हमारा दिल हर सेकंड काम करता है, ताकि शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन और खून पहुंच सके . हालांकि, जब दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट (ब्लॉकेज) आने लगती है तो यह जानलेवा हो सकता है. इस कंडीशन को मेडिकल भाषा में कोरोनरी हार्ट डिजीज या हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है. हालांकि, अच्छी बात यह मानी जाती है कि शरीर इस खतरे को बढ़ाने से पहले कुछ संकेत भी देता है, जिन्हें सही समय पर पहचान लिया जाए तो दिल को बड़ी बीमारियों से बचाया जा सकता है. अगर इन शुरुआती लक्षणों को समय से पहचान लिया जाए तो हार्ट अटैक जैसी कंडीशन से भी बचा जा सकता है. ऐसे में आपको बताते हैं कि हार्ट ब्लॉकेज के ऐसे पांच शुरुआती संकेत, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
सीने में दर्द
सीने में दर्द हार्ट ब्लॉकेज के सबसे आम लक्षणों में से एक होता है. ऐसे में अगर आपको भी सीने में दबाव, जलन या कसाव महसूस हो तो यह एनजाइना का संकेत हो सकता है. यह दर्द आमतौर पर तब होता है, जब आप मेंटल स्ट्रेस में होते हैं या फिर कोई भारी काम करते हैं. हालांकि, आराम करने पर यह दर्द थोड़ा काम हो सकता है.
सांस लेने में तकलीफ
अगर थोड़ा-सा चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर भी सांस फूलने लगे तो इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल रहा है. यह हार्ट ब्लॉकेज का शुरुआती लक्षण हो सकता है. ऐसे में अगर आपको भी यह लक्षण दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
जल्दी थकान महसूस होना
अगर रोजमर्रा के काम करते समय भी थकावट या कमजोरी महसूस होती है, तो इसका मतलब हो सकता है कि दिल शरीर तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा है. यह भी दिल में ब्लॉकेज का एक अहम संकेत होता है.
हाथ, गर्दन या जबड़े में दर्द
कई बार दिल की समस्या का दर्द सीने में नहीं, बल्कि शरीर के दूसरे हिस्सों जैसे बाएं हाथ, पीठ दर्द या जबड़े में महसूस होता है. ऐसे दर्द को अक्सर लोग मांसपेशियों का मामूली दर्द समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह भी हार्ट ब्लॉकेज का संकेत हो सकता है.
दिल की धड़कन का अनियमित होना
अगर अचानक से दिल तेजी से धड़कने लगे. धड़कन फड़फड़ाने लगे या चक्कर जैसा महसूस हो तो इसे हल्के में न लें. दिल की धड़कन में गड़बड़ी भी हार्ट ब्लॉकेज की चेतावनी हो सकती है.
क्या होती है हार्ट ब्लॉकेज के पीछे की वजह?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट ब्लॉकेज का मुख्य कारण एथेरोस्क्लेरोसिस होता है, जिसका मतलब है कि धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम जैसी चीजें जमा हो गई हैं. वहीं, धीरे-धीरे इसकी परतें जमकर ब्लड फ्लो को कम कर देती हैं, जिससे हार्ट ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग, डायबिटीज, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और फैमिली में हार्ट प्रॉब्लम की हिस्ट्री के कारण भी इसका खतरा बढ़ा सकता है.


































