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Hidden Hill Stations: शिमला और कश्मीर से कम खूबसूरत नहीं हैं ये अनदेखे हिल स्टेशन, पर्यटकों की भीड़ यहां नहीं मिलेगी

घूमने के शौकीन लोग अक्सर छुट्टियां मिलते ही घूमने का प्लान बना लेते हैं। अक्सर घूमने का प्लान आते ही लोगों के मन में सबसे पहले हिल स्टेशनों के ऑप्शन पर ध्यान जाता है। हिल स्टेशन पर जाना अधिकतर लोगों को इसलिए भी पसंद होता है कि वह शहर की भीड़भाड़ से दूर सुकून के कुछ पल बिता सकें। लेकिन कई फेमस हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंचती है। अगर आप भी शिमला-मनाली, मसूरी और धर्मशाला आदि हिल स्टेशनों पर जाना चाहते हैं, तो यहां बहुत ज्यादा ट्रैफिक और भीड़ होती है।

हालांकि कुछ हिल स्टेशन ऐसे भी हैं, जो कश्मीर, शिमला या मनाली से कम नहीं और लोग इनके बारे में अधिक जानते भी नहीं। ऐसे में अगर आप भी किसी ऐसे हिल स्टेशन पर जाना चाहते हैं, जहां पर पर्यटकों की भीड़ कम होती है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन ऑफबीट हिल स्टेशनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर पर्यटकों की ज्यादा भीड़ नहीं पहुंचती है।

शांघड़ गांव

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले की सैंज घाटी में एक बेहद खूबसूरत गांव है। इस गांव का नाम शांघड़ है। बता दें कि इस गांव के नजारे स्विट्जरलैंड की तरह हैं। इसी वजह से इस गांव को कुल्लू का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है।

शांघड़ 

यहां के मैदान में हरे-भरे पेड़ और अद्भुत चीड़ के पेड़ों और रंग-बिरंगे छोटे घरों का नजारा बिलकुल विदेशी पर्यटन जैसे लगता है। शांघड़ में आप शंगचुल महादेव मंदिर, शांघड़ मीडोज, बरशानगढ़ झरना और रैला गांव में लकड़ी से बना टावर मंदिर है। इस जगह पर आप मन की शांति और सुंदर दृश्यों का नजारा देख सकते हैं।

ऐसे पहुंचे

शांघड़ जाने के लिए आप अपने शहर से अंबाला, चंडीगढ़ या जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। फिर सड़क मार्ग से मनाली जाएं। इसके बाद शांघड़ पहुंचने के लिए मनाली से सैंज का सफर स्थानीय बस से कर सकते हैं। इसके अलावा आप कुल्लू हवाई अड्डा पहुंचकर भंतर से सैंज के लिए टैक्सी या बस पकड़ सकते हैं।

कनातल

यदि आप छिपे हुए खूबसूरत हिल स्टेशनों की तलाश में हैं, तो उत्तराखंड के कनातल हिल स्टेशन पर जा सकते हैं। कनातल में सीमित सैलानी आते हैं और प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने के लिए और भीड़-भाड़ से दूर सुकून के दो पल बिताने के लिए यहां पहुंच सकते हैं। यहां पर आप कैंपिंग और ट्रैकिंग कर सकते हैं। यह हिल स्टेशन देहरादून से 78किमी की दूरी पर है। मसूरी से कनातल 38 किमी और चंबा से 12 किमी दूर यहां पर पहुंचना बहुत आसान है।

ऐसे पहुंचें

कनातल हिल स्टेशन की सैर के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन से आगे बस का सफर कर सकते हैं। अगर आप मसूरी या चंबा में हैं, तो आप भी टैक्सी या स्थानीय बस से कनातल की सैर कर सकती हैं।

कलगा गांव

ट्रैकिंग के शौकीन लोगों को कलगा गांव जाना चाहिए। यहां पर कलगा-बुनबुनी-खीरगंगा ट्रैक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। बता दें कि इस 28 किमी लंबे ट्रैक को पूरा करने में 3 दिन का समय लग सकता है। यह गांव और ट्रैक हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पार्वती घाटी में पुलगा डैम के पास स्थित है।

ट्रैकिंग के अलावा आप यहां पर पहाड़ी की चोटी से मणिकर्ण घाटी का अद्भुत नजारा दिखता है। तो वहीं सूर्यास्त के बाद यहां का नजारा काफी मनमोहक होता है।

ऐसे पहुंचे कलगा

कुल्लू जिले के भुंतर तक सड़ और हवाई मार्ग से जा सकते हैं। यहां से हवाई अड्डे से 25 किमी की दूरी पर मणिकर्ण है। जहां के लिए बहुत आसानी बस या टैक्सी मिल जाती है। मणिकर्ण से महज 10 किमी की दूर कलगा गांव है। जहां से ट्रैक शुरू होता है।

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