
- सरोजनीनगर में डॉ. राजेश्वर सिंह ने मुफ्त जनरेटिव AI क्रैश कोर्स लॉन्च किया
- 14 डिजिटल केंद्रों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा प्रशिक्षण
- कोर्स में ChatGPT, Google Maps जैसे टूल्स का प्रैक्टिकल उपयोग
- पहले दिन 60+ युवाओं की भागीदारी, नई तकनीकों को लेकर जबरदस्त उत्साह
- भारत का पहला AI-सक्षम विधायक कार्यालय बना सरोजनीनगर कार्यालय

लखनऊ, सरोजनीनगर : 7 जुलाई 2025 : युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने और डिजिटल क्रांति से जोड़ने के उद्देश्य से सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्रैश कोर्स की शुरुआत की है। यह कोर्स युवाओं को न केवल तकनीकी दक्षता देगा, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

डॉ. सिंह ने इस कार्यक्रम को अपनी समाज सेवा की प्रतिबद्धता और दिवंगत पिता को समर्पित श्रद्धांजलि बताया। उन्होंने कहा कि “AI सिर्फ कोडिंग नहीं, बल्कि सोचने का एक नया तरीका है।” उनका विज़न है कि सरोजनीनगर का प्रत्येक युवा आने वाली AI-प्रेरित अर्थव्यवस्था में नेतृत्वकारी भूमिका निभाए।
कोर्स की प्रमुख विशेषताएं
- AI, Machine Learning, Deep Learning का आसान और प्रभावी परिचय
- ChatGPT, Google Maps, Canva AI जैसे प्रमुख टूल्स का प्रायोगिक अभ्यास
- AI आधारित करियर सलाह, जॉब असिस्टेंस और नेटवर्किंग गाइडेंस
- प्रोजेक्ट निर्माण, प्रेजेंटेशन, और प्रमाण-पत्र वितरण
यह कोर्स पूरी तरह नि:शुल्क है और इसे ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि तकनीकी बैकग्राउंड के बिना भी युवा इसे समझ सकें और अपना करियर गढ़ सकें।
कोर्स का संचालन: विशेषज्ञ मार्गदर्शन में प्रैक्टिकल लर्निंग
प्रशिक्षण का नेतृत्व विनय प्रिय मिश्रा कर रहे हैं, जो AI में PhD शोधार्थी हैं। उन्होंने बताया कि कोर्स का उद्देश्य केवल टूल सिखाना नहीं, बल्कि युवाओं की सृजनात्मक क्षमता, समस्या समाधान और नेतृत्व विकास को बढ़ावा देना है। उनका अनुभव पेटेंट, पब्लिकेशन और इनोवेशन के क्षेत्र में गहन है।
14 डिजिटल शिक्षा केंद्र और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ट्रेनिंग सुविधा
यह कोर्स डॉ. सिंह द्वारा स्थापित ‘रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केंद्रों’ पर उपलब्ध है। कुल 14 केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:
तेलीबाग, लतीफ नगर, भटगांव, गौरी बाजार, बंथरा, स्कूटर इंडिया, कल्ली पश्चिम, आशियाना, हरौनी, विधायक कार्यालय (पराग चौराहा), नीलमथा आदि।
साथ ही वर्चुअल मोड में भी कोर्स उपलब्ध रहेगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्र के युवा भी लाभान्वित हो सकें।
पहले दिन 60 से अधिक युवाओं की भागीदारी
AI क्रैश कोर्स के प्रारंभिक बैच में 60 से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इन युवाओं में छात्र, टेक-एंथुज़ियास्ट, स्थानीय मेधावी छात्राएं और विधायक कार्यालय के तकनीकी सदस्य भी शामिल रहे।
सभी प्रतिभागियों ने कोर्स को लेकर उत्साह और कृतज्ञता जताई और कहा कि यह पहल उन्हें AI जैसी जटिल तकनीक को सरल तरीके से सीखने का अवसर दे रही है।
भारत का पहला AI-सक्षम विधायक कार्यालय: तकनीक से प्रशासनिक दक्षता
डॉ. सिंह ने सरोजनीनगर विधायक कार्यालय को देश का पहला AI-सक्षम कार्यालय बनाने की घोषणा पहले ही की थी, और अब इस पहल को अमल में लाते हुए वे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में AI-सहायता प्राप्त पारदर्शिता और फुर्ती लेकर आ रहे हैं।
इससे न केवल जन सेवा में गुणवत्ता आई है, बल्कि नागरिकों को भी सरकारी सेवाओं के प्रति भरोसा बढ़ा है।
डॉ. सिंह का विज़न: हर गांव, हर युवा तक तकनीकी क्रांति
डॉ. सिंह ने कहा,
“मेरा सपना है कि सरोजनीनगर का हर युवा डिजिटल दुनिया की भाषा सीखे। AI को सिर्फ बड़े शहरों की तकनीक न मानें। यह गांवों तक पहुँचे, और हर युवा इसमें नेतृत्व करे।”
उनकी यह सोच सरोजनीनगर को UP ही नहीं, पूरे भारत में डिजिटल क्रांति का मॉडल बनाने की दिशा में प्रेरित कर रही है।
सरोजनीनगर बना डिजिटल युग का अगुआ
डॉ. राजेश्वर सिंह की यह पहल न केवल युवाओं को रोजगार-उन्मुख शिक्षा दे रही है, बल्कि क्षेत्र को डिजिटल समावेशन का उदाहरण भी बना रही है। AI जैसे जटिल विषय को सरल, सुलभ और सर्वसुलभ बनाकर उन्होंने एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसे पूरे देश में दोहराया जा सकता है।