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Health Tips:“क्या सूरज ढलते ही इंसानी शरीर काम करना बंद कर सकता है? इन दो भाइयों की कहानी आपको चौंका देगी।”

दुनिया में कई तरह की बीमारियां होती हैं. कुछ आम, कुछ दुर्लभ और कुछ ऐसी जिनके बारे में सुनकर विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है. हम सब रात होते ही थककर सो जाते हैं, लेकिन यह हमारी इच्छा और शरीर की सामान्य प्रक्रिया है. ऐसे में अगर कोई कहे कि दुनिया में ऐसे बच्चे मौजूद हैं, जो सिर्फ सूरज की मौजूदगी में ही सामान्य रूप से काम कर पाते हैं तो सुनने में यह किसी कहानी जैसी बात लगेगी. हालांकि, यह कहानी नहीं, बल्कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रहने वाले दो असली भाइयों की सच्चाई है, जिन्हें डॉक्टर भी अब तक नहीं समझ पाए हैं. ये दोनों भाई एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसकी कोई दूसरी मिसाल पृथ्वी पर कहीं नहीं मिली. यही वजह है कि डॉक्टर और वैज्ञानिक उन्हें सोलर किड्स कहते हैं.

आखिर यह क्या बीमारी है?

बलूचिस्तान के एक छोटे से गांव में रहने वाले दो भाई दिन के समय बिल्कुल सामान्य बच्चों की तरह खेलते, पढ़ते, दौड़ते और मस्ती करते हैं, लेकिन जैसे ही शाम होने लगती है और सूरज की रोशनी कम होती जाती है, कुछ बेहद अजीब होता है उनकी एनर्जी अचानक खत्म होने लगती है, हाथ-पैर ढीले पड़ जाते हैं, चलना-फिरना लगभग बंद. बोलना भी मुश्किल और रात होते-होते वे पूरी तरह इनएक्टिव हो जाते हैं. जैसे किसी ने शरीर का स्विच ऑफ कर दिया हो. उनके माता-पिता बताते हैं कि रात में वे बिल्कुल हिल तक नहीं पाते. अगर वे बाहर हों, तो परिवार वालों को उन्हें उठाकर घर लाना पड़ता है.

क्यों कहते हैं इन्हें सोलर बॉयज?

ये दोनों सिर्फ दिन में, सूरज के रहते, सामान्य और एक्टिव होते हैं. जैसे ही सूरज की रोशनी खत्म होती है, इनकी ताकत खींच ली जाती है. शरीर ऐसा व्यवहार करता है जैसे उसे सौर एनर्जी मिलती हो. हालांकि डॉक्टरों ने साफ कहा है कि ये रोशनी की वजह से नहीं, बल्कि किसी अंदरूनी बीमारी का असर है फिर भी, इनके शरीर की यह दिन-रात वाली प्रतिक्रिया इतनी अनोखी है कि लोग इन्हें सोलर किड्स कहने लगे.

क्या दुनिया भर में सिर्फ एक परिवार इस बीमारी से पीड़ित?

डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा केस विश्व में कहीं और नहीं मिला है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी  किसी जेनेटिक बदलाव से जुड़ी, नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी शरीर की एनर्जी बनाने वाली प्रणाली में कोई गंभीर कमी से हो सकती है. हालांकि, अभी तक कोई भी सही कारण नहीं ढूंढ पाया है. ब्लड के नमूने दुनिया की बड़ी लैबों में भेजे गए, मिट्टी और हवा तक जांची गई, पर नतीजा अभी भी साफ नहीं है. डॉक्टर ने इसका इलाज डोपामाइन मेडिसिन बताया है. इन दोनों भाइयों को ये दवा खिलाकर रात को भी एक्टिव किया गया है. इस दवा को लेने के बाद दोनों भाई रात को उठकर खुद चल सके.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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