क्या आपके घर में डायबिटीज की कहानी पीढ़ियों से चली आ रही है? अगर आपके दोनों माता-पिता को टाइप 2 डायबिटीज है तो यह सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि एक चेतावनी हो सकती है. ऐसे मामलों में आपको अपनी जीवनशैली, खानपान और फिटनेस को गंभीरता से लेना चाहिए, वरना ये बीमारी चुपचाप आपको भी अपना शिकार बना सकती है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
इस मसले पर हैदराबाद के ग्लेनेगल्स अस्पताल के डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. हिरण एस. रेड्डी बताते हैं कि, इस तरह के केस में व्यक्ति को इंसुलिन रेजिस्टेंस या बीटा-सेल की गड़बड़ी विरासत में मिल सकती है, जिससे शरीर ब्लड शुगर को सही ढंग से कंट्रोल नहीं कर पाता. अगर दोनों माता-पिता को डायबिटीज है तो आपके जीवन में कभी न कभी यह बीमारी होने की संभावना 50% से भी ज्यादा हो जाती है.
फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है
युवावस्था में इसके लक्षण भले न दिखें, लेकिन समय के साथ-साथ फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है या ग्लूकोज टॉलरेंस कमजोर हो जाता है. इसका मतलब यह नहीं कि अगर आपके माता-पिता को डायबिटीज है तो आपको भी जरूर होगी, लेकिन खतरे को हल्के में लेना सही नहीं होगा. हमेशा कहा जाता है कि जेनेटिक बीमारियां आपको भी हो सकती हैं. लेकिन अगर जीवनशैली में बदलाव कर लिया जाए तो इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है.
डायबिटीज से बचाव मुमकिन है
टाइप 2 डायबिटीज से बचना पूरी तरह से संभव है, अगर आप सही समय पर जरूरी कदम उठाएं. डॉ. हिरण के मुताबिक, यदि आप अपने वजन में सिर्फ नियंत्रित रखते हैं तो डायबिटीज का खतरा बहुत हद तक कम हो सकता है. इसके अलावा आपका खानपान संतुलित होना चाहिए, सब्ज़ियां, साबुत अनाज, दालें, अंडे और हेल्दी फैट जैसे नट्स, ऑलिव ऑयल को प्राथमिकता दें. साथ ही, मीठे और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना जरूरी है.
नियमित जांच है बहुत जरूरी
अगर आपकी उम्र 25 साल से ज्यादा है या आप मोटापे, थकान या सुस्ती से जूझ रहे हैं तो साल में कम से कम एक बार ब्लड शुगर टेस्ट और हेल्थ चेकअप जरूर कराएं. इससे शुरुआती संकेत मिल सकते हैं, जो आगे चलकर डायबिटीज बनने से रोक सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































