हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड एनेस्थिसिया डे मनाया जाता है. इस दिन उन डॉक्टर को धन्यवाद दिया जाता है, जो ऑपरेशन के दौरान मरीज को दर्द नहीं होने देते हैं. डॉक्टर आमतौर पर दर्द रहित ऑपरेशन के लिए एनेस्थिसिया देते हैं, जिससे मरीजों को सर्जरी के दौरान कोई तकलीफ नहीं होती है. वहीं एनेस्थिसिया डे इसलिए भी मनाया जाता है, क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि कैसे एनेस्थिसिया ने सर्जरी के एक्सपीरियंस को पूरी तरह बदल दिया. ऐसे में चलिए आज वर्ल्ड एनेस्थिसिया डे पर आपको बताते हैं कि एनेस्थीसिया से किस बीमारी का पहला ऑपरेशन हुआ था।
एनेस्थिसिया से पहला ऑपरेशन
16 अक्टूबर 1846 को अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल में डेंटिस्ट ने एक मरीज को एथर दिया था. इसके बाद सर्जन ने मरीज के गले के ट्यूमर को बिना दर्द पहुंचाए निकाला था. वहीं यह पहला रिकॉर्ड एनेस्थिसिया ऑपरेशन था. यह ऑपरेशन एनेस्थिसिया की दुनिया में मील का पत्थर साबित हुआ था. इस एनेस्थिसिया ऑपरेशन के पहले विक्टोरियन युग में ऑपरेशन बहुत दर्दनाक और खतरनाक होते थे. उसे समय मरीजों को लकड़ी की बेंच पर पकड़कर रखा जाता था और फिर सर्जन ऑपरेशन करते थे. वहीं, दर्द के कारण पहले ऑपरेशन को बहुत ही तेजी से किया जाता थी. हालांकि इस तेजी के कारण संक्रमण और मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा थी. कभी-कभी ऑपरेशन के दौरान मरीज, मरीज को पकड़ने वाला व्यक्ति भी मारा जाता था. उस समय तक ऑपरेशन सिर्फ अंतिम उपाय के तौर पर किया जाता था, क्योंकि अगर हड्डी में फ्रैक्चर या गंभीर चोट होती थी तो सही करने के विकल्प बहुत कम थे. ऐसे में उस समय एनेस्थिसिया का आविष्कार मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए क्रांतिकारी साबित हुआ था.
कैसे हुई एनेस्थिसिया की खोज?
1846 से पहले ऑपरेशन के दौरान दर्द कम करने के लिए कई तकनीकी आजमाई गई. वहीं 1845 में डेंटिस्ट Horace Wells ने नाइट्रस ऑक्साइड का प्रयोग किया, लेकिन इसका परीक्षण भी असफल रहा. इसके कुछ महीनों बाद William Morton ने एथर का सफल प्रयोग किया था. बाद में क्लोरोफॉर्म का भी आविष्कार हुआ, जिसका खूब इस्तेमाल किया गया. लेकिन शुरुआती दौर में एनेस्थिसिया के इस्तेमाल में कई खतरे थे. इसके बाद वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने एनेस्थिसिया को सुरक्षित बनाने के लिए सही मात्रा और तकनीक विकसित की. हालांकि एनेस्थिसिया आने के बाद भी आज भी लगभग 5 अब लोग सुरक्षित एनेस्थिसिया तक नहीं पहुंच पाते हैं.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.