कल्पना कीजिए कि कोई ऐसा कीड़ा आपके शरीर में घुस जाए, जो आपके जिंदा मांस को खाते हुए आपके शरीर को नष्ट कर दे.सुनने में डरावना लगता है, लेकिन यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि एक खतरनाक हकीकत है. मैक्सिको में इन दिनों “स्क्रूवर्म” के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
यह कीड़ा इंसानों और जानवरों दोनों को संक्रमित कर सकता है. इसकी वजह से त्वचा में गहरे जख्म बन जाते हैं और अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. सवाल यह है कि क्या भारत जैसे देश में भी इसका खतरा मौजूद है? आइए जानते हैं विस्तार से…
स्क्रूवर्म क्या है?
स्क्रूवर्म असल में एक तरह की मक्खी का कीड़े का बच्चा होता है, जो जख्म या कटे हुए हिस्से में अंडे देकर बढ़ता है. जब ये अंडे लार्वा में बदलते हैं, तो वे जिदा मांस को खाना शुरू कर देते हैं. इसी वजह से इसे “फ्लेश-ईटिंग वर्म” यानी इंसानी मांस खाने वाला कीड़ा भी कहा जाता है.
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- मैक्सिको में क्यों बढ़ रहे मामले?
 
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- पिछले कुछ महीनों में मेक्सिको में स्क्रूवर्म के कई मामले सामने आए हैं
 
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- वहां के गर्म और नम वातावरण में ये कीड़े तेजी से पनपते हैं
 
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- सफाई की कमी और खुले जख्म वाले लोग या जानवर इनका आसान शिकार बन जाते हैं
 
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- कई लोगों को गंभीर संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है
 
भारत में कितना खतरा?
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- भारत में अभी तक स्क्रूवर्म के मामले आम नहीं हैं, लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित भी नहीं है
 
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- जलवायु – भारत का कई राज्यों का वातावरण (गर्म और नमी वाला) ऐसे कीड़ों के लिए अनुकूल हो सकता है
 
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- पशुधन पर असर – भारत में बड़ी संख्या में पशु हैं, और स्क्रूवर्म पहले जानवरों पर अटैक करता है
 
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- यात्रा का खतरा – अगर संक्रमित व्यक्ति या पशु भारत आता है तो यहां भी संक्रमण फैलने की संभावना बन सकती है
 
बचाव कैसे किया जा सकता है?
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- साफ-सफाई पर ध्यान दें – किसी भी खुले घाव को बिना पट्टी लगाए न छोड़ें
 
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- जख्म का तुरंत इलाज करें – छोटी चोटों को भी अनदेखा न करें
 
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- जानवरों की देखभाल – पशुधन को समय-समय पर चेकअप और ट्रीटमेंट कराएं
 
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- यात्रा निगरानी – मेक्सिको जैसे प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग जरूरी है
 
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
 
		