उम्र चाहे कितनी भी हो, स्वस्थ और सक्रिय रहना हर किसी की जरूरत है. लेकिन जैसे-जैसे शरीर बुजुर्ग अवस्था की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की ताकत और शरीर की लचीलापन धीरे-धीरे कम होने लगती है. ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि अब व्यायाम करना उनके बस की बात नहीं रही. लेकिन आप इसे कुर्सी पर बैठकर आसानी से कर सकते हैं.
डॉ. रामेश्वर कुमार बताते हैं कि, यह तरीका खासतौर पर उन बुजुर्गों के लिए बेहद उपयोगी है जो घुटनों के दर्द, कमर की कमजोरी या बैलेंस की समस्या के कारण खड़े होकर व्यायाम नहीं कर सकते. चलिए जानते हैं कि बुजुर्गों के लिए कुर्सी पर बैठकर किए जाने वाले कौन-कौन से व्यायाम असरदार हैं और इन्हें करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
शुरू करने से पहले ध्यान रखने बातें
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- मजबूत और बिना पहियों वाली कुर्सी का चुनाव करें
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- व्यायाम के दौरान पैरों को फर्श पर टिकाकर रखें
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- कोई भी मूवमेंट करते समय गहरी सांस लें और आराम से करें
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- दर्द महसूस हो तो व्यायाम तुरंत रोक दें
आर्म रेज
दोनों हाथों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर उठाएं और फिर नीचे लाएं. यह कंधों की ताकत और मूवमेंट बढ़ाने में सहायक है.
लेग लिफ्ट
एक पैर को सीधा करके धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, कुछ सेकेंड होल्ड करें और फिर नीचे रखें. यह पैरों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है.
नेक रोटेशन
गर्दन को धीरे-धीरे दाएं और बाएं घुमाएं. इससे गर्दन की जकड़न और तनाव में राहत मिलती है.
एंकल रोटेशन
टखनों को घड़ी की सुई की दिशा और विपरीत दिशा में घुमाएं. इससे पैरों का रक्त संचार बेहतर होता है.
डीप ब्रीदिंग
गहरी सांस लें, कुछ सेकेंड रोकें और फिर छोड़ें. यह मन को शांत रखने और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में मदद करता है.
बुजुर्गों के लिए फिट रहना अब मुश्किल नहीं रहा. कुर्सी पर बैठकर किया जाने वाला यह व्यायाम न केवल आसान है बल्कि नियमित रूप से अपनाने पर यह जीवन में नई ऊर्जा भर देता है. उम्र चाहे कोई भी हो, फिट रहना हर किसी का हक है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































