
- कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों से आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया
- काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पीयूष सुन्दरियाल, द्वितीय पुरस्कार शिवम श्रीवास्तव, तृतीय पुरस्कार दिवाकर कौशक को मिला
लखनऊ, 24 दिसम्बर 2024: उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान एवं उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, लखनऊ भाषा विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के नियंत्रणधीन द्वारा भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी की 100 वां जयंती के पूर्व संध्या पर युवा साहित्य प्रतिभा सम्मान के तहत युवा काव्य प्रतियोगिता का आयोजन आज दिनांक 24 दिसंबर 2024 को तथा “सामाजिक एकता में भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी का योगदान” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन न्यू हैदराबाद स्थित उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के सभागार में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान एवं आमंत्रित वक्ता/निर्णायकों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागी छात्र-छात्रों, श्रोताओं व अतिथियों का स्वागत करते हुए निदेशक विनय श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि अटल जी एक सच्चे इंसान और लोकप्रिय जननायक थे। राष्ट्रीय क्षितिज पर सुशासन के पक्षधर, विकास पुरुष और स्वच्छ छवि के साथ अजातशत्रु कहे जाने वाले कवि एवं पत्रकार, सरस्वती पुत्र पं. अटल बिहारी वाजपेयी एक व्यक्ति का नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा का नाम है। राष्ट्रहित, जनहित एवं राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रबल पक्षधर अटल जी राजनेताओं के बीच राष्ट्रीयता और नैतिकता के प्रतीक हैं। वसुदेव कुटुंबकम की भावना से परिपूर्ण और सत्यम शिवम सुंदरम के पक्षधर श्री अटल जी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण 1955 में हुआ। 1992 में पद्मविभूषण से अलंकृत अटल जी को उसी साल हिन्दी गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया। वर्ष 2014 में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारतरत्न’ से अलंकृत किया गया। अटल जी ने महान वैज्ञानिक ‘भारत रत्न’ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में 11 मई और 13 मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण कराए, जिससे संपूर्ण विश्व स्तब्ध रह गया।
युवा काव्य प्रतियोगिता कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पधारे 14 वर्ष से 40 वर्ष तक के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पीयूष सुन्दरियाल, द्वितीय पुरस्कार शिवम श्रीवास्तव, तृतीय पुरस्कार दिवाकर कौशक एवं 10 सांत्वना पुरस्कार शिवम सांवरा, आयुष यादव, सीताकान्त मिश्र, नेहा मिश्र, सत्यदेव सिंह, प्रशान्त कुशवाहा, मानस वाजपेयी, अभिषेक कुमार अवस्थी अनमोल मिश्र एवं जय गुप्ता को प्रतीक चिह्न एवं प्रणाम पत्र देकर सम्मानित किया गया। युवा काव्य प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में प्रो० अनुपम पटेल, प्रो० हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, डॉ० श्रवण कुमार गुप्ता, प्रो० हिन्दी विभाग, विद्यान्त पी०जी कालेज लखनऊ, प्रो० नीतू शर्मा, अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, आई०टी० कालेज, लखनऊ एवं प्रो० सर्वेश सिंह, प्रो० हिन्दी विभाग, डॉ० भीमराव अम्बेडकर, वि०वि० लखनऊ को आमंत्रित किया गया था।
“सामाजिक एकता में भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी का योगदान” विषय पर संगोष्ठी में पधारे प्रो० ओम प्रकाश पाण्डेय, डॉ० शैलेन्द्र प्रसाद शर्मा एवं डॉ० सुरेन्द्र विकम द्वारा श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये।


































