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अमेरिका ने सीरिया में किया हमला, ISIS के 75 ठिकाने किए तबाह

अमेरिका ने सीरिया में किया हमला, ISIS के 75 ठिकाने किए तबाह
  • 75 से अधिक ठिकाने निशाने पर: अमेरिका ने सीरिया में आतंकियों के 75 से ज्यादा ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की।
  • तख्तापलट के हालात: सीरिया में विद्रोहियों के तख्तापलट के बाद आतंकियों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यह कदम उठाया गया।
  • सख्त चेतावनी: ISIS का समर्थन करने वालों को अमेरिका ने गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
  • वैश्विक आतंकवाद पर असर: इस कार्रवाई को अमेरिका की वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
  • मध्य-पूर्व में सैन्य प्रभाव: अमेरिका ने इस कार्रवाई के जरिए मध्य-पूर्व में अपनी मजबूत सैन्य उपस्थिति का प्रदर्शन किया।

लखनऊ, 09 दिसम्बर 2024: सीरिया में विद्रोहियों द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद अमेरिका ने सीरिया के भीतर बड़ी सैन्य कार्रवाई की है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने पुष्टि की है कि उसने सीरिया में ISIS के आतंकियों के खिलाफ 75 से अधिक ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है। इन ठिकानों पर ISIS के आतंकवादी छिपे हुए थे, जो सीरिया में हालात का फायदा उठाकर अपनी आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की योजना बना रहे थे।

अमेरिकी सेना ने इस ऑपरेशन को बेहद सटीक और योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। सेना का कहना है कि इन स्ट्राइक्स का उद्देश्य आतंकियों को कमजोर करना और उनकी गतिविधियों पर रोक लगाना था। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सीरिया में तख्तापलट के बाद अस्थिरता का फायदा उठाने वाले आतंकी संगठनों को रोकना अनिवार्य था। यह कदम उसी दिशा में एक निर्णायक प्रयास है।

आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का सख्त रुख

अमेरिका ने इस कार्रवाई के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सेंट्रल कमांड के एक अधिकारी ने कहा कि ISIS का समर्थन करने वालों और आतंकियों को सुरक्षित स्थान मुहैया कराने वालों को भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यह ऑपरेशन अमेरिका की वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसी भी आतंकी संगठन को अपनी गतिविधियों के लिए कोई सुरक्षित जगह न मिले।

सीरिया की राजनीतिक अस्थिरता पर नजर

सीरिया में इस समय राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता चरम पर है। विद्रोहियों द्वारा किए गए तख्तापलट के बाद वहां की सरकार कमजोर स्थिति में है, जिसका फायदा आतंकी संगठन उठाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका ने अपनी कार्रवाई से यह संदेश दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी स्थिति में फैलने नहीं देगा। इसके साथ ही यह हमला अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक चेतावनी है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।

अमेरिका की रणनीति और प्रभाव

इस हमले को अमेरिकी रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर उनकी योजनाओं को विफल करना शामिल है। अमेरिका की यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि वह मध्य-पूर्व में अपनी सैन्य मौजूदगी और प्रभाव को बनाए रखना चाहता है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य न केवल आतंकवादियों को खत्म करना है, बल्कि तख्तापलट के बाद के हालात में स्थिरता लाने का प्रयास भी है।

अमेरिका का यह हमला आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीरिया में ISIS के खिलाफ की गई यह कार्रवाई न केवल आतंकियों के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक सख्त संदेश भी है। तख्तापलट के बाद के हालात में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था कि आतंकवादी संगठनों को कोई भी अवसर न मिले। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका का रुख बेहद सख्त है।

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