भारत में डायबिटीज आज बहुत आम बीमारी बन चुकी है. भारत में करोड़ों लोग रोजाना अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते हैं ताकि वे अपनी सेहत को संभाल सकें. लेकिन अब तक जो तरीका यूज होता था. वो उंगली में सुई चुभाकर खून का सैंपल लेना है. वह काफी दर्दनाक और झंझट भरा होता था. कई बार दिन में 3 से 4 बार टेस्ट करना पड़ता है, जिससे न सिर्फ दर्द होता है बल्कि खर्च भी बढ़ जाता है. अब इन सब परेशानियों से राहत देने के लिए IIT मद्रास के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है जो डायबिटीज मरीजों की जिंदगी को आसान बना देगी. अब बिना सुई लगाए कम खर्च में मरीज शुगर टेस्ट कर सकेंगे. IIT मद्रास की नई डिवाइस से डायबिटीज के मरीजों को राहत मिलेगी.
सस्ता, आसान और बिना सुई लगाए कम खर्च में शुगर टेस्ट
IIT मद्रास के इलेक्ट्रॉनिक मटीरियल्स एंड थिन फिल्म्स लैब के शोधकर्ताओं ने एक खास ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस तैयार की है. इस डिवाइस को प्रोफेसर परसुरामन स्वामीनाथन की अगुवाई में बनाया गया है. यह डिवाइस खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए डिजाइन की गई है ताकि वे बिना सुई के, आसानी से और कम खर्च में अपना ब्लड शुगर लेवल जांच सकें.
कैसे काम करती है यह नई डिवाइस?
अब तक दो तरह के तरीके आमतौर पर यूज होते थे. जिसमें पहला SMBG (Self-Monitoring of Blood Glucose), इसमें सुई से उंगली चुभाकर खून का सैंपल लिया जाता है. वहीं दूसरा CGM (Continuous Glucose Monitoring), जो बिना बार-बार सुई लगाए रियल-टाइम रीडिंग देता है, लेकिन ये काफी महंगे होते हैं और मोबाइल या अलग डिवाइस से ही डेटा दिखाते हैं.
वहीं IIT मद्रास की टीम ने इन दोनों की कमियों को ध्यान में रखते हुए एक नया समाधान निकाला है. उन्होंने एक मॉड्यूलर सिस्टम बनाया है जिसमें दो हिस्से हैं. एक रीयूजेबल इलेक्ट्रॉनिक यूनिट जिसमें लो-पावर डिस्प्ले लगा है और एक डिस्पोजेबल माइक्रोनीडल सेंसर पैच, जो स्किन पर चिपकाया जाता है. यह माइक्रोनीडल पैच बहुत छोटा होता है और स्किन के बिल्कुल ऊपर वाले हिस्से से शुगर लेवल मेजर कर लेता है. इसका यूज करने में न तो दर्द होता है और न ही खून निकालने की जरूरत पड़ती है.
क्या है इस रिसर्च का उद्देश्य?
इस नई तकनीक से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार सुई चुभाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा और वे ज्यादा आराम से अपने शुगर लेवल पर नजर रख पाएंगे. इस प्रोजेक्ट से जुड़े एमएस (एंटरप्रेन्योरशिप) स्कॉलर एल. बालमुरुगन ने बताया कि यह डिवाइस गेम-चेंजर साबित हो सकती है. यह ग्लूकोज मॉनिटरिंग को न सिर्फ आसान बनाती है बल्कि गोपनीय और किफायती भी है. अब लोग घर बैठे नियमित रूप से शुगर टेस्ट कर सकेंगे, जिससे उन्हें अपनी सेहत को समझने और समय पर कदम उठाने में मदद मिलेगी. लंबे समय में इसका फायदा यह होगा कि डायबिटीज से जुड़ी इमरजेंसी और अस्पताल जाने की जरूरत कम होगी. इससे परिवार पर आर्थिक बोझ घटेगा और मरीज अपनी सेहत को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































