अनियमित डाइट और उल्टी-सीधी लाइफस्टाइल की वजह से कब्ज जैसी दिक्कत बेहद कॉमन हो चुकी है. इसकी वजह से बवासीर यानी पाइल्स जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने यूट्यूब चैनल पर हाल ही में बवासीर की दिक्कत को दूर करने के कुछ देसी नुस्खे बताए थे. आइए आपको उनके बारे में जानकारी देते हैं.
कैसे होते हैं बवासीर के लक्षण?
बवासीर दो तरह की होती है. इनमें पहली खूनी बवासीर होती है, जिसमें दर्द कम होता है, लेकिन ब्लीडिंग होती है. दूसरी बादी बवासीर होती है, जिसमें ब्लीडिंग नहीं होती है. हालांकि, कब्ज, दर्द और सूजन की दिक्कत काफी ज्यादा होती है. Indian Journal of Medical Research (2024) के मुताबिक, कब्ज, कम फाइबर वाली डाइट, लंबे समय तक बैठने, और पानी की कमी से बवासीर की दिक्कत होती है.
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- मल त्याग के दौरान दर्द और जलन
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- गुदा के आसपास खुजली और सूजन
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- मल के साथ खून आना (खूनी बवासीर में)
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- गुदा के आसपास मस्से या गांठ
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- उठने-बैठने में कठिनाई
बिना सर्जरी कैसे ठीक करें बवासीर?
बाबा रामदेव के मुताबिक, आयुर्वेद और लाइफस्टाइल में बदलाव करके बवासीर को बिना सर्जरी ठीक किया जा सकता है. उनका दावा है कि नुस्खे नैचुरल जड़ी-बूटियों और योग पर आधारित हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं और कब्ज से राहत दिलाते हैं.
दूध और नींबू का मिश्रण
बाबा रामदेव ने दूध और नींबू के कॉम्बिनेशन को बवासीर के लिए रामबाण बताया है. इसके लिए सुबह खाली पेट गाय के एक कप गुनगुने दूध में एक नींबू निचोड़कर तुरंत पी लें. दूध गाय का ही होना चाहिए, क्योंकि भैंस का दूध गर्म होता है और दिक्कत बढ़ सकती है. फ्रिज का ठंडा दूध भी इस्तेमाल न करें. दूध नैचुरल तरीके से ठंडा करें. नींबू में मौजूद विटामिन C और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं, जबकि दूध पाचन को बेहतर बनाता है. बाबा रामदेव का दावा है कि 3-7 दिनों तक इसका सेवन करने से खूनी और बादी बवासीर में राहत मिलती है.
केला और देसी कपूर
बाबा रामदेव के अनुसार, केला और देसी कपूर का कॉम्बिनेशन बवासीर, फिशर और फिस्टुला के लिए असरदार होता है. एक पके केले का छोटा टुकड़ा लें, उसमें चने के आकार का देसी कपूर (भीमसेनी) डालें. इसे बिना चबाए निगल लें. सुबह खाली पेट 3 दिन तक यह प्रक्रिया आजमाएं. कपूर में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो एनल की सूजन और जलन को कम करते हैं. केला फाइबर देता है, जो कब्ज से राहत दिलाता है. बाबा रामदेव का दावा है कि यह नुस्खा 3 दिन में बवासीर को जड़ से खत्म करता है.
नागदोन के पत्ते
बाबा रामदेव ने नागदोन (नागदमनी) के पत्तों को बवासीर के लिए बेहतरीन बताया है. सुबह खाली पेट नागदोन के 3-5 पत्ते चबाएं. इन्हें 3-7 दिन तक नियमित रूप से लें. नागदोन के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर जैसे गुण होते हैं, जो पाचन को बेहतर करते हैं और मस्सों की सूजन को कम करते हैं. बाबा रामदेव का कहना है कि यह उपाय ब्लीडिंग को पहले दिन से रोक सकता है और एक सप्ताह में पूरी तरह राहत देता है.
त्रिफला चूर्ण
बाबा रामदेव त्रिफला चूर्ण को कब्ज और बवासीर के लिए बेहद असरदार मानते हैं. रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें. इसे 40-45 दिनों तक नियमित रूप से करें. हरड़, बहेड़ा और आंवला से बना त्रिफला पाचन तंत्र को साफ करता है. इससे कब्ज से राहत मिलती है और आंतें मजबूत होती हैं. यह बवासीर के मस्सों को कम करने में भी मदद करता है. गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादा त्रिफला लेने से दस्त हो सकते हैं.
अंजीर का सेवन
बाबा रामदेव ने अंजीर को बवासीर के लिए कारगर बताया है. इसके लिए 2-3 सूखे अंजीर रात में पानी में भिगो दें. सुबह खाली पेट और शाम को 4-5 बजे इन्हें खाएं. यह प्रोसेस 8-10 दिन तक लगातार करें. अंजीर में काफी ज्यादा फाइबर होता है, जो मल को नरम करता है और मल त्याग को आसान बनाता है. इससे बवासीर का दर्द और सूजन कम होती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.