HomeDaily Newsकेंद्र सरकार का बड़ा कदम: सोमवार को "वन नेशन-वन इलेक्शन" के लिए...

केंद्र सरकार का बड़ा कदम: सोमवार को “वन नेशन-वन इलेक्शन” के लिए संविधान संशोधन विधेयक होगा पेश

केंद्र सरकार का बड़ा कदम, "वन नेशन-वन इलेक्शन" के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश,
  • केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए संविधान (129वां संशोधन) और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक पेश करने का निर्णय लिया।
  • अनुच्छेद 82A का प्रस्ताव लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए किया गया।
  • राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी करेंगे, जिससे लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष निर्धारित होगा।
  • तीन प्रमुख केंद्र शासित प्रदेश कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • विपक्षी दलों ने सत्ता केंद्रीकरण और संघीय सिद्धांत के कमजोर होने की चिंता जताई है।

नई दिल्ली/लखनऊ, 14 दिसम्बर 2024: केंद्र सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार, 16 दिसंबर 2024 को लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक पेश करेंगे। इन विधेयकों का उद्देश्य देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन करना है। यह पहल चुनाव प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से की जा रही है।

संविधान संशोधन विधेयक के प्रमुख प्रावधान:

  1. अनुच्छेद 82A का प्रस्ताव: इस नए अनुच्छेद के तहत लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) और अनुच्छेद 327 (विधानमंडलों के चुनाव के संबंध में संसद की शक्ति) में संशोधन किए जाएंगे।
  2. नियत तिथि की अधिसूचना: लोकसभा के आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी करेंगे, जिसमें लोकसभा की पहली बैठक की तारीख को ‘नियत तिथि’ घोषित किया जाएगा। इस तिथि से लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। नियत तिथि के बाद और लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल की समाप्ति से पहले सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा।

केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक:

इस विधेयक के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन प्रमुख कानूनों में संशोधन किया जाएगा:

  1. द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट-1963
  2. द गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली-1991
  3. द जम्मू एंड कश्मीर रिऑर्गनाइजेशन एक्ट-2019

समिति की सिफारिशें:

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस पहल के लिए सिफारिशें की थीं, जिन्हें कैबिनेट ने स्वीकार किया है। प्रस्तावित कानून के तहत पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव 100 दिनों के भीतर आयोजित किए जाएंगे।

विपक्षी दलों की चिंताएं:

विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव पर चिंता जताई है, उनका कहना है कि इससे सत्ता का केंद्रीकरण हो सकता है और संघीय सिद्धांत कमजोर हो सकते हैं। वे मानते हैं कि इस प्रस्ताव से राज्यों की स्वायत्तता पर आंच आ सकती है और राजनीतिक असंतुलन पैदा हो सकता है।

सरकार का दृष्टिकोण:

सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव प्रशासनिक स्थिरता ला सकते हैं, मतदाताओं की भागीदारी बढ़ा सकते हैं और संभावित रूप से देश की जीडीपी को 1.5% तक बढ़ा सकते हैं। सरकार का यह भी कहना है कि यह पहल संसाधनों की बचत करेगी और प्रशासनिक दक्षता में सुधार करेगी।

केंद्र सरकार की ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ योजना चुनावी प्रक्रिया को अधिक संगठित और प्रभावी बनाने का प्रयास है। हालांकि, विपक्षी दलों के द्वारा उठाए गए मुद्दों और चिंताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह कदम भारतीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके कार्यान्वयन और प्रभावों पर आगे की चर्चाओं की आवश्यकता होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments