रीराम के गगनभेदी उद्घोष के साथ श्रद्धालु लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा पर निकले। यह यात्रा श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रतीक बनकर उभरी।
यात्रा के दौरान समुचित व्यवस्था: विधायक की टीम द्वारा पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की हर आवश्यकता का ध्यान रखा गया। चाय, नाश्ता, भोजन, ठंडे पेय, प्रसाद, यहां तक कि अयोध्या में तेज धूप से बचाव के लिए बैटरी रिक्शा की भी व्यवस्था की गई। पूरी यात्रा को इस तरह व्यवस्थित किया गया कि बुजुर्गों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
अयोध्या दर्शन का भावपूर्ण अनुभव: श्रद्धालुओं ने हनुमानगढ़ी, भव्य राम मंदिर, दशरथ महल, कनक भवन, और राम की पैड़ी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन किए। इनमें से अधिकांश यात्रियों के लिए यह अयोध्या दर्शन का पहला अवसर था। राम मंदिर के भव्य रूप को देखकर कई श्रद्धालु भावुक हो उठे और उन्होंने डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों के लिए आभार प्रकट किया।
अब तक 5,000 से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

रामरथ यात्रा के माध्यम से अब तक वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्ग, डिजिटल शिक्षा केंद्रों के प्रशिक्षणार्थी, स्कूल के छात्र-छात्राएं, ग्रामीण महिलाएं व अन्य करीब 5,000 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं। यह यात्रा अब एक जनांदोलन का स्वरूप ले चुकी है, जो धर्म, सेवा, संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक बन चुकी है।
रामरथ यात्रा: केवल यात्रा नहीं, सामाजिक परिवर्तन की लहर: रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं है, बल्कि यह गांव-गांव में सामाजिक और धार्मिक चेतना की एक नई ज्योति जगा रही है। यह यात्रा न केवल बुजुर्गों के लिए आध्यात्मिक आनंद का स्रोत बन रही है, बल्कि पूरे गांव को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रही है। यात्रा के दौरान एक-दूसरे के साथ बिताया गया समय आपसी सौहार्द और सामाजिक एकता को सशक्त बना रहा है।
विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह का उद्देश्य

डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि – “प्रभु श्रीराम के दर्शन से वृद्धजनों को मानसिक संतोष, आत्मिक बल और आनंद की अनुभूति होती है।” उनका लक्ष्य है कि सरोजनीनगर क्षेत्र का कोई भी बुजुर्ग, महिला या गरीब व्यक्ति प्रभु राम के दर्शन से वंचित न रह जाए। इसी उद्देश्य से सितम्बर 2022 में इस नि:शुल्क बस सेवा की शुरुआत की गई थी।
डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और बुजुर्गों के सम्मान का प्रतीक भी बन गई है। सरोजनीनगर से शुरू हुई यह यात्रा एक ऐसी प्रेरणा बन चुकी है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए भी अनुकरणीय है।