
- प्रयागराज में छात्रों की मांग का सीएम योगी ने संज्ञान लिया
- मुख्यमंत्री योगी की पहल पर UPPSC ने लिया बड़ा निर्णय
- मुख्यमंत्री ने आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक निर्णय लेने को कहा
- पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 को एक दिवस में कराए जाने का निर्णय
- मुख्यमंत्री की पहल पर आयोग ने लिया छात्रों के हित में निर्णय
- आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा समिति का गठन
- समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अतिशीघ्र अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी

प्रयागराज/लखनऊ, 14 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज में छात्रों द्वारा उठाई गई मांगों पर संज्ञान लिया। छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थिति पर ध्यान दिया गया और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने एक बड़ा निर्णय लिया। सीएम योगी ने अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।
सीएम योगी के निर्देश पर UPPSC ने लिया महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UPPSC को आदेश दिया कि वे छात्रों से संवाद और समन्वय करके पीसीएस परीक्षा के बारे में आवश्यक निर्णय लें। इसके परिणामस्वरूप, आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है। पहले इसे दो दिन में आयोजित करने की योजना थी, लेकिन छात्रों की मांग के बाद यह निर्णय बदल दिया गया। पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।
चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
छात्रों के हित में लिया गया निर्णय
यह निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है, और अब उन्हें एक दिन और एक शिफ्ट में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और छात्रों की परेशानियों को समझते हुए तत्काल समाधान निकाला। यह फैसला छात्रों की लगातार बढ़ती चिंता और उग्र हो रहे प्रदर्शन के बीच आया है। मुख्यमंत्री की पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए तत्पर है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की समस्याओं का समाधान किया।
इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।


































