HomeDaily NewsUPSC: एसडीएम खजनी शिवम सिंह बने आईएएस अधिकारी

UPSC: एसडीएम खजनी शिवम सिंह बने आईएएस अधिकारी

  • आदित्य श्रीवास्तव को यूपीएससी रिज़ल्ट में पहली रैंक
  • हैदराबाद में ट्रेनी आईपीएस अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं आदित्य
  • दूसरे स्थान पर अनिमेष प्रधान तो तीसरे स्थान पर डोनुरु अनन्या रेड्डी का नाम
  • एसडीएम खजनी शिवम सिंह को मिला 877 वीं रैंक
  • मूलतः रायबरेली के प्रगतिपुरम के रहने वाले हैं शिवम सिंह

लखनऊ: संघ लोक सेवा आयोग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी सीएसई) 2023 के लिए अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। 1016 आवेदकों ने सफलता पाई है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में शामिल हुए उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं। इस साल यूपीएससी फाइनल रिजल्ट में आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है तो वहीं एसडीएम खजनी शिवम सिंह को मिली 877 वी रैंक। दूसरे नंबर अनिमेष प्रधान रहे, जबकि तीसरे स्थान डोनुरु अनन्या रेड्डी ने पाया है। आईएएस 2023 की परीक्षा में टॉप करने वाले आदित्य श्रीवास्तव लखनऊ के रहने वाले हैं। यूपीएससी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक सार्वजनिक सूचना के माध्यम से परिणामों की घोषणा की।

“संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सितंबर, 2023 में आयोजित सिविल सेवा परीक्षा, 2023 के लिखित भाग और जनवरी-अप्रैल 2024 में आयोजित व्यक्तित्व परीक्षण के लिए साक्षात्कार के परिणाम के आधार पर, नियुक्ति के लिए अनुशंसित अभ्यर्थियों की योग्यता सूची जारी की गई है।
मृदुभाषी शिवम सिंह रायबरेली के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह के छोटे सुपुत्र हैं। “आग जिसमें लगन की जलती है, कामयाबी उसी को मिलती है”, रायबरेली के शिवम पर यह पंक्ति बिल्कुल सटीक बैठती है बेहद साधारण से परिवार में जन्मे शिवम सिंह ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते पहली ही बार मे सूबे की पीसीएस परीक्षा में 38 वी रैंक हासिल की थी अब सिविल सर्विस परीक्षा में 877 वी रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया। अब देखना है कि रैंक के हिसाब से केडर कौन सा मिलता है।

श्री सिंह वर्तमान में खजनी तहसील के उप जिलाधिकारी के पद पर ईमानदारी के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं। यह जानकारी होने पर खजनी एसडीएम के सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम आने के बाद 877 वी रैंक हासिल हुआ है तहसील सहित शुभचिंतकों माता-पिता ने प्रसन्नता व्यक्त किया। माता पिता ने कहा कि बेटे की मेहनत रंग लाई है। श्री सिंह ने बातचीत में बताया कि अभी देखना होगा कि केडर कौन सा मिलता है और किस पद पर नियुक्ति मिलती है ! उसी हिसाब से अपना निर्णय लेंगे।मृदुल भाषी श्री सिंह कभी अपने पद का घमंड नहीं किया जिसका नतीजा रहा कि आज सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम आने के बाद भी किसी तरह का गुरुर नहीं है। श्री सिंह ने कहा कि दिए गए दायित्वों का बखूबी से निर्वहन कर रहा हूं और आगे भी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए देश की सेवा करूंगा। रायबरेली शहर के प्रगतिपुरम में रहने वाले राम नरेश सिंह विकास भवन के बाहर सालों से छोटी सी स्टेशनरी की दुकान लगाते हैं।

शिवम सिंह अपनी कामयाबी का श्रेय मां-बाप को देते हुए शिवम कहते हैं कि उनकी ही बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और सही मायने में बंधाई के पात्र वही दोनों लोग हैं। शहर के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र रहे शिवम कहते हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद पिता ने पढ़ाई में कोई अड़चन आड़े आने नहीं दी। 12वीं के बाद लखनऊ के एक निजी इंजीनियर कॉलेज से बीटेक पढ़ाई पूरी की फिर धनबाद के आईआईटी से एमटेक करने का अवसर मिला। एमटेक करने के दौरान ही निजी कंपनी में प्लेसमेंट हुआ पर उसमें ज्वॉइन न करते हुए सिविल सर्विसेज की तैयारी में लग गए। वैसे तो शिवम सिंह का एक ही सपना था इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में हमारा चयन हो और वर्तमान में जो रैंक श्री सिंह ने सिविल सर्विस परीक्षा के अंतिम परिणाम में पाया है उनको इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में जाने के लिए कोई अणचन नहीं आएगी। सिविल सर्विस परीक्षा में 877 वी रैंक प्राप्त करने पर श्री सिंह के माता-पिता ने भावुक होते हुए बताया कि हमारा छोटा बेटा शिवम अपने पढ़ाई के बदौलत नंबर एक पर हमेशा रहता था। पहले तो 2019 में पीसीएस की परीक्षा में 38 वीं रैंक हासिल किया था। अब सिविल सर्विस की परीक्षा के अंतिम परिणाम में 877 वीं रैंक हासिल कर हमारे मान सम्मान को और बढ़ाने का कार्य किया है। अभी तक यूपी सरकार में अपनी सेवा दे रहा है अब भारत सरकार के अधीनस्थ अपनी सेवा देते हुए देश के विकास कार्यों में अपना अहम योगदान देने का कार्य करेगा।

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