अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान देकर दुनिया भर में हलचल मचा दी. उन्होंने दावा किया कि आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द और बुखार की दवा पैरासिटामोल (Tylenol) गर्भावस्था में बच्चे में ऑटिज्म और एडीएचडी (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) का खतरा बढ़ा सकती है. ट्रंप के इस बयान के बाद गर्भवती महिलाओं में डर फैल गया और सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज हो गई.
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) और ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसियों ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है. WHO की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पैरासिटामोल गर्भवती महिलाओं के लिए अब भी सबसे सुरक्षित दवा है. उन्होंने साफ कहा कि इस बारे में कोई नया वैज्ञानिक सबूत सामने नहीं आया है.
प्रेग्नेंसी में किन दवाओं से बचना चाहिए?
डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए. कई दवाएं भ्रूण के विकास पर बुरा असर डाल सकती हैं. आइए जानें वे दवाएं जिन्हें प्रेग्नेंसी में भूलकर भी नहीं लेना चाहिए –
इबुप्रोफेन और डाइक्लोफेनाक – ये दवाएं दर्द और सूजन में ली जाती हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान लेने से बच्चे के हार्ट और किडनी पर असर पड़ सकता है.
टेट्रासाइक्लिन – यह एक एंटीबायोटिक है जो गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास को प्रभावित कर सकती है.
आइसोट्रेटिनॉइन– इसे आमतौर पर पिंपल्स की दवा के तौर पर दिया जाता है. लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह बेहद खतरनाक है और बच्चे में जन्मजात विकार का कारण बन सकती है.
कुछ एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं – मिर्गी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं में से कुछ भ्रूण में जन्म दोष और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ा सकती हैं.
हार्मोनल दवाएं– बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी हार्मोनल दवा लेना गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
पैरासिटामोल विवाद पर भारतीय की राय
भारतीय डॉक्टरों ने भी साफ कहा है कि ट्रंप का दावा वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है. कोचीन के डॉ. राजीव जयरामन ने बताया कि स्वीडन में 24 लाख बच्चों पर हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि पैरासिटामोल से ऑटिज़्म या अन्य न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर का खतरा नहीं बढ़ता.
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गर्भवती महिलाएं तेज बुखार में पैरासिटामोल न लें तो इससे मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा हो सकता है. बुखार गर्भस्थ शिशु के विकास को नुकसान पहुंचा सकता है. ट्रंप के बयान ने भले ही हलचल मचा दी हो, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वैज्ञानिक आधार पर यह दावा सही नहीं है. पैरासिटामोल डॉक्टर की सलाह से प्रेग्नेंसी में सुरक्षित रूप से ली जा सकती है. हां, अन्य दवाओं के मामले में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि किसी भी तरह का दर्द, बुखार या संक्रमण होने पर खुद से दवा न लेकर डॉक्टर से परामर्श करें. सही दवा और सही समय पर इलाज से न केवल मां का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है बल्कि बच्चे का भी विकास सही ढंग से होता है.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
		

































