
- यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने एनकाउंटर दिशा-निर्देश जारी किए
- एनकाउंटर में वीडियोग्राफी, पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक जांच अनिवार्य
- एनकाउंटर मामलों की जांच बाहरी थाना या क्राइम ब्रांच द्वारा की जाएगी
- एनकाउंटर में शामिल हथियारों का बैलिस्टिक परीक्षण जरूरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों को पुलिस एनकाउंटर से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में सुप्रीमकोर्ट द्वारा निर्धारित गाइडलाइंस का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। वर्ष 2017 से इन गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है, और अब इन दिशा-निर्देशों को और सख्त कर दिया गया है ताकि एनकाउंटर से जुड़ी हर कार्रवाई पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
इन निर्देशों के अनुसार, पुलिस एनकाउंटर में किसी अपराधी की मौत होने पर या घायल होने की स्थिति में, वीडियोग्राफी करना अनिवार्य होगा। साथ ही, एनकाउंटर स्थल की फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी, और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं भी शामिल की गई हैं। इन नियमों के पालन से पुलिस के एनकाउंटर मामलों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकेगी।
एनकाउंटर से संबंधित प्रमुख दिशा-निर्देश
वीडियोग्राफी: यदि एनकाउंटर में कोई अपराधी घायल होता है या मारा जाता है, तो शूटआउट स्थल की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।
पोस्टमार्टम: एनकाउंटर में मारे गए अपराधी के शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जाएगा और उसकी भी वीडियोग्राफी होगी।
फॉरेंसिक जांच: जिस स्थान पर एनकाउंटर हुआ है, वहां फॉरेंसिक टीम जांच करेगी और सभी साक्ष्यों का गहन निरीक्षण करेगी।
जांच की प्रक्रिया: जिस थाने के क्षेत्र में एनकाउंटर हुआ है, वहां की पुलिस इस मामले की जांच नहीं करेगी। जांच का कार्य दूसरे थाने की पुलिस या क्राइम ब्रांच को सौंपा जाएगा।
अफसरों से जांच: एनकाउंटर की जांच वही अधिकारी करेंगे जो एनकाउंटर में शामिल अफसरों से एक रैंक ऊपर होंगे।
परिजनों को सूचना: एनकाउंटर में मारे गए अपराधी के परिजनों को तत्काल सूचना दी जाएगी और यह जानकारी पंचनामा रिपोर्ट में भी दर्ज की जाएगी।
हथियारों की जांच: एनकाउंटर में इस्तेमाल किए गए हथियारों को सरेंडर करना होगा ताकि उनका भी बैलिस्टिक परीक्षण किया जा सके।
अपराधियों के हथियारों का परीक्षण: जिन एनकाउंटरों में अपराधी घायल होते हैं, उनसे बरामद हथियारों का भी बैलिस्टिक परीक्षण अनिवार्य होगा।
डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पुलिस एनकाउंटर से संबंधित सभी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित करते हुए, एनकाउंटर से संबंधित हर पहलू की विस्तृत जांच और प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाएगा।


































