- सपा-आरएलडी साथ लड़ना चाहती है उत्तरप्रदेश में 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव
- दोनों पार्टियों में सीटों के बंटवारे में संशय अभी भी बरकरार
- अखिलेश-जयंत की इस मुलाकात के मायने बेहद अहम
- अगर बातचीत में निकला होगा हल, तो जल्द हो सकता है सार्वजनिक
- सपा-आरएलडी गठबंधन से आगामी चुनाव में पश्चिमी उत्तरप्रदेश में हो सकता है फायदा
लखनऊ: 6 जनवरी 2022: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने लखनऊ में मुलाकात की। मुलाकात के बाद जयंत चौधरी जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट से एयरपोर्ट रवाना हो गए। इंट्रेस्टिंग यह है कि मीडिया से बचते हुए पीछे के गेट से निकले हैं जयंत। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी से मुलाक़ात के बाद ट्वीट कर लिखा है कि “श्री जयंत चौधरी जी के साथ उप्र के भविष्य के विकास की बात…”
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस ट्वीट को अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि जयंत और उनका परिवार पुराना राजनीतिक परिवार है और खासतौर पर उत्तरप्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में किसानों के बीच अच्छी पैठ रखते हैं। अगर इन्हें पूरी तरह से एक-दूसरे का साथ मिला तो गठबंधन को कहीं न कहीं पहले से बेहतर होने की उम्मीद जरूर आएगी। लेकिन अभी तक के माहौल से एक बात तो स्पष्ट है कि सीटों के बंटवारे में जो रस्साकसी है वो कहीं न कहीं संदेह बरकरार रखे हुए है क्योंकि जयंत सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ राष्ट्रीय लोक दल के लिए कम आंकलन नहीं कर रहे हैं और यही वो वजह है कि सारी चीजें अभी स्पष्ट रूप से नहीं आ पाई हैं और संदेह भी लगातार बरकरार है कि जयंत-अखिलेश मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं तो किसका कितना रोल होगा या फिर कह सकते हैं कि जयंत को अखिलेश उत्तरप्रदेश में होने वाले 2022 क विधानसभा चुनाव में कितना तवज्जो देंगे और उनकी पार्टी को कितनी सीटें देंगे ?