
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘ग्रामश्री’ और ‘क्राफ्टरूट्स’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
- हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए एक विशेष विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता पर बल।
- उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कारीगरों की कला को जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी।
- प्रदर्शनी में स्टोन वर्क, काष्ठ कला, धातु की प्रतिमाएं, शॉल, साड़ियां और अन्य वस्त्र प्रदर्शित।
- क्राफ्टरूट्स संस्था की 25 वर्षों की यात्रा और 77 प्रदर्शनी का विवरण।

लखनऊ, 15 नवम्बर, 2024: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज लखनऊ के कैसरबाग स्थित सफेद बारादरी में ‘ग्रामश्री’ और ‘क्राफ्टरूट्स’ द्वारा आयोजित हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने हस्तशिल्पियों और कारीगरों के अद्वितीय योगदान को सराहते हुए कहा कि देश की प्रगति तभी संभव है जब बड़े लोग छोटे लोगों की उंगली पकड़कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अवसर पर महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी बढ़ती भूमिका की चर्चा की। उन्होंने बताया कि देश की आधी आबादी, यानी महिलाएं, जब घरों से बाहर निकलकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेंगी, तब देश की वास्तविक प्रगति होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की, जिसके तहत महिलाओं ने सशस्त्र बलों में विशेष स्थान हासिल किया है, जैसे कि सेना में विमानों का संचालन।

राज्यपाल ने हस्तशिल्पियों के योगदान की प्रशंसा करते हुए उनके लिए एक विशेष विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय उन अनपढ़ कारीगरों को भी नामांकन और प्रमाण-पत्र देने का अवसर देगा जो अपने हुनर के कारण पहचान बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों को इन कारीगरों को डिजाइन और प्रशिक्षण देने का कार्य करना चाहिए ताकि उनके उत्पाद उच्च गुणवत्ता के बन सकें। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए गांवों में क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का संबोधन: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर क्राफ्टरूट्स की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इन कारीगरों की मेहनत और शिल्पकला को हमें समझना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब विभिन्न राज्यों के लोग एक-दूसरे के साथ जुड़ेंगे और सहयोग करेंगे, तब यह संकल्पना साकार होगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि क्राफ्टरूट्स जैसे मंच से कारीगरों को अपनी कला के प्रदर्शन और विक्रय के लिए एक बेहतर अवसर मिलता है।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ का वक्तव्य: प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने प्रदर्शनी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन देश की विविध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने में सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में देश के कोने-कोने से आए कारीगरों की कला और शिल्प देखने को मिलते हैं, जो पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
क्राफ्टरूट्स संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल का संबोधन: क्राफ्टरूट्स संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल ने संस्था के उद्देश्यों और पिछले 25 वर्षों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को उनके उत्पादों का एक मंच प्रदान करना और उनकी कला का संरक्षण करना है। अब तक संस्था ने 77 से अधिक प्रदर्शनी आयोजित की हैं, जिनके माध्यम से अनेक कारीगरों को लाभ मिला है।

प्रदर्शनी का अवलोकन और विशेष आकर्षण: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदर्शनी का दौरा किया और विभिन्न स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में काष्ठ कला, स्टोन वर्क, धातु की प्रतिमाएं, शॉल, साड़ियां और श्रृंगार सामग्री जैसी कलाकृतियां शामिल थीं। विशेष रूप से, स्टोन वर्क के उत्पाद इस बार के आकर्षण का केंद्र रहे, जिन्हें आईआईटी कानपुर के सहयोग से कोर्स पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह की मौजूदगी: इस अवसर पर सरोजनीनगर से जनप्रिय विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कारीगरों के कार्यों की प्रशंसा की और उनकी कला को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन स्थानीय शिल्पकारों को न केवल मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उनकी कला और संस्कृति को एक नई पहचान भी देते हैं। उनके उपस्थिति ने इस आयोजन को और महत्वपूर्ण बना दिया।
इस अवसर पर एक कविता का पाठ भी हुआ, जो क्राफ्टरूट्स संस्था के कार्यों की प्रशंसा में कुलदीप सिंह द्वारा रचित थी। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान, समाजसेवी राजेश दयाल, अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, व्यापारी, और राजभवन के अधिकारी भी उपस्थित रहे।


































