कभी-कभी हम अपनी सेहत के संकेत अपने शरीर के बाहर देख सकते हैं और टॉयलेट में जाने के बाद का नजारा भी उनमें से एक है. आपने गौर किया होगा कि, कभी-कभी पॉटी फ्लश करने के बाद भी पानी में तैरती रहती है. इस पर डॉ. दीपिका राणा कहती हैं कि, अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे हल्के में न लें, क्योंकि यह आपके पाचन तंत्र या यहां तक कि गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है.
पॉटी फ्लोट क्यों करती है?
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- अत्यधिक गैस – आहार में ज्यादा फाइबर या गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ (जैसे दालें, गोभी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स)
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- वसा की अधिक मात्रा – शरीर अगर वसा को सही तरीके से पचा नहीं पा रहा तो पॉटी हल्की हो जाती है और तैरने लगती है
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- संक्रमण – कुछ बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन पाचन को प्रभावित करते हैं
कब चिंता करनी चाहिए?
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- लगातार दस्त या कब्ज़
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- पेट में दर्द या सूजन
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- अचानक वजन घटना
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- मल में खून या काला रंग
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- थकान और कमजोरी
कैंसर और पाचन तंत्र से जुड़ा खतरा
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- लगातार फ्लोट करती और चिपचिपी या बदबूदार पॉटी पैंक्रियाटिक कैंसर, कोलन कैंसर या गॉल ब्लैडर की समस्याओं से जुड़ी हो सकती है
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- पैंक्रियाटिक कैंसर – पाचन एंज़ाइम सही से न बनने के कारण वसा पच नहीं पाती, जिससे पॉटी तैरने लगती है
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- कोलन कैंसर – आंतों में रुकावट और पाचन की गड़बड़ी से मल का वजन कम हो जाता है
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- आहार और जीवनशैली में बदलाव
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- ताजी सब्जियां, फल और पर्याप्त पानी लें
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- जंक फूड, अधिक तैलीय और प्रोसेस्ड फूड कम करें
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- नियमित व्यायाम करें
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- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं
पॉटी का फ्लोट करना हमेशा कैंसर का संकेत नहीं होता, लेकिन यह आपके पाचन स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेत जरूर है. अगर यह बार-बार हो रहा है और इसके साथ अन्य लक्षण भी हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं. क्योंकि सेहत के इन छोटे-छोटे संकेतों को समय पर समझ लेना ही गंभीर बीमारियों से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.