कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय कप्तान शुभमन गिल को स्वीप शॉट से चौका लगाने के तुरंत बाद गर्दन में खिंचाव आ गया. वॉशिंगटन सुंदर के आउट होने के बाद गिल 35वें ओवर में बल्लेबाजी करने उतरे और आते ही एक जबरदस्त स्वीप लगाकर चौका जड़ा. उस शॉट के बाद उन्हें अचानक तेज दर्द महसूस हुआ और वे अपनी गर्दन पकड़ते हुए रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से बाहर चले गए. बीसीसीआई ने बताया कि गिल अस्पताल में एडमिट हैं और वह पहले टेस्ट मैच से बाहर हो चुके हैं. आइए जानते हैं कि चौका लगाते ही गिल के कंधे में क्यों हुआ तेज दर्द और यह कंडीशन कितनी खतरनाक है?
शुभमन को क्या दिक्कत?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुभमन गिल को इलाज के लिए ICU में शिफ्ट किया गया है, जहां मेडिकल टीम लगातार उनकी हालत पर नजर रख रही है. स्कैन और MRI की सभी जांचें पूरी हो चुकी हैं. भारतीय कप्तान को गर्दन के पास तेज दर्द की शिकायत थी, इसी कारण उन्हें बेहतर देखभाल के लिए ICU में भर्ती किया गया. अच्छी बात यह है कि शुरुआती रिपोर्ट्स में उनकी स्थिति में सुधार के संकेत मिल रहे हैं. ताजा अपडेट के अनुसार, शुभमन गिल को गर्दन में स्पैसम है, जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने और शरीर हिलाने-डुलाने में दिक्कत हो रही है. उन्हें निगरानी के लिए वुडलैंड्स हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया है.
गर्दन में खिंचाव कितना खतरनाक?
Mayo Clinic के अनुसार, अचानक होने वाला गर्दन का दर्द अक्सर मांसपेशियों के तनाव, गलत मूवमेंट या नस पर दबाव के कारण होता है. शुभमन गिल के मामले में भी यही स्थिति देखने को मिली. स्वीप शॉट लगाते वक्त उनका ऊपरी शरीर तेजी से घूम गया, जिससे गर्दन की मांसपेशियों पर अचानक जोर पड़ा और स्पैसम की स्थिति बन गई. यही वजह रही कि चौका लगाने के तुरंत बाद उन्हें तीखा दर्द महसूस हुआ और वह रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से बाहर चले गए. तमाम मेडिकल रिपोर्ट्स बताती हैं कि, गर्दन की मांसपेशियों में अचानक पड़ा खिंचाव आम तौर पर हल्का होता है, लेकिन कभी-कभी यह नस पर दबाव, टिश्यू इंजरी या सर्वाइकल स्पाइन पर स्ट्रेस पैदा कर सकता है. ऐसे मामलों में दर्द तेज हो सकता है और सिर घुमाना मुश्किल हो जाता है. इसलिए खिलाड़ियों में ऐसे दर्द को हल्के में नहीं लिया जाता और तुरंत स्कैन करने की सलाह दी जाती है.
कब यह ज्यादा दिक्कत कर सकती है
Mayo Clinic के अनुसार, वैसे तो यह कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, इलाज करवाने के बाद. लेकिन अगर खिचाव-दर्द के साथ कुछ लक्षण दिखें तो यह सावधानी लायक हो सकता है. जैसे कि
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- दर्द लगातार बने रहना या दिनों में कम न होना
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- दर्द के साथ बाजू-हाथ या कंधे में कमजोरी, सुन्न होना, टिंगलिंग महसूस होना
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- इनमें से कोई भी मिले तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































