हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं. इसमें से एक कारण है आर्टरी में प्लाक जमना, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है. यह हार्ट अटैक का बड़ा कारण है. यह चिपचिपी परत वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और अन्य पदार्थों से बनती है, जिससे आर्टरी की दीवारें कठोर और संकरी हो जाती हैं और हार्ट तक खून का प्रवाह घट जाता है. लंबे समय तक माना जाता रहा कि एक बार प्लाक बनने के बाद इसे हटाया नहीं जा सकता और इसका इलाज केवल दवाओं, स्टेंट या सर्जरी से ही संभव है. न्यूयॉर्क के बोर्ड-प्रमाणित इमरजेंसी मेडिसिन डॉक्टर डॉ. वसिली एलिएपोलोस कहते हैं कि प्लाक जमना हमेशा स्थायी नहीं होता. उनका मानना है कि यदि जड़ कारणों पर ध्यान दिया जाए, तो जोखिम घटाए जा सकते हैं और प्लाक को उल्टा भी किया जा सकता है.
क्या प्लाक हमेशा के लिए रहता है?
डॉ. वसिली एलिएपोलोस इसके बारे में बताते हुए कहते हैं, “हमें बताया जाता है कि प्लाक स्थायी है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है. आर्टरी में जमा प्लाक बिना स्टेंट और सर्जरी के भी घटाया जा सकता है.” वे आगे बताते हैं कि हार्ट अटैक का बड़ा कारण सिर्फ कैल्शियम जमा नहीं होता, बल्कि सॉफ्ट प्लाक का फटना होता है. इसमें कई बार आपका स्ट्रेस टेस्ट नॉर्मल आता है और फिर भी रिस्क बना रहता है. सर्जरी या स्टेंटिंग तुरंत राहत तो देती है और जान भी बचा सकती है, लेकिन यह बीमारी की जड़ पर काम नहीं करती. इसी वजह से जरूरी है कि जड़ कारण पर काम करके हार्ट अटैक से बचाव किया जाए.
कैसे कर सकते हैं इलाज?
डॉ. वसिली के अनुसार, इसके लिए सबसे पहले एडवांस टेस्टिंग जरूरी है ताकि असली खतरे की पहचान हो सके. साधारण कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट पूरी तस्वीर नहीं दिखाती. वे बताते हैं कि इसमें सबसे पहला जो टेस्ट होता है वह है APOB टेस्ट, जो असली लिपिड पार्टिकल लोड बताता है. इसके बाद दूसरे नंबर पर आता है हाई सेंसिटिव CRP और LP-PLA2, जिसमें सूजन के वे मार्कर दिखते हैं जो प्लाक को बढ़ाते हैं. तीसरे नंबर पर CCTA स्कैन से इसके बारे में पता लगाया जाता है, जो दिखाता है कि प्लाक कहां बन रहा है और किस प्रकार का है. इस तरह आप किसी बड़े दिक्कत से बच सकते हैं. वहीं, अगर आप इसको इग्नोंर करते हैं, तो आपको काफी दिक्कत हो सकती है.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.