
- एसटीएफ, उत्तर प्रदेश और मिलिट्री इंटेलिजेंस, लखनऊ ने एक संयुक्त कार्रवाई में सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले विक्रम सिंह सिकरवार को गिरफ्तार किया।
- अभियुक्त के पास से फर्जी दस्तावेज और सेना से जुड़े कई आपत्तिजनक सामान, जैसे फर्जी परिचय पत्र, सेना की वर्दी और अन्य सामग्री बरामद हुई।
- अभियुक्त ने आर्मी कैंटीन में नौकरी दिलाने के नाम पर कई व्यक्तियों से 20,000 रुपये की ठगी की थी।
- गिरफ्तारी आगरा के छावनी क्षेत्र में 9 नवंबर 2024 को शाम 6:10 बजे की गई।
- अभियुक्त का आपराधिक इतिहास है, जिसमें 2015 और 2018 के मामले शामिल हैं, और वह पहले भी जेल जा चुका है।

लखनऊ: एसटीएफ, उत्तर प्रदेश और मिलिट्री इंटेलिजेंस, लखनऊ ने एक संयुक्त कार्रवाई में सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले अभियुक्त विक्रम सिंह सिकरवार उर्फ आदित्य उर्फ राजन को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता प्राप्त की। अभियुक्त के पास से कई फर्जी दस्तावेजों सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण:
- नाम:c
- पिता का नाम: स्व. रमेश चंद्र
- निवास: ग्राम थिरावली, थाना फरह, जिला मथुरा
बरामदगी की सूची:
- फर्जी भारतीय सशस्त्र सेना परिचय पत्र
- 03 अदद डिपेंडेंट कार्ड (2 मूल, 1 छायाप्रति)
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल)
- 509 आर्मी बेस वर्कशॉप की मुहर
- राजन कुमार के नाम की नेम प्लेट
- मोबाइल फोन
- सेना के रंग का बैग
- पैरा बैज सहित सेना की वर्दी
- काले बूट, बेल्ट, बैरल कैप
- मोटर साइकिल (नंबर: UP 85 AP 6179, स्प्लेंडर)
- 2000 रुपये नकद
घटना का विवरण:
अभियुक्त ने आर्मी कैंटीन में बिलिंग और चेकिंग स्टाफ असिस्टेंट के पद पर नौकरी दिलाने और डिपेंडेंट आईडेंटिटी कार्ड बनवाने के नाम पर कई व्यक्तियों से 20,000 रुपये ठगे। अभियुक्त सेना का वेश धारण कर और फर्जी आईडी कार्ड के सहारे सेना के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर चुका था। उसने पूर्व में भी 2015 में सेना भर्ती के नाम पर ठगी की थी और जेल जा चुका है।
गिरफ्तारी का स्थान और समय:
पीआर गेट एवं ग्रैंड होटल, छावनी क्षेत्र, थाना सदर बाजार, कमिश्नरेट आगरा। समय: 18:10 बजे, दिनांक: 09-11-2024।
अभियुक्त का आपराधिक इतिहास:
- मु.अ.सं. 837/2015 (धारा 140/419/420) थाना सदर बाजार, आगरा
- अन्य केस में 2018 में भी जेल जा चुका है।
अग्रिम कार्यवाही: अभियोग संख्या 643/2024 धारा 168/318(4)/338/336(3)/340(2) बीएनएस के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। आगे की कानूनी प्रक्रिया स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी।


































